सिवनी। जिले के दक्षिण सामान्य वनमंडल के बरघाट परिक्षेत्र अंतर्गत कोपीझोला जंगल में आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया था. जिसमें बाघ की जगह तेंदुए के पिंजरे में कैद हो गया.वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. तेंदुए को देखने के लिए लोगों का भी भारी हुजूम लग गया.
शिकार के लालच में पिंजरे में फंसे तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण करने पेंच नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक अखिलेश मिश्रा को मौके पर बुलाया गया.तेंदुए को कहां छोड़ा जाए, अब इस पर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा.
बता दें कि बरघाट के वनग्राम कोपीझोला में 18 दिसंबर की दोपहर में एक महिला सोनवती पर बाघ ने हमला कर दिया था. जिससे महिला की मौत हो गई थी. इसके बाद 29 दिसंबर को केवलारी के खैरी जंगल से लगे खेत गए मासूम आदित्य भगत (12) को बाघ ने दबोच लिया था. करीब 700 मीटर दूर घसीट कर जंगल ले के बाद बाघ ने शव का कुछ हिस्सा खा लिया था.
ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. 3 दिन पहले यहां बाघ की दहाड़ लोगों के साथ ही पुलिस और वन कर्मियों ने भी सुनी थी. ग्रामीणों ने प्रशासन पर बाघ को पकड़ने का दवाब बनाया था. इसके लिए विरोध प्रदर्शन भी किया गया.
ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए वन विभाग ने खैरी व कोपीझोला गांव में दो स्थानों पर बाघ को पकड़ने बकरे को चारा बनाकर जंगल में पिंजरा लगाया था. लेकिन बाघ तो नहीं फंसा तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया.