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साइबर फ्राड का मकड़जाल, BSF इंस्पेक्टर 1 महीने डिजिटल अरेस्ट, 71 लाख हुए स्वाहा - GWALIOR DIGITAL ARREST CASE

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में BSF इंस्पेक्टर 71 लाख की ठगी का शिकार हो गए. बता दें बीएसएफ इंस्पेक्टर को 1 महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया.

GWALIOR DIGITAL ARREST CASE
BSF इंस्पेक्टर 1 महीने डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 6, 2025, 6:19 PM IST

ग्वालियर: साइबर ठगों के लिए मध्य प्रदेश का ग्वालियर अब शिकारों की खान बन गया है. शायद यही वजह है कि अब तक ग्वालियर में कई बड़े केस डिजिटल अरेस्ट के आ चुके हैं. जहां साइबर ठगों ने बड़ी-बड़ी ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है. अब एक और केस ने पुलिस को चौंका कर रख दिया है, क्योंकि अबकी बार BSF के इंस्पेक्टर ठगी का शिकार हुए हैं. साइबर ठगों ने पीड़ित को करीब 1 महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिए 71 लाख रुपये हड़प लिए.

मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बताकर फंसाया

साइबर ठगी का शिकार हुए BSF के टेकनपुर अकादमी में पदस्थ इंस्पेक्टर अवसार अहमद ने ग्वालियर एसपी से मुलाकात कर अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड की जानकारी दी है. ग्वालियर एसपी धर्मबीर यादव ने बताया कि "पीड़ित को दिसंबर के महीने में डिजिटल अरेस्ट किया था. उन्हें वॉट्सऐप पर कॉल कर बताया गया कि उनके मोबाइल नंबर का उपयोग कर आधार के जरिए अलग-अलग खाते खोले गए. जिनसे मनी लॉन्डरिंग की गई है. उस आधार पर ठगों ने उन्हें करीब एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. साथ ही फरियादी से कई बड़ी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कराई गई."

ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट मामला (ETV Bharat)

ठगों ने परिवार को केस में घसीटने के नाम पर डराया

फरियादी अवसार अहमद मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनका परिवार लखनऊ में रहता है और बेटा दिल्ली में छात्र है. खुद इंस्पेक्टर अवसार अहमद ग्वालियर के टेकनपुर में स्थित BSF एकेडमी में पदस्थ हैं. वे यहां अकेले रहते हैं. ठगों ने हमेशा की तरह ही उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया, उन्हें बताया गया कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंस चुके हैं. उन्हें परिवार के किसी भी सदस्य से इस बारे में बात न करने की सलाह दी गई. साथ ही उन्हें चेतावनी दी गई कि उनके कॉल रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. ऐसे में अगर वे अपने परिवार के किसी भी सदस्य से इस बारे में बात करेंगे, तो इस केस में उसे भी घसीटा जाएगा. उनकी गिरफ्तारी की जाएगी.

34 ट्रांजेक्शन में ट्रांसफर कराए 71 लाख रुपये

साइबर ठगों के इस चक्रव्यूह में फंसे अवसार अहमद ने पूरे दिसंबर महीने में परिवार के किसी सदस्य को इस बारे में नहीं बताया. इस दौरान बीच बीच में ठगों ने उनसे कई बार अलग-अलग खातों में पैसे भी ट्रांसफर कराए. फरियादी अवसार अहमद ने इस दौरान 5 RTGS और 29 UPI ट्रांजेक्शन के जरिए करीब 71 लाख रुपए से ज्यादा की रकम ठगों को ट्रांसफर कर दी. इसके उन्होंने दिल्ली में मौजूद उनकी जमीन तक बेच दी और सारा पैसा ठगों के सुपुर्द कर दिया.

GWALIOR CYBER FRAUD
पीड़ित ने दर्ज कराई शिकायत (ETV Bharat)

बेटे ने बंधाई हिम्मत तो की पुलिस से शिकायत

बीच में जब अवसार अहमद अपने बेटे से बात होती तो वे अक्सर परेशान रहते. आखिर 2 जनवरी 2025 को जब उनके बेटे को शक हुआ और उसने परेशानी का कारण पूछा. तब जाकर उन्होंने सारी बात अपने बेटे को बतायी. जिसके बाद उनका बेटा दिल्ली से घर आया. सारी स्थिति समझते हुए पिता को हिम्मत बंधाई और उनके साथ हुई ठगी की शिकायत लेकर फरियादी पिता पुत्र ग्वालियर एसपी के पास पहुंचे और अपनी परेशानी बताई.

ट्रांजेक्शन के जरिये होगी ट्रैकिंग

फरियादी से मिले आवेदन के आधार पर साइबर पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के इस केस में एफआईआर दर्ज कर ली है. साथ ही मामले की जांच भी शुरू कर दी है. एसपी धर्मवीर सिंह यादव का कहना है कि "जल्द ही साइबर टीम इस केस से जुड़ी सभी जानकारियां जुटाने का काम करेगी. ठग कौन है, यह पैसा कितने ट्रांजेक्शन में किस तरह ट्रांसफर कराया और किन खातों में पैसे गए हैं. साथ ही पुलिस अधीक्षक ने फरियादी को भी आश्वासन दिया है कि वे जल्द से जल्द उनका पैसा रिकवर करने का प्रयास करेंगे.

ग्वालियर: साइबर ठगों के लिए मध्य प्रदेश का ग्वालियर अब शिकारों की खान बन गया है. शायद यही वजह है कि अब तक ग्वालियर में कई बड़े केस डिजिटल अरेस्ट के आ चुके हैं. जहां साइबर ठगों ने बड़ी-बड़ी ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है. अब एक और केस ने पुलिस को चौंका कर रख दिया है, क्योंकि अबकी बार BSF के इंस्पेक्टर ठगी का शिकार हुए हैं. साइबर ठगों ने पीड़ित को करीब 1 महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिए 71 लाख रुपये हड़प लिए.

मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बताकर फंसाया

साइबर ठगी का शिकार हुए BSF के टेकनपुर अकादमी में पदस्थ इंस्पेक्टर अवसार अहमद ने ग्वालियर एसपी से मुलाकात कर अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड की जानकारी दी है. ग्वालियर एसपी धर्मबीर यादव ने बताया कि "पीड़ित को दिसंबर के महीने में डिजिटल अरेस्ट किया था. उन्हें वॉट्सऐप पर कॉल कर बताया गया कि उनके मोबाइल नंबर का उपयोग कर आधार के जरिए अलग-अलग खाते खोले गए. जिनसे मनी लॉन्डरिंग की गई है. उस आधार पर ठगों ने उन्हें करीब एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. साथ ही फरियादी से कई बड़ी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कराई गई."

ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट मामला (ETV Bharat)

ठगों ने परिवार को केस में घसीटने के नाम पर डराया

फरियादी अवसार अहमद मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनका परिवार लखनऊ में रहता है और बेटा दिल्ली में छात्र है. खुद इंस्पेक्टर अवसार अहमद ग्वालियर के टेकनपुर में स्थित BSF एकेडमी में पदस्थ हैं. वे यहां अकेले रहते हैं. ठगों ने हमेशा की तरह ही उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया, उन्हें बताया गया कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंस चुके हैं. उन्हें परिवार के किसी भी सदस्य से इस बारे में बात न करने की सलाह दी गई. साथ ही उन्हें चेतावनी दी गई कि उनके कॉल रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. ऐसे में अगर वे अपने परिवार के किसी भी सदस्य से इस बारे में बात करेंगे, तो इस केस में उसे भी घसीटा जाएगा. उनकी गिरफ्तारी की जाएगी.

34 ट्रांजेक्शन में ट्रांसफर कराए 71 लाख रुपये

साइबर ठगों के इस चक्रव्यूह में फंसे अवसार अहमद ने पूरे दिसंबर महीने में परिवार के किसी सदस्य को इस बारे में नहीं बताया. इस दौरान बीच बीच में ठगों ने उनसे कई बार अलग-अलग खातों में पैसे भी ट्रांसफर कराए. फरियादी अवसार अहमद ने इस दौरान 5 RTGS और 29 UPI ट्रांजेक्शन के जरिए करीब 71 लाख रुपए से ज्यादा की रकम ठगों को ट्रांसफर कर दी. इसके उन्होंने दिल्ली में मौजूद उनकी जमीन तक बेच दी और सारा पैसा ठगों के सुपुर्द कर दिया.

GWALIOR CYBER FRAUD
पीड़ित ने दर्ज कराई शिकायत (ETV Bharat)

बेटे ने बंधाई हिम्मत तो की पुलिस से शिकायत

बीच में जब अवसार अहमद अपने बेटे से बात होती तो वे अक्सर परेशान रहते. आखिर 2 जनवरी 2025 को जब उनके बेटे को शक हुआ और उसने परेशानी का कारण पूछा. तब जाकर उन्होंने सारी बात अपने बेटे को बतायी. जिसके बाद उनका बेटा दिल्ली से घर आया. सारी स्थिति समझते हुए पिता को हिम्मत बंधाई और उनके साथ हुई ठगी की शिकायत लेकर फरियादी पिता पुत्र ग्वालियर एसपी के पास पहुंचे और अपनी परेशानी बताई.

ट्रांजेक्शन के जरिये होगी ट्रैकिंग

फरियादी से मिले आवेदन के आधार पर साइबर पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के इस केस में एफआईआर दर्ज कर ली है. साथ ही मामले की जांच भी शुरू कर दी है. एसपी धर्मवीर सिंह यादव का कहना है कि "जल्द ही साइबर टीम इस केस से जुड़ी सभी जानकारियां जुटाने का काम करेगी. ठग कौन है, यह पैसा कितने ट्रांजेक्शन में किस तरह ट्रांसफर कराया और किन खातों में पैसे गए हैं. साथ ही पुलिस अधीक्षक ने फरियादी को भी आश्वासन दिया है कि वे जल्द से जल्द उनका पैसा रिकवर करने का प्रयास करेंगे.

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