भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सिख धर्म के दसवें गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा "श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की. इसके साथ ही हमारे देश की उज्जवल परंपरा में स्वाभिमान और संस्कृति को बचाने के लिए विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपने पूरे परिवार को कुर्बान कर दिया. उनकी ये जीवन यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणादायी है."
गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म व संस्कृति को बचाया
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा "गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने पिता को शहादत देने के लिए भी प्रेरित किया तो अपने साहिबजादों को भी धर्म संस्कृति के लिए कुर्बान किया. हर युग, हर काल में आपकी ये शहादत याद रखी जाएगी." इस मौके पर सीएम डॉ मोहन यादव ने ये घोषणा की "साहिबजादों के बलिदान की गाथा स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी." मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 26 दिसबंर को बाल दिवस मनाने के लिए पीएम मोदी का आभार जताया.
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ननकाना साहिब पाकिस्तान के हिस्से क्यों आया
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा "ननकाना साहेब के लिए कॉरिडोर बनाने का कार्य भी मोदी सरकार ने किया. आजादी के समय हम गुरु नानक देव जी के जन्म स्थान को अपने यहां रख सकते थे, लेकिन नादान लोगों ने उसको पाकिस्तान का हिस्सा बनाया. धर्म मार्ग पर सात्विकता के माध्यम से चलने के लिए परमात्मा को याद करते हुए हमारे सभी गुरुओं ने जीवन जीने का मार्ग दिखाया. साथ ही अगर दुश्मन अपनी नीयत से, अपने छल और चालाकियों से हमारे खिलाफ जाता है तो पंथ बनाकर हथियार उठाकर बहादुरी से लड़ना और अपने देश की रक्षा करना भी गुरु महाराज ने सिखाया है."