सीहोर। जिले में शिक्षा विभाग एवं परिवहन विभाग की लापरवाही एवं उदासीनता देखने को मिल रही है. यहां देखा जा सकता है कि अधिकतर स्कूल बसों में क्षमता से अधिक छात्रों को बैठाया जा रहा है एवं बच्चों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. साथ ही स्कूलों में बच्चों के लिए मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव देखने को मिल रहा है. (Sehore lack of security arrangements in buses)
बिल्डिंग में स्कूल का नाम ही नहींः सीहोर के बुधनी के प्राइवेट स्कूल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की कमी है. इस स्कूल में बच्चों के लिए न तो खेल ग्राउंड की व्यवस्था है न ही स्कूल की बिल्डिंग पर स्कूल का नाम लिखा हुआ है. इस स्कूल में बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है. बच्चों को लाने एवं ले जाने के लिए जिन बसों को चलाया जा रहा है उन स्कूल बसों में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा है. (No school name in the building)
बस में सीसीटीवी भी नहीं हैः वहां जाकर देखने पर पाया कि स्कूल बस में सुरक्षा के लिए कोई सीसीटीवी कैमरा मौजूद है और न कोई अग्नि शमन यंत्र उपलब्ध है. जबकि शिक्षा विभाग एवं परिवहन विभाग के नियम अनुसार जब तक किसी स्कूल में इस प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होती तब तक स्कूल का पंजीयन नहीं किया जा सकता. इस स्कूल को देखकर लगता है कि यह स्कूल शिक्षा विभाग एवं परिवहन विभाग की मेहरबानी से चल रहा है. जब इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परिवहन अधिकारी से बात की गई तो दोनों अधिकारियों ने स्कूल पर कार्रवाई करने की बात कही है. (There is no cctv in bus) (Sehore lack of security arrangements in buses)