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CM के गृह जिले को नहीं छू पाया कोरोना, सफल रही प्रशासनिक मोर्चाबंदी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है, जबकि इस जिले में भोपाल और इंदौर के लोगों का सीधा आना जाना होता है.

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फाइल फोटो
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Published : Apr 17, 2020, 1:03 PM IST

सीहोर। भारत के कई राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, अब शासन-प्रशासन भी सर्तक हो गया है, प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में कोरोना के एक भी मरीज नहीं हैं, उसी में सीएम शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला भी है. जहां एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है.

सीएम के गृह जिले में नहीं है कोरोना पॉजिटिव

सीहोर में कोरोना की मार को भांपते हुए प्रशासन ने अपने स्तर पर मोर्चाबंदी शुरू कर दी है, इस खतरनाक वायरस की रोकथाम के लिए पूरा अमला जुटा है. जिसका नतीजा ये है कि सीहोर कोरोना मुक्त है, जबकि इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित जिलों भोपाल और इंदौर के लोगों का सीधा आना-जाना होता है.

कलेक्टर अजय गुप्ता का कहना है कि पहले चरण का लॉकडाउन होने के पहले जिले में कोरोना की मोर्चाबंदी शुरू कर दी गई थी. प्रशासनिक अमले को तैयारियों में लगा दिया गया था. सरकारी तंत्र की अंतिम कड़ी ग्राम कोटवार से लेकर ग्रामीण रोजगार सहायकों और स्वास्थ्य विभाग के अमले को जोड़ा गया और जिले की गूगल शीट तैयार कर इस सूची में उन लोगों को शामिल किया गया, जो जिले के थे और बाहर रह रहे थे.

इस दौरान इंदौर से 6500, भोपाल से 4000 सहित बाहरी राज्यों से करीब 22 हजार लोग लौटकर आए. तैयारी का फायदा ये हुआ कि बाहर से आने वाले एक-एक व्यक्ति को पहले से ही चिह्नित कर उसके साथ स्वास्थ्य परीक्षण दल को लगा दिया गया.

सीहोर। भारत के कई राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, अब शासन-प्रशासन भी सर्तक हो गया है, प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में कोरोना के एक भी मरीज नहीं हैं, उसी में सीएम शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला भी है. जहां एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है.

सीएम के गृह जिले में नहीं है कोरोना पॉजिटिव

सीहोर में कोरोना की मार को भांपते हुए प्रशासन ने अपने स्तर पर मोर्चाबंदी शुरू कर दी है, इस खतरनाक वायरस की रोकथाम के लिए पूरा अमला जुटा है. जिसका नतीजा ये है कि सीहोर कोरोना मुक्त है, जबकि इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित जिलों भोपाल और इंदौर के लोगों का सीधा आना-जाना होता है.

कलेक्टर अजय गुप्ता का कहना है कि पहले चरण का लॉकडाउन होने के पहले जिले में कोरोना की मोर्चाबंदी शुरू कर दी गई थी. प्रशासनिक अमले को तैयारियों में लगा दिया गया था. सरकारी तंत्र की अंतिम कड़ी ग्राम कोटवार से लेकर ग्रामीण रोजगार सहायकों और स्वास्थ्य विभाग के अमले को जोड़ा गया और जिले की गूगल शीट तैयार कर इस सूची में उन लोगों को शामिल किया गया, जो जिले के थे और बाहर रह रहे थे.

इस दौरान इंदौर से 6500, भोपाल से 4000 सहित बाहरी राज्यों से करीब 22 हजार लोग लौटकर आए. तैयारी का फायदा ये हुआ कि बाहर से आने वाले एक-एक व्यक्ति को पहले से ही चिह्नित कर उसके साथ स्वास्थ्य परीक्षण दल को लगा दिया गया.

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