सीहोर। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान अब 'बुलडोजर मामा' के नए अवतार में नजर आ रहे हैं. उन्होंने कई पटकथा भी लिखी है. दरअसल, उनकी छवि बच्चियों के लिए हमेशा चिंता करने और ध्यान रखने वाले मामा की रही है. लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की जनता एवं बहन बेटियों के लिए लाडली लक्ष्मी, लाडली बहना जैसी कई योजनाएं चला रहे. दूसरी ओर सीएम के गृह जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूर वाडिया खेड़ी औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार करने के लिए सैकड़ों परिवारों को घर से बेघर किया जा रहा है. अपने घरों को बचाने के लिए बच्चियों ने मामा से गुहार लगाई है.
घर से लोगों को क्यों कर रहे बेघर: सीहोर जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर गांव टोला भीमपुरा ग्राम पंचायत चंदेरी में आता है. इस गांव में घुमकड़ जाती के सैकड़ों परिवार वर्षों से अपने कच्चे-पक्के मकान बना कर रह रहे. कुछ ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास भी मिला है. शिक्षा विभाग ने टोला भीमपूरा से जिला मुख्यालय एवं ग्राम पंचायत मुख्यालय चंदेरी की दूरी होने के कारण प्राथमिक स्कूल भी खोला. जिसमें ग्रामीण बच्चे भविष्य को संवारने के लिए पढ़ने जाते हैं, लेकिन सैकड़ों परिवार वालों पर न जाने किसकी नजर लग गई. उद्योग स्थापित करने के लिए इन गरीबों की जमीन पास में लगे वाडिया खेड़ी उद्योग क्षेत्र के नाम कर दी गई. शासन और प्रशासन इन गरीबों के घरों को तोड़कर घर से बेघर कर रहे हैं.
मामा से भांजियों ने लगाई गुहार: सीहोर प्रशासन का बुलडोजर ग्रामीणों के घरों को तोड़ने पहुंचा तो 2 बच्चे बुलडोजर पर चढ़ गए और अपने घरों को नहीं तोड़ने दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें बुलडोजर घरों को तोड़ने के लिए आगे बढ़ते ही सारे बच्चे बुलडोजर के सामने आकर रोने लगते है. सीएम के भांजा भांजी रोते-रोते अपने मामा से पुकार लगाते हैं कि मामा हमारा आशियाना बचा लीजिए. हमारे गांव को बख्श दीजिए. हमारे गांव की भूमि पुनः वापस दे दीजिए. वहीं सीएम मामा की गरीब लाडली बहने भी सीएम मामा से मांग कर रही हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने गरीब बेरोजगार बेसहारों को भूखंड उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमत्री के जन्मदिन 5 मार्च को रीवा से एक योजना लागू की थी. जिसमें प्रदेश में हर गरीब को जमीन देना और पक्के मकान बना कर देना है लेकिन अब सवाल उठता है कि सरकार कैसे लोगों को घरों से बेघर कर रही है.
पुलिस और राजस्व अधिकारियों को बच्चियों ने भगाया: ग्रामीणों का कहना है कि "सीहोर कलेक्टर से मांग कर चुके हैं. ग्राम पंचायत द्वारा भी प्रस्ताव पास करके कलेक्टर और तहसीलदार को भेज दिया है. इन गरीबों के विस्थापन के लिए सरकार और जिला प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाए. इन लोगों को घर से बेघर करने के लिए बार-बार राजस्व पुलिस बुलडोजर लेकर टोला भीम पूरा गांव पहुंच जाते है. इस बार जब बुलडोजर गांव पहुंचा मकान तोड़ने तो सीएम के गरीब भांजा-भांजियों ने मकानों को नहीं तोड़ने दिया. बुलडोजर के सामने खड़े होकर प्रशासन को खदेड़ दिया गया. जमीन से बेदखल करने आए पुलिस और राजस्व अधिकारियों को बच्चों ने भागा दिया. अभी तो अपने घरों को बचा लिया."