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सीहोर: फसल बीमा राशि दिए जाने की मांग को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन - Additional Collector Gunja Pine

बीमा कंपनियों ने किसानों को आधी अधूरी हास्य पद राशि वितरित की है, जिसे लेकर किसानों ने गुस्सा जाहिर किया और कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा है.

Farmers protest in collectorate premises to demand crop insurance amount
फसल बीमा राशि दिए जाने की मांग को लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Sep 23, 2020, 4:58 PM IST

सीहोर। जिले में बीमा कंपनियों ने किसानों को आधी अधूरी राशि वितरित की है, जिसके बाद किसानों का गुस्सा बाहर आ रहा है. इसी कड़ी में इछावर तहसील के हल्का क्रमांक 8 के ग्राम दुर्गापुरा, सुनार खेड़ी, विशन खेड़ा, कालिया खेड़ी आमला के सैकड़ो किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां जमकर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. वहीं सही आंकलन कर उचित फसल बीमा राशि देने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर भोपाल इंदौर हाइवे पर चक्का जाम करने की चेतावनी भी दी है.

किसानों का कहना है कि जावर तहसील ग्राम के विशन खेड़ी, कालिया खेड़ी में प्रधानमंत्री फसल बीमा 2019 की बीमा राशि किसी भी किसान के खाते में नहीं आई है. जबकि बीमा कंपनी को 50% से अधिक नुकसान होने की रिपोर्ट भेजी गई थी, पिछले साल 2019 में शासन ने हल्का नंबर 8 में नुकसान की मुआवजा राशि प्रदान की गई है.

किसानों ने कहा कि फसल में जो कटिंग होती है, वैसे ही नहीं होती है. इस कटिंग पर उनकी पूरी जमीन भूमि वाले खेतों के साथ-साथ नीचे वाली जमीन के खेतों में भी कटिंग जरुरी करनी चाहिए. जिससे सही आंकलन किया जा सके, किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही एक ज्ञापन अपर कलेक्टर को सौंपा है.

सीहोर। जिले में बीमा कंपनियों ने किसानों को आधी अधूरी राशि वितरित की है, जिसके बाद किसानों का गुस्सा बाहर आ रहा है. इसी कड़ी में इछावर तहसील के हल्का क्रमांक 8 के ग्राम दुर्गापुरा, सुनार खेड़ी, विशन खेड़ा, कालिया खेड़ी आमला के सैकड़ो किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां जमकर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. वहीं सही आंकलन कर उचित फसल बीमा राशि देने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर भोपाल इंदौर हाइवे पर चक्का जाम करने की चेतावनी भी दी है.

किसानों का कहना है कि जावर तहसील ग्राम के विशन खेड़ी, कालिया खेड़ी में प्रधानमंत्री फसल बीमा 2019 की बीमा राशि किसी भी किसान के खाते में नहीं आई है. जबकि बीमा कंपनी को 50% से अधिक नुकसान होने की रिपोर्ट भेजी गई थी, पिछले साल 2019 में शासन ने हल्का नंबर 8 में नुकसान की मुआवजा राशि प्रदान की गई है.

किसानों ने कहा कि फसल में जो कटिंग होती है, वैसे ही नहीं होती है. इस कटिंग पर उनकी पूरी जमीन भूमि वाले खेतों के साथ-साथ नीचे वाली जमीन के खेतों में भी कटिंग जरुरी करनी चाहिए. जिससे सही आंकलन किया जा सके, किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही एक ज्ञापन अपर कलेक्टर को सौंपा है.

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