ETV Bharat / state

आयुष्मान योजना: मध्यप्रदेश के एक हजार अस्पतालों पर जांच की तलवार, नई गाइडलाइन बनी - AYUSHMAN YOJNA NEW GUIDELINES

मध्यप्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों में व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार ने बनाया फुलप्रूफ प्लान.

Ayushman yojna new guidelines
आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार की सख्ती (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 12:48 PM IST

भोपाल : मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत कई अस्पतालों ने फर्जीवाड़े किए हैं. लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें आने के बाद अब मोहन यादव सरकार ने शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. मरीजों के फर्जी बिल लगाकर सरकारी खजाने को चपत लगा रहे भोपाल के 200 समेत प्रदेश के एक हजार अस्पताल जांच के दायरे में हैं. सरकार आयुष्मान योजना में गड़बड़ियों को रोकने के लिए नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानि एसओपी बनाने जा रही है. गड़बड़ियां रोकने के लिए कुछ तत्कालिक बदलाव भी किए गए हैं.

डायलिसिस का क्लैम पाने के लिए नई गाइडलाइन

आयुष्मान योजना के मध्यप्रदेश के सीईओ डॉ. योगेश भरसट ने बताया "सरकार आयुष्मान योजना की गड़बड़ियों को रोकने के लिए नई एसओपी तैयार कर रही है. अभी लोग शिकायत कर रहे थे कि डायलिसस के मामले में अस्पताल संचालक फर्जी बिल बनाकर सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ऐसे में हमने इसमें बदलाव किया है. डायलिसिस मरीजों के लिए एक जरूरी बदलाव राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) ने किया है. इसके तहत आयुष्मान से जुड़े अस्पतालों को डार्यालिसस पर क्लैम तभी मिलेगा, जब डॉक्टर या अस्पताल अधीक्षक मरीज के साथ फोटो टीएसएम पोर्टल पर अपलोड करेगा. यदि टीएसएम पोर्टल पर फोटो अपलोड नहीं हुए तो क्लैम रिजेक्ट कर दिया जाएगा."

शिकायत सही मिली तो इंपैनल्ड अस्पताल होंगे बाहर

आयुष्मान योजना के तहत भोपाल जिले के 200 और प्रदेश के 1000 से अधिक इम्पैनल्ड अस्पतालों की नए सिरे से जांच की जा रही है. इनमें फर्जी बिलिंग और इलाज में अनियमितता की शिकायत मिल रही थी. यही शिकायतें गली-मोहल्लों में संचालित आरोग्य अस्पतालों के खिलाफ भी मिल रही थीं. अब सरकार शिकायत मिलने वाले इंपैनल्ड अस्पतालों की जांच करेगा. यदि शिकायत सही पाई जाती है तो अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे अस्पतालों को आयुष्मान योजना की सूची से बाहर किया जाएगा.

प्रदेश के एक हजार अस्पतालों की होगी स्क्रीनिंग

मध्यप्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत इंपैनल्ड एक हजार अस्पतालों की स्क्रीनिंग की जाएगी. इसमें उनकी मूलभूत सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों के बारे में जानकारी ली जाएगी. यदि ऐसे अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं, तो उनके खिलाफ मान्यता रद्द करने समेत अन्य कार्रवाई होगी. गुणवत्तापूर्ण इलाज नहीं मिलने और जरूरी संसाधन नहीं होने पर ऐसे अस्पतालों को डीलिस्ट किया जाएगा. अस्पतालों के क्लैम सेटलमेंट, मरीजों की शिकायतों और इलाज की गुणवत्ता पर आधारित नए मानक तय किए जाएंगे. अस्पतालों की रैंकिंग बनाई जाएगी, जिससे अच्छे अस्पतालों को फायदा मिलेगा और खराब अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई होगी.

भोपाल : मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत कई अस्पतालों ने फर्जीवाड़े किए हैं. लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें आने के बाद अब मोहन यादव सरकार ने शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. मरीजों के फर्जी बिल लगाकर सरकारी खजाने को चपत लगा रहे भोपाल के 200 समेत प्रदेश के एक हजार अस्पताल जांच के दायरे में हैं. सरकार आयुष्मान योजना में गड़बड़ियों को रोकने के लिए नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानि एसओपी बनाने जा रही है. गड़बड़ियां रोकने के लिए कुछ तत्कालिक बदलाव भी किए गए हैं.

डायलिसिस का क्लैम पाने के लिए नई गाइडलाइन

आयुष्मान योजना के मध्यप्रदेश के सीईओ डॉ. योगेश भरसट ने बताया "सरकार आयुष्मान योजना की गड़बड़ियों को रोकने के लिए नई एसओपी तैयार कर रही है. अभी लोग शिकायत कर रहे थे कि डायलिसस के मामले में अस्पताल संचालक फर्जी बिल बनाकर सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ऐसे में हमने इसमें बदलाव किया है. डायलिसिस मरीजों के लिए एक जरूरी बदलाव राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) ने किया है. इसके तहत आयुष्मान से जुड़े अस्पतालों को डार्यालिसस पर क्लैम तभी मिलेगा, जब डॉक्टर या अस्पताल अधीक्षक मरीज के साथ फोटो टीएसएम पोर्टल पर अपलोड करेगा. यदि टीएसएम पोर्टल पर फोटो अपलोड नहीं हुए तो क्लैम रिजेक्ट कर दिया जाएगा."

शिकायत सही मिली तो इंपैनल्ड अस्पताल होंगे बाहर

आयुष्मान योजना के तहत भोपाल जिले के 200 और प्रदेश के 1000 से अधिक इम्पैनल्ड अस्पतालों की नए सिरे से जांच की जा रही है. इनमें फर्जी बिलिंग और इलाज में अनियमितता की शिकायत मिल रही थी. यही शिकायतें गली-मोहल्लों में संचालित आरोग्य अस्पतालों के खिलाफ भी मिल रही थीं. अब सरकार शिकायत मिलने वाले इंपैनल्ड अस्पतालों की जांच करेगा. यदि शिकायत सही पाई जाती है तो अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे अस्पतालों को आयुष्मान योजना की सूची से बाहर किया जाएगा.

प्रदेश के एक हजार अस्पतालों की होगी स्क्रीनिंग

मध्यप्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत इंपैनल्ड एक हजार अस्पतालों की स्क्रीनिंग की जाएगी. इसमें उनकी मूलभूत सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों के बारे में जानकारी ली जाएगी. यदि ऐसे अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं, तो उनके खिलाफ मान्यता रद्द करने समेत अन्य कार्रवाई होगी. गुणवत्तापूर्ण इलाज नहीं मिलने और जरूरी संसाधन नहीं होने पर ऐसे अस्पतालों को डीलिस्ट किया जाएगा. अस्पतालों के क्लैम सेटलमेंट, मरीजों की शिकायतों और इलाज की गुणवत्ता पर आधारित नए मानक तय किए जाएंगे. अस्पतालों की रैंकिंग बनाई जाएगी, जिससे अच्छे अस्पतालों को फायदा मिलेगा और खराब अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.