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पिता और मासूम बेटे की मौत ने ऐसा झकझोरा, लाखों की नौकरी छोड़ जीत लिए कई अवॉर्ड्स - CHHINDWARA ENGINEER TURNED FARMER

राहुल वसूले ने पहले कैंसर से अपने पिता को खोया फिर ब्रेन ट्यूमर से 3 साल के बेटे को. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी.

received many awards at national level
राष्ट्रीय स्तर पर मिल चुके हैं कई अवॉर्ड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 5, 2025, 10:59 PM IST

छिंदवाड़ा: मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों रुपये महीने कमाने वाले राहुल वसूले ने पहले कोलोन कैंसर से अपने पिता को खोया और फिर बाद में ब्रेन ट्यूमर से 3 साल के बेटे ने दुनिया को अलविदा कह दिया. डॉक्टर से जब राहुल ने इन बीमारियों के होने का कारण पूछा तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. इसके बाद राहुल वसूले ने नौकरी छोड़कर ऐसा काम शुरू किया जिससे लोगों को इन खतरनाक बीमारियों से बचाया जा सके. इसके लिए दिन रात मेहनत की और अब देश भर में वाहवाही लूट रहे हैं.

पिता और बेटे को खोने के बाद शुरू की जैविक खेती

राहुल कुमार वसूले ने बीटेक और एमबीए किया है. उन्होंने अपने पिता को पहले कोलोन कैंसर से फिर अपने 3 साल के बेटे को ब्रेन ट्यूमर से खोया है. जब राहुल ने डॉक्टर से पूछा कि आखिर इतनी कम उम्र में उनके बेटे को ब्रेन ट्यूमर और पिता को कोलोन कैंसर क्यों हुआ तो डॉक्टर ने बताया कि ज्यादातर खानपान में रासायनिक तत्व उपयोग हो रहे हैं जिसकी वजह से यह बीमारियां फैल रही हैं. ये कारण काफी थे उन्हें ये सोचने और समझने के लिए.

Chhindwara organic farming
छिंदवाड़ा में जैविक खेती (ETV Bharat)

इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर जैविक खेती को करना शुरू किया. जैविक खेती करने के लिये उन्होंने सबसे पहले देश के विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त किया और कृषि विभाग के अधिकारियों और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन भी प्राप्त किया. जिसमें प्रमुख रूप से रीजनल सेंटर ऑफ ऑर्गेनिक फार्मिंग, साइंटिफिक वे ऑफ डेयरी फार्मिंग, मशरूम फार्मिंग, इंडो इसराइल प्रोजेक्ट द्वारा संरक्षित खेती इत्यादि ट्रेनिंग सम्मिलित हैं.

Chhindwara Millionaire farmer Rahul Kumar vasule
छिंदवाड़ा के करोड़पति किसान राहुल कुमार (ETV Bharat)

15 लाख का पैकेज छोड़कर बने किसान

राहुल कुमार वसूले एक ऐसे किसान हैं जो इंजीनियर और मैनेजमेंट ग्रेजुएट हैं. 15 साल पावर प्लांट में इंजीनियर की नौकरी करने के बाद 2018 में 15 लाख का पैकेज छोड़ दिया. अब प्राकृतिक और गौ-आधारित जैविक कृषि और पशुपालन के माध्यम से अत्याधुनिक खेती कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष में मिलेट्स उत्पादन और मिलेट्स के खाद्य प्रसंस्करण द्वारा नवरत्न आटा बनाने की यूनिट लगाई है. जिससे उन्हें अपनी एक अलग पहचान मिली है. राहुल वसूले प्राकृतिक और जैविक कृषि के माध्यम से अब हर साल लगभग 1.5 करोड़ रूपये से अधिक का टर्नओवर प्राप्त कर रहे हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर मिल चुके हैं कई अवॉर्ड

03 दिसंबर 2024 को आईएआरआई मेला ग्राउंड पूसा दिल्ली में आयोजित एमएफओआई अवार्ड सेरेमनी में राहुल कुमार को मिलेनियर फॉर्मर ऑफ इंडिया 2024 के नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. यह मिलेनियर फॉर्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड का नेशनल अवॉर्ड भारत की प्रमुख कृषि पत्रिका कृषि जागरण, आई.सी.ए.आर, पूसा एवं सभी कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से आयोजित किया जाता है.

समाज में रसायनों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरुकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए राहुल कुमार वसूले को कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है. 23 सितंबर 2022 को ताज होटल आगरा में आयोजित जैविक इंडिया अवार्ड में उन्हें प्रथम स्थान मिल चुका है. साल 2023 में स्वर्गीय प्रभाकर राव केलकरजी की स्मृति में आयोजित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ का गौ आधारित जैविक कृषि का अवार्ड मिला.

जैविक खेती के साथ ही करते हैं दुग्ध उत्पादन

किसान राहुल कुमार वसूले अनाज, सब्जियों और मशरूम उत्पादन के साथ ही दुग्ध उत्पादन का कार्य भी कर रहे हैं, जिससे जिले के अन्य किसान भी प्रेरित होकर जैविक और प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. कृषि विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यशालाओं में सहभागिता कर उन्होंने गोबर, गौमूत्र, नीम आदि का उपयोग कर जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र और अन्य जैविक खाद, केंचुआ खाद आदि बनाना सीखा एवं अब अपनी खेती में इसका भरपूर उपयोग कर रहे हैं. उनके पास 10 एकड़ भूमि है जिसमें वे जैविक खेती कर रहे हैं.

मिलेट्स में ज्वार,बाजरा,रागी की खेती

राहुल कुमार वसूले द्वारा जैविक खेती से विभिन्न सब्जियों टमाटर, फ्रेंचबीन, ब्रोकली, फूलगोभी, तरबूज, ककड़ी और अन्य सब्जियों की खेती कर विपुल उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है. अनाज में गेंहू, मक्का, तुअर, चना, मूंग, मोठ एवं मोटे अनाजों (मिलेट्स) में ज्वार, बाजरा, रागी आदि की खेती भी की जा रही है. खेती के अलावा पशुपालन और दुग्ध उत्पादन भी किया जा रहा है.

दूसरे राज्यों में भी मिलेट्स की करते हैं सप्लाई

राहुल वसूले द्वारा उत्पादित गेहूं, चना, मूंग, ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी आदि और गुड़, हल्दी और मिर्ची के पाउडर के देश भर में डिमांड है. गुड़गांव, नोयडा, पुणे, मुंबई, नागपुर जैसे कई शहरों में सप्लाई हो रही हैं. ये सभी वस्तुयें पी.जी.एस. सर्टिफाइड जैविक वस्तुयें हैं, जिनकी अत्यधिक मांग है. इस कार्य से लगभग 25 से 30 व्यक्तियों को भी रोजगार मिला है. उन्होंने श्रीराम जैविक कृषक समूह भी बनाया है जिससे लगभग 600 से 700 किसान जुड़े हैं.

छिंदवाड़ा: मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों रुपये महीने कमाने वाले राहुल वसूले ने पहले कोलोन कैंसर से अपने पिता को खोया और फिर बाद में ब्रेन ट्यूमर से 3 साल के बेटे ने दुनिया को अलविदा कह दिया. डॉक्टर से जब राहुल ने इन बीमारियों के होने का कारण पूछा तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. इसके बाद राहुल वसूले ने नौकरी छोड़कर ऐसा काम शुरू किया जिससे लोगों को इन खतरनाक बीमारियों से बचाया जा सके. इसके लिए दिन रात मेहनत की और अब देश भर में वाहवाही लूट रहे हैं.

पिता और बेटे को खोने के बाद शुरू की जैविक खेती

राहुल कुमार वसूले ने बीटेक और एमबीए किया है. उन्होंने अपने पिता को पहले कोलोन कैंसर से फिर अपने 3 साल के बेटे को ब्रेन ट्यूमर से खोया है. जब राहुल ने डॉक्टर से पूछा कि आखिर इतनी कम उम्र में उनके बेटे को ब्रेन ट्यूमर और पिता को कोलोन कैंसर क्यों हुआ तो डॉक्टर ने बताया कि ज्यादातर खानपान में रासायनिक तत्व उपयोग हो रहे हैं जिसकी वजह से यह बीमारियां फैल रही हैं. ये कारण काफी थे उन्हें ये सोचने और समझने के लिए.

Chhindwara organic farming
छिंदवाड़ा में जैविक खेती (ETV Bharat)

इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर जैविक खेती को करना शुरू किया. जैविक खेती करने के लिये उन्होंने सबसे पहले देश के विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त किया और कृषि विभाग के अधिकारियों और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन भी प्राप्त किया. जिसमें प्रमुख रूप से रीजनल सेंटर ऑफ ऑर्गेनिक फार्मिंग, साइंटिफिक वे ऑफ डेयरी फार्मिंग, मशरूम फार्मिंग, इंडो इसराइल प्रोजेक्ट द्वारा संरक्षित खेती इत्यादि ट्रेनिंग सम्मिलित हैं.

Chhindwara Millionaire farmer Rahul Kumar vasule
छिंदवाड़ा के करोड़पति किसान राहुल कुमार (ETV Bharat)

15 लाख का पैकेज छोड़कर बने किसान

राहुल कुमार वसूले एक ऐसे किसान हैं जो इंजीनियर और मैनेजमेंट ग्रेजुएट हैं. 15 साल पावर प्लांट में इंजीनियर की नौकरी करने के बाद 2018 में 15 लाख का पैकेज छोड़ दिया. अब प्राकृतिक और गौ-आधारित जैविक कृषि और पशुपालन के माध्यम से अत्याधुनिक खेती कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष में मिलेट्स उत्पादन और मिलेट्स के खाद्य प्रसंस्करण द्वारा नवरत्न आटा बनाने की यूनिट लगाई है. जिससे उन्हें अपनी एक अलग पहचान मिली है. राहुल वसूले प्राकृतिक और जैविक कृषि के माध्यम से अब हर साल लगभग 1.5 करोड़ रूपये से अधिक का टर्नओवर प्राप्त कर रहे हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर मिल चुके हैं कई अवॉर्ड

03 दिसंबर 2024 को आईएआरआई मेला ग्राउंड पूसा दिल्ली में आयोजित एमएफओआई अवार्ड सेरेमनी में राहुल कुमार को मिलेनियर फॉर्मर ऑफ इंडिया 2024 के नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. यह मिलेनियर फॉर्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड का नेशनल अवॉर्ड भारत की प्रमुख कृषि पत्रिका कृषि जागरण, आई.सी.ए.आर, पूसा एवं सभी कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से आयोजित किया जाता है.

समाज में रसायनों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरुकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए राहुल कुमार वसूले को कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है. 23 सितंबर 2022 को ताज होटल आगरा में आयोजित जैविक इंडिया अवार्ड में उन्हें प्रथम स्थान मिल चुका है. साल 2023 में स्वर्गीय प्रभाकर राव केलकरजी की स्मृति में आयोजित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ का गौ आधारित जैविक कृषि का अवार्ड मिला.

जैविक खेती के साथ ही करते हैं दुग्ध उत्पादन

किसान राहुल कुमार वसूले अनाज, सब्जियों और मशरूम उत्पादन के साथ ही दुग्ध उत्पादन का कार्य भी कर रहे हैं, जिससे जिले के अन्य किसान भी प्रेरित होकर जैविक और प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. कृषि विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यशालाओं में सहभागिता कर उन्होंने गोबर, गौमूत्र, नीम आदि का उपयोग कर जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र और अन्य जैविक खाद, केंचुआ खाद आदि बनाना सीखा एवं अब अपनी खेती में इसका भरपूर उपयोग कर रहे हैं. उनके पास 10 एकड़ भूमि है जिसमें वे जैविक खेती कर रहे हैं.

मिलेट्स में ज्वार,बाजरा,रागी की खेती

राहुल कुमार वसूले द्वारा जैविक खेती से विभिन्न सब्जियों टमाटर, फ्रेंचबीन, ब्रोकली, फूलगोभी, तरबूज, ककड़ी और अन्य सब्जियों की खेती कर विपुल उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है. अनाज में गेंहू, मक्का, तुअर, चना, मूंग, मोठ एवं मोटे अनाजों (मिलेट्स) में ज्वार, बाजरा, रागी आदि की खेती भी की जा रही है. खेती के अलावा पशुपालन और दुग्ध उत्पादन भी किया जा रहा है.

दूसरे राज्यों में भी मिलेट्स की करते हैं सप्लाई

राहुल वसूले द्वारा उत्पादित गेहूं, चना, मूंग, ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी आदि और गुड़, हल्दी और मिर्ची के पाउडर के देश भर में डिमांड है. गुड़गांव, नोयडा, पुणे, मुंबई, नागपुर जैसे कई शहरों में सप्लाई हो रही हैं. ये सभी वस्तुयें पी.जी.एस. सर्टिफाइड जैविक वस्तुयें हैं, जिनकी अत्यधिक मांग है. इस कार्य से लगभग 25 से 30 व्यक्तियों को भी रोजगार मिला है. उन्होंने श्रीराम जैविक कृषक समूह भी बनाया है जिससे लगभग 600 से 700 किसान जुड़े हैं.

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