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सीहोर में अर्द्धनग्न होकर रेलवे के निजीकरण का कांग्रेस ने किया विरोध

रेलवे के निजीकरण के विरोध में मंगलवार को कांग्रेस ने सीहोर के सीवन घाट पर अर्द्ध नग्न होकर प्रदर्शन किया.

Congress protested against the privatization of indian railways by being half-naked in sehore
सीहोर में अर्द्धनग्न होकर रेलवे के निजीकरण का कांग्रेस ने किया विरोध
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Published : Jul 7, 2020, 5:52 PM IST

सीहोर। शहर कांग्रेस और मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग ने चुनिंदा रेल मार्गों पर ट्रेन चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को मिली इजाजत का विरोध किया है. रेलवे के इस फैसले के विरोध में मंगलवार को शहर के कस्बा हनुमान फाटक के पास स्थित सीवन नदी के घाट पर अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. भारतीय रेलवे के निजीकरण के खिलाफ सरकार द्वारा चुनिंदा मार्गों पर निजी ट्रेनों को चलाने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं, जिसे लेकर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया.

सरकारी संपत्ति निजीकरण की ओर बढ़ गई

इस संबंध में जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष राजेश भूरा यादव ने बताया कि जबसे वर्तमान भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार 2014 से सत्ता में आई है. तभी से कई सार्वजनिक उपक्रम और सरकारी संपत्ति निजीकरण की ओर बढ़ गई है. इसको लेकर राज्य सभा सांसद राजमणि पटेल और प्रदेश के आह्वान पर प्रदर्शन करने के पश्चात राष्ट्रपति को पत्र लिखकर निजीकरण को रोकने की मांग की है.

रेलवे यात्रा का सबसे सस्ता साधन

शहर कांग्रेस अध्यक्ष ओम वर्मा ने कहा, सरकार रेलवे को एक निजी व्यवसाय में बदलने का प्रयास कर रही है, जबकि आम आदमी के लिए रेलवे यात्रा का सबसे सस्ता साधन है. जिसे सार्वजनिक सेवा के तौर पर ही बने रहना चाहिए. यही वजह है कि कांग्रेस ने एक प्रतीकात्मक शर्टलेस विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार के इस कदम का विरोध किया जा रहा है.

निजीकरण करने की अनुमति

कांग्रेस का कहना है कि आज देश के दर्जनों स्टेशन, कल-कारखानों को निजीकरण करने की अनुमति दे दी गई है. यहां रेलकर्मचारी की जगह अब प्राइवेट के ठेकेदारों के चुनिंदा लोग कार्य करेंगे. इससे निश्चित ही क्वालिटी में कमी आएगी और रेल हादसों का दौर जारी हो जाएगा.

भारतीय रेल का भी भविष्य अंधकारमय हो जाएगा

उन्होंने कहा अगर आज हम लोग एक नहीं हुए, तो हमारा भविष्य के साथ-साथ भारतीय रेल का भी भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. उन्होंने कहा, नीति केंद्रीय कर्मचारियों के हित में नहीं है. खून पसीने की कमाई का हिस्सा अब बाजार पर डिपेंड हो जाएगा. मुनाफा हुआ तो कुछ मिलेगा, नहीं तो कुछ नहीं मिलेगा. केंद्र सरकार ने 30 साल सेवा और उम्र 55 तक ही कार्य करने की अनुमति जैसी योजना बनाई है. कई कर्मचारियों को योजना के तहत अनफिट कर दिया जाएगा.

सीहोर। शहर कांग्रेस और मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग ने चुनिंदा रेल मार्गों पर ट्रेन चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को मिली इजाजत का विरोध किया है. रेलवे के इस फैसले के विरोध में मंगलवार को शहर के कस्बा हनुमान फाटक के पास स्थित सीवन नदी के घाट पर अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. भारतीय रेलवे के निजीकरण के खिलाफ सरकार द्वारा चुनिंदा मार्गों पर निजी ट्रेनों को चलाने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं, जिसे लेकर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया.

सरकारी संपत्ति निजीकरण की ओर बढ़ गई

इस संबंध में जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष राजेश भूरा यादव ने बताया कि जबसे वर्तमान भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार 2014 से सत्ता में आई है. तभी से कई सार्वजनिक उपक्रम और सरकारी संपत्ति निजीकरण की ओर बढ़ गई है. इसको लेकर राज्य सभा सांसद राजमणि पटेल और प्रदेश के आह्वान पर प्रदर्शन करने के पश्चात राष्ट्रपति को पत्र लिखकर निजीकरण को रोकने की मांग की है.

रेलवे यात्रा का सबसे सस्ता साधन

शहर कांग्रेस अध्यक्ष ओम वर्मा ने कहा, सरकार रेलवे को एक निजी व्यवसाय में बदलने का प्रयास कर रही है, जबकि आम आदमी के लिए रेलवे यात्रा का सबसे सस्ता साधन है. जिसे सार्वजनिक सेवा के तौर पर ही बने रहना चाहिए. यही वजह है कि कांग्रेस ने एक प्रतीकात्मक शर्टलेस विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार के इस कदम का विरोध किया जा रहा है.

निजीकरण करने की अनुमति

कांग्रेस का कहना है कि आज देश के दर्जनों स्टेशन, कल-कारखानों को निजीकरण करने की अनुमति दे दी गई है. यहां रेलकर्मचारी की जगह अब प्राइवेट के ठेकेदारों के चुनिंदा लोग कार्य करेंगे. इससे निश्चित ही क्वालिटी में कमी आएगी और रेल हादसों का दौर जारी हो जाएगा.

भारतीय रेल का भी भविष्य अंधकारमय हो जाएगा

उन्होंने कहा अगर आज हम लोग एक नहीं हुए, तो हमारा भविष्य के साथ-साथ भारतीय रेल का भी भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. उन्होंने कहा, नीति केंद्रीय कर्मचारियों के हित में नहीं है. खून पसीने की कमाई का हिस्सा अब बाजार पर डिपेंड हो जाएगा. मुनाफा हुआ तो कुछ मिलेगा, नहीं तो कुछ नहीं मिलेगा. केंद्र सरकार ने 30 साल सेवा और उम्र 55 तक ही कार्य करने की अनुमति जैसी योजना बनाई है. कई कर्मचारियों को योजना के तहत अनफिट कर दिया जाएगा.

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