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स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की तर्ज पर बना है ये ऑल सेंट्स चर्च, जानिए इसकी खास बातें - स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की कॉपी है ऑलसेंट्स चर्च

जिले में 182 साल पुराना एतिहासिक चर्च मौजूद है, जो साल 1834 में अंग्रेजी हुकूमत के पहले पॉलीटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में बनवाया था. इस चर्च को बनने में 182 साल का समय लगा था.

स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की तर्ज पर बना ऑलसेंट्स चर्च
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Published : Nov 20, 2019, 9:24 AM IST

सीहोर। जिले में 182 साल पुराना एतिहासिक ऑलसेंट्स चर्च स्थित है, जिसके बारे कहा जाता है कि ये 27 साल में बनकर तैयार हुआ. इस चर्च को स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की कॉपी कहा जाता है. ऑलसेंट्स चर्च का निर्माण साल 1834 में अंग्रेजी हुकूमत के पहले पॉलीटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में किया था.

स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की तर्ज पर बना है ये ऑल सेंट्स चर्च

स्कॉटलैंड में बने चर्च को देख कर बनवाया गया

जानकारी के मुताबिक, साल 1860 में सीहोर में बने इस चर्च में पहली बार प्रार्थना की गई थी, तभी से यहां मसीही परिवार प्रार्थना करते आ रहे हैं. हर साल 25 दिसम्बर को क्रिसमस पर यहां विशेष आयोजन होते हैं. यह चर्च स्कॉटलैंड में बने चर्च को देखकर बनवाया गया था. इस तरह का चर्च अब भी स्कॉटलैंड में होना बताया जाता है. 1869 में लन्दन न्यूज में इसकी फोटो भी प्रकाशित हुई थी.

यहां बनी थी सैनिक छावनी !

इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए, जिससे हरियाली से भरपूर वातावरण मिल सके. चर्च की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई हैं, नक्काशी भी उसी तरह की गई, जिस तरह की स्कॉटलैंड चर्च में की गई है. चर्च में वास्तु का भी ध्यान रखा गया है. बताया जा रहा है कि 1818 में भोपाल रियासत अंग्रेजी हुकूमत के कब्जे में आ गई और करीब छह साल बाद अंग्रेजी हुकूमत ने यहां सैनिक छावनी बनाई.

भोपाल रियासत का पहला चर्च

ऐसा कहा जाता है कि ऑल सेंट्स चर्च भोपाल रियासत का पहला चर्च था, इसलिए इसमें भोपाल और उसके आसपास रहने वाले अंग्रेज अधिकारी अक्सर प्रार्थना के लिए आया-जाया करते थे. कई दशक बीत जाने के बाद भी यह चर्च काफी आकर्षक है. ये देखने में ऐसा लगता है जैसे कुछ साल पहले ही बना हो.

सीहोर। जिले में 182 साल पुराना एतिहासिक ऑलसेंट्स चर्च स्थित है, जिसके बारे कहा जाता है कि ये 27 साल में बनकर तैयार हुआ. इस चर्च को स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की कॉपी कहा जाता है. ऑलसेंट्स चर्च का निर्माण साल 1834 में अंग्रेजी हुकूमत के पहले पॉलीटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में किया था.

स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की तर्ज पर बना है ये ऑल सेंट्स चर्च

स्कॉटलैंड में बने चर्च को देख कर बनवाया गया

जानकारी के मुताबिक, साल 1860 में सीहोर में बने इस चर्च में पहली बार प्रार्थना की गई थी, तभी से यहां मसीही परिवार प्रार्थना करते आ रहे हैं. हर साल 25 दिसम्बर को क्रिसमस पर यहां विशेष आयोजन होते हैं. यह चर्च स्कॉटलैंड में बने चर्च को देखकर बनवाया गया था. इस तरह का चर्च अब भी स्कॉटलैंड में होना बताया जाता है. 1869 में लन्दन न्यूज में इसकी फोटो भी प्रकाशित हुई थी.

यहां बनी थी सैनिक छावनी !

इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए, जिससे हरियाली से भरपूर वातावरण मिल सके. चर्च की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई हैं, नक्काशी भी उसी तरह की गई, जिस तरह की स्कॉटलैंड चर्च में की गई है. चर्च में वास्तु का भी ध्यान रखा गया है. बताया जा रहा है कि 1818 में भोपाल रियासत अंग्रेजी हुकूमत के कब्जे में आ गई और करीब छह साल बाद अंग्रेजी हुकूमत ने यहां सैनिक छावनी बनाई.

भोपाल रियासत का पहला चर्च

ऐसा कहा जाता है कि ऑल सेंट्स चर्च भोपाल रियासत का पहला चर्च था, इसलिए इसमें भोपाल और उसके आसपास रहने वाले अंग्रेज अधिकारी अक्सर प्रार्थना के लिए आया-जाया करते थे. कई दशक बीत जाने के बाद भी यह चर्च काफी आकर्षक है. ये देखने में ऐसा लगता है जैसे कुछ साल पहले ही बना हो.

Intro:सीहोर- 27 साल में बनकर तैयार हुआ यह चर्च, स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की कॉपी कहा जाता है यह चर्च!

बाईट-कुलदीप सिंह सेठी, इतिहासकार

सीहोर के ऐसे चर्च के बारे में बताते हैं, जिसके बारे कहा जाता है कि ये 27 साल में बनकर तैयार हुआ। इस चर्च को स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की कॉपी कहा जाता है।

इसे एशिया का सबसे सुंदर चर्च भी कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक ये चर्च 182 साल पुराना है और इसे बनाने में 27 साल लगे थे। ऑलसेंट्स चर्च का निर्माण सन् 1834 में अंग्रेजी हुकुमत के पहले पॉलिटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में बनवाया था। बताते हैं की 1869 में लन्दन न्यूज में इसका फोटो भी प्रकाशित हुआ था।

Body:स्कॉटलैंड में बने चर्च को देख कर बनवाया गया
जानकारी के मुताबिक साल 1860 में सीहोर नगर में बने इस चर्च में पहली बार प्रार्थना की गई थी। हर साल 25 दिसम्बर को क्रिसमस पर यहां विशेष आयोजन होते हैं, तभी से यहां मसीही परिवार प्रार्थना करते आ रहे हैं। यह चर्च स्कॉटलैंड में बने चर्च को देख कर बनवाया गया था। इस तरह का चर्च अब भी स्कॉटलैंड में होना बताया जाता है। 

यहां बनी थी सैनिक छावनी !

इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए, जिससे हरियाली से भरपूर वातावरण मिल सके। चर्च की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई हैं, नक्काशी भी उसी तरह की गई जिस तरह की स्कॉटलैंड चर्च में की गई है। चर्च में वास्तुशास्त्र का भी ध्यान रखा गया है। बताया जाता है कि 1818 में भोपाल रियासत अंग्रेजी हुकूमत के कब्जे में आ गई और करीब छह साल बाद अंग्रेजी हुकूमत ने यहां सैनिक छावनी बनाई। 

इसके बाद 1834 में पहले पॉलीटिकल एजेंट के रूप में जेडब्ल्यू ओसवार्न सीहोर आए और प्रकृति प्रेमी ओसवार्न ने चर्च और उसके आस-पास के इलाके को सुंदर और हरा भरा बनाया। 

भोपाल रियासत का पहला चर्च !
बताते हैं की यह भोपाल रियासत का पहला चर्च है ऑल सेंट्स चर्च भोपाल रियासत का पहला चर्च था, इसीलिए इस चर्च में भोपाल और उसके आसपास रहने वाले अंग्रेज अधिकारी अक्सर प्रार्थना के लिए आया जाया करते थे, कई दशक बीत जाने के बाद भी यह चर्च काफी आकर्षक है जो देखने में ऐसा लगता है जैसे कुछ साल पहले ही बना हो।Conclusion:
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