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ग्रामीण विकास मंत्री के क्षेत्र में चारपाई पर सरकारी सिस्टम, अब तक नहीं बदली गांव की सूरत - Minister of Panchayat and Rural Development

सतना जिले के रामनगर तहसील के एक गांव का सरकारी सिस्टम आज भी चारपाई पर है, जहां के लोगों को अब तक मूलभूत सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है.

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चारपाई पर सिस्टम
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Published : Aug 8, 2020, 11:59 AM IST

Updated : Aug 8, 2020, 4:36 PM IST

सतना। मध्यप्रदेश में एक गांव, जहां का पूरा सरकारी सिस्टम चारपाई पर है, जो बेहद ही शर्मनाक है. बात कर रहे हैं प्रदेश के सतना जिले के रामनगर तहसील के एक गांव की, जहां पर अगर किसी को हॉस्पिटल या बच्चों को स्कूल जाना हो तो बारिश के समय कीचड़ भरी सड़कों से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन आज तक इस गांव तक कोई भी योजना आज तक सड़क नहीं पहुंचा पाई है.

मरीज को चारपाई पर ले जाते ग्रामीण

बुनियादी सुविधाओं का आभाव

चुनावी समय में जनप्रतिनिधियों ने कई वादे किए, लेकिन आज तक इस गांव की तस्वीर जस की तस बनी हुई है. आज भी लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं. अब ये मामला कलेक्टर के पास पहुंचा है तो कलेक्टर ने सड़क को बनवाने की स्वीकृति की बात कही है.

Villagers take the patient to bed
चारपाई पर मरीज

सड़क नहीं होने के कारण कई लोगों ने तोड़ा दम

प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री एवं अमरपाटन विधायक रामखेलावन पटेल के विधानसभा क्षेत्र रामनगर की शर्मनाक तस्वीर है ये, जहां मंत्री के क्षेत्र में रामनगर तहसील से 5 किलोमीटर दूर एक गांव ऐसा है, जहां के लोग आज भी सड़क की सुविधा से वंचित हैं. यहां के लोग सड़क जैसी बुनियादी सुविधा का सालों से इंतजार कर रहे हैं, यही वजह है कि गांव में बीमार होने पर ग्रामीण मरीज को चारपाई पर रखकर कंधे के सहारे अस्पताल ले जाते हैं. बारिश में हालत ये होती है कि अगर कोई इमरजेंसी आ जाए तो उस दौरान या तो लोगों की मौत हो जाती है या फिर लोग तड़पते हुए अस्तताल पहुंचते हैं, लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद वे भी दम तोड़ देते हैं.

Villagers take the patient to bed
कीचड़ में फंसी बाइक

केवल वोट लेने आते हैं नेता

कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन इस गांव की दिशा और दशा आज भी जस की तस बनी हुई है. आजादी के बाद भी यहां के बाशिंदे काफी परेशान और खुद को ठगा हुआ समझ रहे हैं. ग्रामीणों ने कई बार संतरी से लेकर मंत्री तक और बड़े-बड़े अधिकारी-कर्मचारियों को ज्ञापन दिए हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. इस गांव का दुर्भाग्य है कि यहां के लोग सिर्फ मतदाता तक ही सीमित रह गए हैं और हर चुनाव में नेता इनसे केवल वोट लेने आते हैं.

Villagers take the patient to bed
सड़क की स्थिति बद से बदतर

ग्रामीण इसी उम्मीद से उन्हें वोट देते हैं कि शायद उनके गांव की सड़क का विकास हो सके और आवागमन के लिए उन्हें रास्ता मिल जाए. बहरहाल अब क्षेत्र पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री का क्षेत्र है, अब ऐसे में ये देखना होगा कि मंत्री ग्रामीणों के लिए क्या कर पाते हैं?

सतना। मध्यप्रदेश में एक गांव, जहां का पूरा सरकारी सिस्टम चारपाई पर है, जो बेहद ही शर्मनाक है. बात कर रहे हैं प्रदेश के सतना जिले के रामनगर तहसील के एक गांव की, जहां पर अगर किसी को हॉस्पिटल या बच्चों को स्कूल जाना हो तो बारिश के समय कीचड़ भरी सड़कों से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन आज तक इस गांव तक कोई भी योजना आज तक सड़क नहीं पहुंचा पाई है.

मरीज को चारपाई पर ले जाते ग्रामीण

बुनियादी सुविधाओं का आभाव

चुनावी समय में जनप्रतिनिधियों ने कई वादे किए, लेकिन आज तक इस गांव की तस्वीर जस की तस बनी हुई है. आज भी लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं. अब ये मामला कलेक्टर के पास पहुंचा है तो कलेक्टर ने सड़क को बनवाने की स्वीकृति की बात कही है.

Villagers take the patient to bed
चारपाई पर मरीज

सड़क नहीं होने के कारण कई लोगों ने तोड़ा दम

प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री एवं अमरपाटन विधायक रामखेलावन पटेल के विधानसभा क्षेत्र रामनगर की शर्मनाक तस्वीर है ये, जहां मंत्री के क्षेत्र में रामनगर तहसील से 5 किलोमीटर दूर एक गांव ऐसा है, जहां के लोग आज भी सड़क की सुविधा से वंचित हैं. यहां के लोग सड़क जैसी बुनियादी सुविधा का सालों से इंतजार कर रहे हैं, यही वजह है कि गांव में बीमार होने पर ग्रामीण मरीज को चारपाई पर रखकर कंधे के सहारे अस्पताल ले जाते हैं. बारिश में हालत ये होती है कि अगर कोई इमरजेंसी आ जाए तो उस दौरान या तो लोगों की मौत हो जाती है या फिर लोग तड़पते हुए अस्तताल पहुंचते हैं, लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद वे भी दम तोड़ देते हैं.

Villagers take the patient to bed
कीचड़ में फंसी बाइक

केवल वोट लेने आते हैं नेता

कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन इस गांव की दिशा और दशा आज भी जस की तस बनी हुई है. आजादी के बाद भी यहां के बाशिंदे काफी परेशान और खुद को ठगा हुआ समझ रहे हैं. ग्रामीणों ने कई बार संतरी से लेकर मंत्री तक और बड़े-बड़े अधिकारी-कर्मचारियों को ज्ञापन दिए हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. इस गांव का दुर्भाग्य है कि यहां के लोग सिर्फ मतदाता तक ही सीमित रह गए हैं और हर चुनाव में नेता इनसे केवल वोट लेने आते हैं.

Villagers take the patient to bed
सड़क की स्थिति बद से बदतर

ग्रामीण इसी उम्मीद से उन्हें वोट देते हैं कि शायद उनके गांव की सड़क का विकास हो सके और आवागमन के लिए उन्हें रास्ता मिल जाए. बहरहाल अब क्षेत्र पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री का क्षेत्र है, अब ऐसे में ये देखना होगा कि मंत्री ग्रामीणों के लिए क्या कर पाते हैं?

Last Updated : Aug 8, 2020, 4:36 PM IST
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