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यूरिया की किल्लत से किसान परेशान, घंटों लाइन में लगने को मजबूर - satna Urea crisis

सतना में किसानों को यूरिया के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सहकारी समितियों के सामने घंटों तक लाइन में लगना पड़ रहा है. जिससे उन पर कोरोना संक्रमण का खतरा भी मंडरा रहा है.

urea crisis
यूरिया की किल्लत
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Published : Sep 7, 2020, 9:21 AM IST

सतना। जिले में एक बार फिर किसानों के सामने यूरिया खाद की समस्या आ खड़ी हुई है. किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. कहने को तो जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है, लेकिन वितरण में लापरवाही के चलते किसानों के सामने यूरिया संकट खड़ा हो गया है. हालात ये हैं कि सहकारी समितियों से यूरिया लेने पहुंचे किसानों को सुबह से लेकर शाम तक लाइनों में लगना पड़ रहा है. तब जाकर उन्हें यूरिया मिल पा रहा है. कई किसानों की तो बारी तक नहीं आ पाती. जिससे उन्हें निराश होकर वापस भी लौटना पड़ जाता है.

यूरिया की किल्लत

जिले में अभी तक 6 हजार 223 मीट्रिक टन यूरिया आया है. जिसमें से 5871 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण हो चुका है. जबकि 3 हजार 121 मीट्रिक टन समितियों में भेजी गई हैं.

इसके साथ ही अभी दो रैक यूरिया की मांग की गई है. जिससे किसानों को यूरिया उपलब्ध कराया जा सके. बता दें जिले में लगातार यूरिया की कालाबाजारी की खबरें भी सामने आती रहीं हैं. लिहाजा प्रशासन अब सख्त रुख अपना रहा है. हाल ही में ईओडब्ल्यू की टीम ने भी जिले में कार्रवाई की थी. जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है.

कोरोना जैसी महामारी के बीच किसान लाइनों में लगने को मजबूर हैं. ईटीवी भारत से किसानों ने दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रहा है. घंटों में लाइन लगाने पर नंबर आता है.

कभी-कभार तो वो भी नहीं आ पाता. एक किसान ने तो इसके लिए शिवराज सरकार को दोषी ठहराया. यहां के हालात देखकर कोरोना संक्रमण के खतरे को नकारा नहीं जा सकता है. लेकिन हजारों किसान यूरिया के लिए इस खतरे से रोज दो-चार हो रहे हैं.

सतना। जिले में एक बार फिर किसानों के सामने यूरिया खाद की समस्या आ खड़ी हुई है. किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. कहने को तो जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है, लेकिन वितरण में लापरवाही के चलते किसानों के सामने यूरिया संकट खड़ा हो गया है. हालात ये हैं कि सहकारी समितियों से यूरिया लेने पहुंचे किसानों को सुबह से लेकर शाम तक लाइनों में लगना पड़ रहा है. तब जाकर उन्हें यूरिया मिल पा रहा है. कई किसानों की तो बारी तक नहीं आ पाती. जिससे उन्हें निराश होकर वापस भी लौटना पड़ जाता है.

यूरिया की किल्लत

जिले में अभी तक 6 हजार 223 मीट्रिक टन यूरिया आया है. जिसमें से 5871 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण हो चुका है. जबकि 3 हजार 121 मीट्रिक टन समितियों में भेजी गई हैं.

इसके साथ ही अभी दो रैक यूरिया की मांग की गई है. जिससे किसानों को यूरिया उपलब्ध कराया जा सके. बता दें जिले में लगातार यूरिया की कालाबाजारी की खबरें भी सामने आती रहीं हैं. लिहाजा प्रशासन अब सख्त रुख अपना रहा है. हाल ही में ईओडब्ल्यू की टीम ने भी जिले में कार्रवाई की थी. जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है.

कोरोना जैसी महामारी के बीच किसान लाइनों में लगने को मजबूर हैं. ईटीवी भारत से किसानों ने दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रहा है. घंटों में लाइन लगाने पर नंबर आता है.

कभी-कभार तो वो भी नहीं आ पाता. एक किसान ने तो इसके लिए शिवराज सरकार को दोषी ठहराया. यहां के हालात देखकर कोरोना संक्रमण के खतरे को नकारा नहीं जा सकता है. लेकिन हजारों किसान यूरिया के लिए इस खतरे से रोज दो-चार हो रहे हैं.

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