सतना। उत्तर प्रदेश के अपराधियों के लिए मध्यप्रदेश शरण स्थली बनता जा रहा है. कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के उज्जैन में पकड़े जाने के बाद अब यूपी के एक और फरार आरोपियों की तलाश में यूपी पुलिस ने मैहर में दबिश देकर महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि यूपी पुलिस को चकमा देकर मुख्य आरोपी सुरेंद्र कालिया फरार हो गया. महिला और उसके पति सुरेंद्र कालिया के खिलाफ लखनऊ में कई मामले दर्ज हैं. सुरेंद्र कालिया बाहुबली रेलवे ठेकेदार, जिला पंचायत सदस्य और हिस्ट्री शीटर है. उसे लखनऊ के विकास दुबे के तौर पर भी पहचाना जाता है.
सूत्रों से हासिल जानकारी के अनुसार लखनऊ पुलिस ने सोमवार को मैहर में दबिश देकर तमाम आपराधिक मामलों में फरार चल रहे लखनऊ के अपराधी और बाहुबली ठेकेदार सुरेंद्र कालिया की जिला पंचायत सदस्य पत्नी रीता शुक्ला और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है. ये लोग मैहर के एक होटल से पकड़े गए हैं. इस सब के बीच मुख्य आरोपी यहां से भी फरार होने में कामयाब हो गया. उसके ऊपर यूपी पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा है.
बताया जा रहा है कि, आरोपी रविवार की रात करीब 7.45 बजे एसयूबी से मैहर पहुंचा था. यहां उन्होंने बड़ा अखाड़ा के सामने स्थित एक होटल में कमरे बुक किए. कमरों की बुकिंग के लिए इलाहाबाद के नाम पते वाली विवेक मिश्रा नामक शख्स की आईडी दी गई. पता चला है कि, जिसकी आईडी पर होटल बुकिंग कराई गई, वो ड्राइवर की थी. होटल संचालक ने एक ही आईडी पर चार लोगों जिनमें एक महिला और 3 पुरुष शामिल थे, के लिए कमरे बुक कर दिए.
अब इस मामले में होटल संचालक की मुश्किलें भी अब बढ़ सकती हैं. पकड़े गए आरोपियों ने सोमवार की सुबह मैहर में त्रिकूट पर्वत पर विराजी माता शारदा के दर्शन किए और वापस होटल आ गए. होटल से सुबह लगभग 8 बजे ये निकलने की तैयारी में थे कि तभी तीन गाड़ियों में सवार लखनऊ पुलिस ने इन्हें धर दबोचा. कालिया खुद हरदोई के कछौना वार्ड नंबर एक तो उसकी पत्नी रीता वार्ड नंबर दो से जिला पंचायत सदस्य है. वो कछौना थाना का हिस्ट्रीशीटर है और हरदोई व लखनऊ समेत कई जनपदों में उसके खिलाफ गंभीर धाराओं के मुकदमे भी दर्ज हैं.
हुसैनगंज से उसके खिलाफ वर्ष 2007 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई भी हो चुकी है. कालिया की बड़े रसूखदार नेताओं से नजदीकियां हैं. अयोध्या के एक माफिया और पूर्व विधायक का वो करीबी रहा है. इसके अलावा बसपा के एक अपराधी एमएलसी से भी उसके नजदीकी संबंध रहे हैं. वो अजीत सिंह के साथ भी रहा है. माफिया सरगनाओं के वरदहस्त से ही उसने रेलवे के ठेकों में अपना दखल बढ़ाया है.