सतना। पूरे देश में जहां बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं सतना जिले के उमेश साहनी बेटियों के लिए एक अलग ही मिसाल पेश कर रहे हैं. वे बेटियों की जरूरतें पूरी कर उन्हें आगे बढ़ा रहे हैं, उन्हें पढ़ा रहे हैं और उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रहे हैं. करीब 40 साल पहले एक बच्ची से शुरू हुआ उनका ये कारवां लगातार बढ़ता ही जा रहा है. समाजसेवी उमेश साहनी की सराहना अब सतना विधायक भी कर रहे हैं.
सतना शहर के पुराना पावर हाउस चौक निवासी उमेश साहनी लगातार 14 सालों से निर्धन बच्चियों की जरूरतों को पूरा करने का काम कर रहे हैं. उमेश साहनी ने बताया कि उन्होंने 40 साल पहले इस काम की शुरूआत की थी. एक बेटी को पढ़ाया, वो रिक्शा चालक की बेटी थी. जो कि आज इंजीनियर हैं. उन्हें बहुत गर्व होता है जब वे अपनी इन बच्चियों को इस तरह आगे बढ़ाते और आत्मनिर्भर देखते हैं. इसके बाद वे धीरे-धीरे समाज सेवा में जुट गए. यूं तो नौकरी से समय निकाल वे समाज सेवा करते थे, लेकिन रिटायर्ड होने के बाद पिछले 14 सालों से सिर्फ इस काम में ही जुटे हुए हैं.
इन 14 सालों से वे लगातार गरीब बच्चियों की जरूरतों को पूरा करने का जिम्मा उठाए हुए हैं. उमेश शासकीय विद्यालय, अनाथ आश्रम और गरीब घर में जाकर बच्चियों को चयनित करते हैं. उसके बाद उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ सामाजिक लोगों से चंदा इकट्ठा करते हैं. इसके अलावा वे अपनी पेंशन भी इस नेक काम में लगाते हैं. फिलहाल वे 18 बेटियों की फीस दे उन्हें पढ़ा रहे है. और वे लगातार बच्चियों को कभी छाता तो कभी स्वेटर और न जानें कितनी जरूरत की वस्तुएं देते हैं.
उमेश शासन से इन बेटियों की मदद के लिए कोई सहायता नहीं लेते हैं. हाल ही में इन्होंने सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल कर पुलिस लाइन स्थित मूकबधिर छात्रावास में पढ़ रही बच्चियों को ठंड में काम आने वाली वस्तुएं भेंट की. इस बात से प्रेरित होकर सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने भी समाजसेवी की जमकर प्रशंसा की और कहा कि समाज के अंदर ऐसे लोगों को आगे बढ़ाने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए.
वैसे तो कई NGO ऐसे काम करने के लिए शासन से लाखों का फंड उठाते हैं. लेकिन उस फंड को कहां और कैसे उपयोग किया जाता है इसका पता कभी नहीं चलता. बिना वाहन के पैदल चलकर समाज सेवा करने वाले उमेश साहनी सतना जिले के अंदर एक प्रेरणा के रूप में है. बल्कि इस प्रेरणा की जरूरत हर व्यक्ति को है जो समाज में आकर ऐसे लोगों की मदद करें. जिन्हें अपनी जरूरतें पूरा करने के लिए दर-दर भटकना पड़ता है.