सतना। सरकार विकास के लाख दावे क्यों न करे, लेकिन हकीकत भाषणों से बिल्कुल अगल है. ताजा मामला सतना-नागौद पन्ना मार्ग का है. जहां नेशनल हाई-वे 75 सिविल लाइन से लेकर नागौद-पन्ना मार्ग तक बदहाल हो चुकी है. हालत ये है कि सड़क पर दो-दो फीट से ज्यादा गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिससे बरसात के दिनों में इन गढ्ढों में पानी भर जाता है, वहीं गर्मी में मुसाफिरों को उड़ती धूल की वजह से परेशान होना पड़ता है. इस मार्ग पर बना पुल भी जर्जर हो चुका है, जिससे आये दिन घटनाएं हो रही हैं. बावजूद इसके प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
सतना-नागौद मार्ग पर बना पुल विंध्य क्षेत्र के रीढ़ की हड्डी माना जाता है. कारोबारी वाहन और लोग इसी सड़क से होकर पन्ना-छतरपुर जाते हैं. इस पुल पर बने गड्ढे आए दिन सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं. इस सड़क की मरम्मत के लिए अनशन-आंदोलन किए जा चुके हैं, लेकिन सत्ताधारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.
आम लोगों का आरोप है कि नेता सत्ता में आने के लिए लुभावने वादे करते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद आम जनता की समस्या की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता. इस मार्ग के मरम्मत के लिए करोड़ों रुपये खर्च किया जा चुका है, लेकिन सड़क की हालत जस की तस बनी हुई है. जिसके चलते ये सड़क मौत के गढ्ढों में तब्दील हो चुकी है.
ये हाल सिर्फ एक सड़क का नहीं है, सतना जिले के मैहर, अमरपाटन, नागौद, रामपुर और रैगांव विधानसभा क्षेत्रों में भी सड़कें बदहाल हैं. जिसकी वजह से आये दिन घटनाएं हो रही हैं, बावजूद इसके लोग जान की बाजी लगाकर इन्हीं खस्ताहाल सड़कों से गुजरने को मजबूर हैं.