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Satna News: 'कोदो की रोटी बनी जहर' होने लगी उल्टियां, एक ही परिवार के 11 लोग हुए बीमार

सतना के पिथौराबाद में कोदो की रोटी खाने से एक ही परिवार के 11 लोगों की जान पर बन आई. रोटी खाने से उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद सभी सदस्यों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. फिलहाल सभी खतरे से बाहर हैं.

Satna kodo roti
सतना में कोदो की रोटी खाकर बीमार
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Published : Jan 28, 2023, 7:34 PM IST

सतना। जिले के पिथौराबाद गांव में कोदो की रोटी खाने से एक ही परिवार के 11 सदस्यों की तबियत बिगड़ गई, जिन्हे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऊंचेहरा में भर्ती कराया गया है. जानकारी के अनुसार उचेहरा विकासखंड के पिथौराबाद गांव में रहने वाले साहू परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार की शाम को घर में कोदो की रोटी बनाकर खाया. देर रात परिवार के सदस्यों को उल्टियां होने लगी, ऐसे में स्थानीय लोगों की मदद से समीप के उचेहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया. जहां पर परिवार के 11 सदस्यों का इलाज चल रहा है.

जान पर आफत बनी कोदो की रोटी: पिथौराबाद के किराना व्यापारी बसंतलाल साहू के परिवार में शुक्रवार की रात कोदों की रोटी बनाई गई थी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एक ही परिवार के 11 लोगों को रात में भर्ती किया गया है, जिसमे फूड पॉइजनिंग की आशंका है, सभी का इलाज जारी है और खतरे से बाहर है. अस्पताल में परिवार के बसंतलाल साहू, सावित्री साहू, गणेश साहू, रश्मि साहू, प्रातुल साहू, प्रिंस, काजल, मनदीप, प्रीति, उर्मिला साहू, प्रीति का इलाज चल रहा है.

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क्या है कोदो: कोदो या कोदों या एक अनाज है जो कम वर्षा में भी पैदा हो जाता है. भारत के विभिन्न भागों में इसकी पुराने समय से ही की जाती रही है. धान आदि के कारण इसकी खेती अब कम होती जा रही है. कोदो का पौधा धान या बडी घास के आकार का होता है. इसकी फसल पहली वर्षा के समय बोई जाती है. छिलका उतरने पर इसके अंदर से एक प्रकार के गोल चावल निकलते हैं जो खाए जाते हैं. कोदो की रोटी और चावल बनाकर खाया जाता है. डायबटीज के रोगियों को कोदो खाने की सलाह दी जाती है.

सतना। जिले के पिथौराबाद गांव में कोदो की रोटी खाने से एक ही परिवार के 11 सदस्यों की तबियत बिगड़ गई, जिन्हे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऊंचेहरा में भर्ती कराया गया है. जानकारी के अनुसार उचेहरा विकासखंड के पिथौराबाद गांव में रहने वाले साहू परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार की शाम को घर में कोदो की रोटी बनाकर खाया. देर रात परिवार के सदस्यों को उल्टियां होने लगी, ऐसे में स्थानीय लोगों की मदद से समीप के उचेहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया. जहां पर परिवार के 11 सदस्यों का इलाज चल रहा है.

जान पर आफत बनी कोदो की रोटी: पिथौराबाद के किराना व्यापारी बसंतलाल साहू के परिवार में शुक्रवार की रात कोदों की रोटी बनाई गई थी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एक ही परिवार के 11 लोगों को रात में भर्ती किया गया है, जिसमे फूड पॉइजनिंग की आशंका है, सभी का इलाज जारी है और खतरे से बाहर है. अस्पताल में परिवार के बसंतलाल साहू, सावित्री साहू, गणेश साहू, रश्मि साहू, प्रातुल साहू, प्रिंस, काजल, मनदीप, प्रीति, उर्मिला साहू, प्रीति का इलाज चल रहा है.

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क्या है कोदो: कोदो या कोदों या एक अनाज है जो कम वर्षा में भी पैदा हो जाता है. भारत के विभिन्न भागों में इसकी पुराने समय से ही की जाती रही है. धान आदि के कारण इसकी खेती अब कम होती जा रही है. कोदो का पौधा धान या बडी घास के आकार का होता है. इसकी फसल पहली वर्षा के समय बोई जाती है. छिलका उतरने पर इसके अंदर से एक प्रकार के गोल चावल निकलते हैं जो खाए जाते हैं. कोदो की रोटी और चावल बनाकर खाया जाता है. डायबटीज के रोगियों को कोदो खाने की सलाह दी जाती है.

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