सतना। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में रामपुर नैकिन में बीती रात बड़ा सड़क हादसा हो गया. घटना में अभी तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचा. बीते दिन हुई घटना का जिम्मेदार स्थानीय लोगों ने प्रशासन को बताया.
घटना को लेकर सतना ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर स्थानीय लोगों से जानकारी ली. लोगों ने बताया कि घटना सुबह करीब 7बजे की है. जैसे ही बस नहर में गिरी तुरंत स्थानीय लोगों ने कूंदकर लोगों को बचाने की कोशिश करने लगे. हालांकि पानी ज्यादा होने और नहर की गहराई ज्यादा होने के चलते स्थानीय 7 लोगों की ही जान बचा पाए.
शिवराज जी ! सीधी छुहिया घाटी की सड़क 'अमेरिका' जैसी हैं क्या ?
वहीं ग्रामीणों ने तुरंत प्रशासन को घटना की सूचना दी, लेकिन कई घंटों बाद प्रशासन पहुंचा. बस के चालक ने कूंदकर खुद की जान बचा ली थी. ग्रामीणों का कहना है कि अगर नहर के चारों और सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से रेलिंग या बैरिकेडस लगाए गए होते तो इतनी बड़ी दुर्घटना नहीं होती. इसके साथ ही छुहिया घाटी में लगे जाम की वजह से बस का रूट बदला और एक बड़ा हादसा हो गया.
दूसरे दिन भी जारी रेस्क्यू
बता दें सीधी सड़क हादसे में आज दूसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सुबह 6 बजे से शुरू हुए रेस्क्यू में चार और लोगों के शव मिले हुए हैं. वहीं सीधी के कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने 51 लोगों के मरने की पुष्टि कर दी है. रेस्क्यू ऑपरेशन में 600 जवान तैनात किए गए हैं. वहीं सीधी के पास के जिलों सिंगरौली, सतना और रीवा से भी पुलिस बल को बुलाया गया है.
हादसा कैसे हुआ ?
नहर में गिरी बस जबलनाथ ट्रेवेल्स की थी, जोकि हर दिन छुहिया घाटी के रास्ते सतना जाती थी. हादसे का सबसे बड़ा कारण रास्ते का संकरा होना माना जा रहा है. बस अपने तय रुट नेशनल हाई-वे नंबर 39 से सीधी से सतना जा रही थी, लेकिन घाटी के रास्ते में खराब सड़क और गढ्ढे की वजह से जाम लगा था. ड्राइवर जाम की वजह से बस को संकरे रास्ते से ले गया, जो नहर से लगकर निकलती है. ड्राइवर ने संतुलन खोया और हादसा हो गया.
कहा जा रहा है कि बस की क्षमता 32 सवारियों की थी. इसमें अवैध तरीके से 58 यात्रियों को ले जाया जा रहा था. रूट बदलने और संकरे रास्ते के चलते ये दुर्घटना हुई. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. रेलवे, एनटीपीसी और एएनएम के विभिन्न पदों के लिए एग्जाम के चलते बस में सवारियों की संख्या ज्यादा थी.