सतना। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी द्वारा श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने की आंच सतना तक आ पहुंची है. भारतीय शक्ति चेतना पार्टी एवं भगवती मानव कल्याण संगठन ने इसका जमकर विरोध किया है, संगठन के कार्यकर्ताओं ने पहले रामचरित मानस की विधिवत पूजा की फिर समाजवादी पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन को देश के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर सपा नेताओं के इस कृत्य की निंदा कर कार्रवाई की मांग की.
मानस की गलत व्याख्या: भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के जिला अध्यक्ष लोकेश सिंह दिखित ने कहा कि समाजवादी पार्टी द्वारा जो रामचरित मानस की प्रतियां जलाई और फाड़ी गई हैं उसके विरोध में ज्ञापन सौंपा है और प्रधानमंत्री जी से मांग की है कि ऐसे लोगों पर शीघ्र कार्रवाई की जाए. समाजवादी पार्टी के लोग रामचरित मानस की गलत व्याख्या करके देश को जाति के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा है. भगवती मानव कल्याण संगठन ने कहा कि समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं ने हाल ही में उत्तरप्रदेश मे रामचरितमानस की प्रतियां जलाई हैं, जिससे सनातन धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.
ये है मामला: सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस की चौपाइयों को लेकर सवाल किए थे. स्वामी प्रसाद के बयान के बाद लखनऊ में कार्यकर्ताओं नें धार्मिक ग्रंथ की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. मौर्य ने कहा था कि, "कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है". यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से आपत्तिजनक अंशों को हटाना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए." मौर्य के इस बयान पर एमपी में भी कई संगठन इसके विरोध में आ गए हैं और इसकी निंदा की है.