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डॉक्टर की लापरवाही ने ली प्रसूता की जान, ऑपरेशन के बाद ठीक से नहीं मिला इलाज - Maternal death in district hospital

जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से एक प्रसूता की मौत हो गई. मृतका ने कुछ दिन पहले ऑपरेशन से एक बच्चे को जन्म दिया था. जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ी और समय पर इलाज नहीं मिलने के चलते उसकी मौत हो गयी.

डॉक्टर की लापरवाही ने ली प्रसूता की जान
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Published : Sep 5, 2019, 6:01 PM IST

Updated : Sep 5, 2019, 9:09 PM IST

सतना। जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से टिकुरिया टोला निवासी एक प्रसूता की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने मृतका का इलाज नहीं किया. परिजनों ने इसकी शिकायत सिटी कोतवाली में दर्ज कराई है. जिसके बाद पुलिस और तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली और जांच के निर्देश दिए हैं.

डॉक्टर की लापरवाही ने ली प्रसूता की जान, ऑपरेशन के बाद ठीक से नहीं मिला इलाज


मृतक की बीते 23 अगस्त को डिलीवरी हुई थी, जिसका ऑपरेशन डॉक्टर रेखा त्रिपाठी ने किया था. ऑपरेशन के चार दिन बाद प्रसूता की अस्पताल से छुट्टी कर दिया गया और टांके कटवाने के लिए 31 अगस्त को बुलाया गया था, लेकिन टांके से मवाद आने के चलते एक दिन पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया.


परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में भर्ती कराने के दो दिनों तक डॉक्टर इलाज करने नहीं आई. अस्पताल की नर्सों ने एक दो टांके काटने के बाद गंध आने की बात कहते हुए टांके को हाथ तक नहीं लगाया. इसके बाद वे प्रसूता को लेकर डॉक्टर के निजी क्लीनिक पर पहुंचे, लेकिन डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया. जिससे गुरुवार की सुबह इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई.


जिसके बाद मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार शैलेंद्र शर्मा ने पूरे मामले पर जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रशासन से अस्पताल को एक लेटर जारी करने की बात कही है , ताकि जिला चिकित्सालय में ऐसे मामलों की पुनरावृति न हो.

सतना। जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से टिकुरिया टोला निवासी एक प्रसूता की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने मृतका का इलाज नहीं किया. परिजनों ने इसकी शिकायत सिटी कोतवाली में दर्ज कराई है. जिसके बाद पुलिस और तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली और जांच के निर्देश दिए हैं.

डॉक्टर की लापरवाही ने ली प्रसूता की जान, ऑपरेशन के बाद ठीक से नहीं मिला इलाज


मृतक की बीते 23 अगस्त को डिलीवरी हुई थी, जिसका ऑपरेशन डॉक्टर रेखा त्रिपाठी ने किया था. ऑपरेशन के चार दिन बाद प्रसूता की अस्पताल से छुट्टी कर दिया गया और टांके कटवाने के लिए 31 अगस्त को बुलाया गया था, लेकिन टांके से मवाद आने के चलते एक दिन पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया.


परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में भर्ती कराने के दो दिनों तक डॉक्टर इलाज करने नहीं आई. अस्पताल की नर्सों ने एक दो टांके काटने के बाद गंध आने की बात कहते हुए टांके को हाथ तक नहीं लगाया. इसके बाद वे प्रसूता को लेकर डॉक्टर के निजी क्लीनिक पर पहुंचे, लेकिन डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया. जिससे गुरुवार की सुबह इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई.


जिसके बाद मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार शैलेंद्र शर्मा ने पूरे मामले पर जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रशासन से अस्पताल को एक लेटर जारी करने की बात कही है , ताकि जिला चिकित्सालय में ऐसे मामलों की पुनरावृति न हो.

Intro:एंकर --
सतना जिला अस्पताल में फिर एक प्रसूता की हुई मौत. मौत के पश्चात प्रसूता के परिजनों ने डॉक्टर रेखा त्रिपाठी व स्टाफ नर्स पर लगाया लापरवाही का आरोप. मृतिका के परिजनों ने इसकी शिकायत सिटी कोतवाली थाने में दर्ज कराई. जिसके बाद मौके पर सतना पुलिस तहसीलदार पहुंचकर मामले पर जांच के बाद कार्रवाई करने का आदेश दिया ।


Body:Vo 1--
सतना जिले में फिर एक नवजात के सिर मां का साया उठ गया. पूरा मामला सतना शहर के टिकुरिया टोला निवासी छाया सिंह उम्र 28 वर्ष प्रसूता ने सतना जिला चिकित्सालय में बीते दिनांक 23 अगस्त को डॉ रेखा त्रिपाठी द्वारा किए गए सीजर के बाद एक नवजात बच्चे को जन्म दिया था. और 3 दिन बाद प्रसूता की अस्पताल से छुट्टी कर दी जाती है. और उसे बीते दिनांक 31अगस्त को सीजर की टांके को कटने के लिए डॉक्टर द्वारा जिला अस्पताल बुलाया गया था. मृतिका के परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे लेकिन 2 दिन तक उसे देखने के लिए महिला डॉक्टर नहीं आई. और आज सुबह जब महिला की मौत जिला अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई तो परिजनों ने हंगामा करने की कोशिश की लेकिन उन्हें अस्पताल चौकी पुलिस ने समझाइश देकर मामले को शांत कराया. मृतिका के पति सूरज सिंह ने मामले की शिकायत सिटी कोतवाली थाने में दर्ज कराई. जिसके बाद प्रसूता के शव को पीएम पंचनामा कार्रवाई के लिए पोस्टमार्टम गृह में रखा गया. स्थिति बिगड़ते देख पुलिस द्वारा जिला प्रशासन को अवगत कराया गया जिसके बाद सतना नायब तहसीलदार शैलेंद्र शर्मा मौके पर पहुंचे. तहसीलदार ने इस पूरे मामले पर जांच के आदेश दिए हैं. जिसके बाद जो तथ्य सामने आएंगे उस पर कार्रवाई करने की बात कही.और जिला अस्पताल में एक लेटर जारी करने की बात कही कि दोबारा इस तरह की पुनरावृति जिला चिकित्सालय में ना हो ।

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सुरेश सिंह -- मृतिका के परिजन ।
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शैलेंद्र शर्मा -- नायब तहसीलदार सतना ।


Conclusion:Vo 2--
बहरहाल अक्सर देखा जाता है कि जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से किसी न किसी प्रसूता की मौत हो जाती है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के कान में जू तक नहीं रेंगती बस पूरी कार्रवाई कागजों में तब्दील हो जाती है ।और आज फिर एक मासूम नवजात के सिर से जन्म के पश्चात ही मां का साया उठ गया अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला प्रशासन इसमें किस प्रकार से कार्रवाई करेगा ।
Last Updated : Sep 5, 2019, 9:09 PM IST
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