सतना। जिले में गरीबों के सपनों पर उद्योगपतियों के मंसूबे भारी पड़ गए और सरकार की गरीब कल्याण योजना पीएम आवास योजना खटाई में फंस गई है. शहर से लगे दो पंचायत सगमनिया और नैना गांव के लोगों के लिए पक्की छत का सपना हवा हवाई हो चुका है. सरकार ने पीएम आवास के लिए राशि भी जारी की, पात्र हितग्राहीयों ने पीएम आवास बनाने का काम भी शुरू किया, लेकिन अब जिला प्रशासन ने इन निर्माणों पर रोक लगा दी है. दरअसल, बिरला सीमेंट फैक्ट्री ने इन गांवों में खनन लीज स्वीकृत कराई है, ऐसे में वर्षों से आबाद स्थानीय लोगों को खुद की जमीन पर अपना मकान निर्माण नहीं कर पा रहे हैं. गरीब परिवार कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं. (pm awas yojana)
पीएम आवास का ग्रामीणों को नहीं मिल रहा फायदा: सतना जिले के नैना सगमनिया सहित पांच पंचायत के लोग बेहद परेशान हैं. यहां के पुस्तैनी निवासी रिफूजी जैसे जीवन गुजार रहे हैं. सरकार की गरीब कल्याण की पीएम आवास योजना भी इन दो गांवों में बन्द कर दी गई, जिसकी मुख्य वजह बनी बिरला सीमेंट फैक्ट्री. दरअसल, फैक्टरी ने यहां लाइम स्टोन के खनन के लिए खनिज लीज का आवेदन लगा रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन ने यहां नवीन निर्माण पर इन दो गांवों में रोक लगा दी है. दोनों गांव में सैकड़ों गरीब परिवारों को सरकार में पीएम आवास योजना के तहत लाभांवित किया और राशि भी जारी कर दी. कुछ हितग्राहियों ने कच्चा मकान गिरा कर पक्के मकान बनाना शुरू भी किया, लेकिन अब जिला प्रशासन निर्माण कार्य में रोक लगा दी है. इस वजह से आधे अधूरे मकान खंडहर में तब्दील हो रहे तो कुछ परिवार बे-घर हो गए हैं. ग्रामीणों की माने तो ये अपनी पुस्तैनी जमीन पर रहते हैं, लेकिन जिला प्रशासन के आदेश ने उन्हें कही का नहीं छोड़ा. हाल ये है कि ये जाएं तो जाएं कहां. (satna village government land given cement factory)
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बिरला सीमेंट फैक्ट्री इस समस्या की वजह: इस मामले में जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा का कहना है कि, "खनन लीज एरिया होने पर समस्या सामने आई. जिसकी जांच कराकर विकल्प निकाला जाएगा". इसके साथ ही पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री रामखेलावन पटेल का दावा है कि जल्द समस्या का समाधान होगा. जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए गए हैं. (satna villager cannot make pm housing)