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PM Awas Yojana: सतना का एक ऐसा गांव जहां गरीब नहीं बना सकते पीएम आवास, जानें क्या है वजह

सतना के ग्राम पंचायत नैना सगमनिया में सरकारी जमीनें खनन के लिए एक सीमेन्ट फैक्ट्री को दे दी गईं, जिसकी वजह से यहां पर पीएम आवास स्वीकृत होने के बाद भी गरीब अपना घर नहीं बना सकते हैं. अब पीएम आवास योजना के पात्र गरीब अपना घर बनाने के लिए परेशान हैं, लेकिन उन्हें कहीं से राहत नहीं मिल रही है. कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें दो किश्त मिलने के बाद अपना घर बनाना शुरू कर दिया, लेकिन फैक्ट्री के आवेदन के बाद उन पर रोक लगा दी गई. अब ये निर्माण खंडहर में बदल रहे हैं.(pm awas yojana) (satna village government land given cement factory)

satna villager cannot make pm housing
सतना के ग्रामीण नहीं बना सकते पीएम आवास
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Published : Oct 27, 2022, 9:42 PM IST

Updated : Oct 27, 2022, 10:05 PM IST

सतना। जिले में गरीबों के सपनों पर उद्योगपतियों के मंसूबे भारी पड़ गए और सरकार की गरीब कल्याण योजना पीएम आवास योजना खटाई में फंस गई है. शहर से लगे दो पंचायत सगमनिया और नैना गांव के लोगों के लिए पक्की छत का सपना हवा हवाई हो चुका है. सरकार ने पीएम आवास के लिए राशि भी जारी की, पात्र हितग्राहीयों ने पीएम आवास बनाने का काम भी शुरू किया, लेकिन अब जिला प्रशासन ने इन निर्माणों पर रोक लगा दी है. दरअसल, बिरला सीमेंट फैक्ट्री ने इन गांवों में खनन लीज स्वीकृत कराई है, ऐसे में वर्षों से आबाद स्थानीय लोगों को खुद की जमीन पर अपना मकान निर्माण नहीं कर पा रहे हैं. गरीब परिवार कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं. (pm awas yojana)

सतना के ग्रामीण नहीं बना सकते पीएम आवास

पीएम आवास का ग्रामीणों को नहीं मिल रहा फायदा: सतना जिले के नैना सगमनिया सहित पांच पंचायत के लोग बेहद परेशान हैं. यहां के पुस्तैनी निवासी रिफूजी जैसे जीवन गुजार रहे हैं. सरकार की गरीब कल्याण की पीएम आवास योजना भी इन दो गांवों में बन्द कर दी गई, जिसकी मुख्य वजह बनी बिरला सीमेंट फैक्ट्री. दरअसल, फैक्टरी ने यहां लाइम स्टोन के खनन के लिए खनिज लीज का आवेदन लगा रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन ने यहां नवीन निर्माण पर इन दो गांवों में रोक लगा दी है. दोनों गांव में सैकड़ों गरीब परिवारों को सरकार में पीएम आवास योजना के तहत लाभांवित किया और राशि भी जारी कर दी. कुछ हितग्राहियों ने कच्चा मकान गिरा कर पक्के मकान बनाना शुरू भी किया, लेकिन अब जिला प्रशासन निर्माण कार्य में रोक लगा दी है. इस वजह से आधे अधूरे मकान खंडहर में तब्दील हो रहे तो कुछ परिवार बे-घर हो गए हैं. ग्रामीणों की माने तो ये अपनी पुस्तैनी जमीन पर रहते हैं, लेकिन जिला प्रशासन के आदेश ने उन्हें कही का नहीं छोड़ा. हाल ये है कि ये जाएं तो जाएं कहां. (satna village government land given cement factory)

satna villager cannot make pm housing
सतना के ग्रामीण नहीं बना सकते पीएम आवास

PM Awas Yojana: धनतेरस पर आवासहीनों को मिला सपनों का आशियाना, 6796 मकानों में कराया गया गृह प्रवेश

बिरला सीमेंट फैक्ट्री इस समस्या की वजह: इस मामले में जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा का कहना है कि, "खनन लीज एरिया होने पर समस्या सामने आई. जिसकी जांच कराकर विकल्प निकाला जाएगा". इसके साथ ही पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री रामखेलावन पटेल का दावा है कि जल्द समस्या का समाधान होगा. जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए गए हैं. (satna villager cannot make pm housing)

सतना। जिले में गरीबों के सपनों पर उद्योगपतियों के मंसूबे भारी पड़ गए और सरकार की गरीब कल्याण योजना पीएम आवास योजना खटाई में फंस गई है. शहर से लगे दो पंचायत सगमनिया और नैना गांव के लोगों के लिए पक्की छत का सपना हवा हवाई हो चुका है. सरकार ने पीएम आवास के लिए राशि भी जारी की, पात्र हितग्राहीयों ने पीएम आवास बनाने का काम भी शुरू किया, लेकिन अब जिला प्रशासन ने इन निर्माणों पर रोक लगा दी है. दरअसल, बिरला सीमेंट फैक्ट्री ने इन गांवों में खनन लीज स्वीकृत कराई है, ऐसे में वर्षों से आबाद स्थानीय लोगों को खुद की जमीन पर अपना मकान निर्माण नहीं कर पा रहे हैं. गरीब परिवार कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं. (pm awas yojana)

सतना के ग्रामीण नहीं बना सकते पीएम आवास

पीएम आवास का ग्रामीणों को नहीं मिल रहा फायदा: सतना जिले के नैना सगमनिया सहित पांच पंचायत के लोग बेहद परेशान हैं. यहां के पुस्तैनी निवासी रिफूजी जैसे जीवन गुजार रहे हैं. सरकार की गरीब कल्याण की पीएम आवास योजना भी इन दो गांवों में बन्द कर दी गई, जिसकी मुख्य वजह बनी बिरला सीमेंट फैक्ट्री. दरअसल, फैक्टरी ने यहां लाइम स्टोन के खनन के लिए खनिज लीज का आवेदन लगा रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन ने यहां नवीन निर्माण पर इन दो गांवों में रोक लगा दी है. दोनों गांव में सैकड़ों गरीब परिवारों को सरकार में पीएम आवास योजना के तहत लाभांवित किया और राशि भी जारी कर दी. कुछ हितग्राहियों ने कच्चा मकान गिरा कर पक्के मकान बनाना शुरू भी किया, लेकिन अब जिला प्रशासन निर्माण कार्य में रोक लगा दी है. इस वजह से आधे अधूरे मकान खंडहर में तब्दील हो रहे तो कुछ परिवार बे-घर हो गए हैं. ग्रामीणों की माने तो ये अपनी पुस्तैनी जमीन पर रहते हैं, लेकिन जिला प्रशासन के आदेश ने उन्हें कही का नहीं छोड़ा. हाल ये है कि ये जाएं तो जाएं कहां. (satna village government land given cement factory)

satna villager cannot make pm housing
सतना के ग्रामीण नहीं बना सकते पीएम आवास

PM Awas Yojana: धनतेरस पर आवासहीनों को मिला सपनों का आशियाना, 6796 मकानों में कराया गया गृह प्रवेश

बिरला सीमेंट फैक्ट्री इस समस्या की वजह: इस मामले में जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा का कहना है कि, "खनन लीज एरिया होने पर समस्या सामने आई. जिसकी जांच कराकर विकल्प निकाला जाएगा". इसके साथ ही पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री रामखेलावन पटेल का दावा है कि जल्द समस्या का समाधान होगा. जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए गए हैं. (satna villager cannot make pm housing)

Last Updated : Oct 27, 2022, 10:05 PM IST
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