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बूंद-बूंद को तरस रहे सतना के रहवासी,  3 लाख की आबादी पर महज 4 टैंकर

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Published : May 14, 2020, 5:47 PM IST

Updated : May 14, 2020, 9:14 PM IST

एक तो कोरोना महामारी और ऊपर से पानी की किल्लत, कुछ ऐसा ही हाल है मध्यप्रदेश के सतना जिले का. जहां इस महामारी और भीषण गर्मी के दौर में लोगों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

Municipal Corporation
सतना नगर निगम में पानी की किल्लत

सतना। एक तो कोरोना महामारी और ऊपर से पानी की किल्लत, कुछ ऐसा ही हाल है मध्यप्रदेश के सतना जिले का. जहां इस महामारी और भीषण गर्मी के दौर में लोगों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. दरअसल सतना जिले में नगर निगम क्षेत्र के 45 वार्डों में पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. हालात ये है कि 45 वार्ड के अंदर करीब 3 लाख की आबादी के लिए महज चार टैंकर पानी पहुंचा रहे हैं. जिससे लोगों की सुविधाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है.

3 लाख की आबादी पर महज 4 टैंकर

पानी की किल्लत

प्रदेश में सरकार बीजेपी की है, और सतना में सांसद से लेकर विधायक सब बीजेपी के हैं, लेकिन फिर भी जिले में पानी की किल्लत है. सतना नगर निगम क्षेत्र में लोग कोरोना महामारी और लॉकडाउन के साथ पानी की किल्लत से भी जूझ रहे हैं. शहर में अंदर अमृत योजना समेत सभी पानी की योजना कागजों में लागू है. वास्तविकता में लोगों के घरों तक पानी पहुंच नहीं रहा है. इसके साथ ही अधिकांश वार्ड ऐसे हैं जहां ना तो पानी की सप्लाई पहुंच रही ना ही किसी के यहां टैंकर से पानी पहुंच रहा है.

पानी के लिए परेशान आम लोग

अब इन हालातों में वार्ड के अंदर रहने वाले लोगों में काफी नाराजगी है. नगर निगम क्षेत्र में 45 वार्ड आते हैं. इनमें से अधिकांश वार्डो में पानी की किल्लत गर्मी की शुरूआत होते ही शुरू हो जाती है. सतना नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 9, 10, 11, 12, 25 इन वार्डों में पानी की सबसे ज्यादा किल्लत होती है.

नगर निगम पर लापरवाही का आरोप

मई का महीना चल रहा है. ऐसे में अभी गर्मी का जून-जुलाई का पूरा महीना बांकी है, कहीं न कहीं लोगों के लिए एक बड़ी विडंबना है. वार्ड वासियों की माने तो इसकी शिकायत कई बार नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. बड़े बच्चे बूढ़े बुजुर्ग सभी पानी की किल्लत को लेकर परेशान हैं. टैंकर तो अभी तक वार्ड वासियों ने देखा भी नहीं है. नगर निगम के जल संसाधन विभाग में टैंकर पड़े - पड़े जंग खाकर खराब हो रहे हैं, लेकिन इन्हें देखने वाला भी कोई नहीं है, न ही इनकी मरम्मत कराई जा रही है.

पानी टैंकर बने कबाड़

लिहाजा सरकारी सिस्टम में किस प्रकार से टैंकर कबाड़ की जैसे पड़े हुए हैं, इस प्रकार से सरकारी पैसों का दुरुपयोग कबाड़ के तरीके से हो रहा है. कहीं ना कहीं यह तो बड़ा सवाल है, अभी भी अधिकांश वार्डों में जल आवर्धन और अमृत योजना का कनेक्शन नहीं पहुंचा है.

3 लाख जनता और 4 टैंकर

वहीं इस मामले में नगर निगम कमिश्नर अमन वीर सिंह बैस का कहना है कि अधिकांश वार्डो में अमृत योजना का काम किया जा चुका है. जिसके तहत लोगों के घर में पानी पहुंच रहा है. लेकिन वर्तमान में चार टैंकर नगर निगम से संचालित किए जा रहे हैं. जिस जिसके द्वारा जिन वार्डों में शिकायत प्राप्त होती है या पानी की कमी होती है. तो वहां पर टैंकरों को भेजा जाता है. अब इन चार टैंकरों से शहर के 3 लाख लोगों को कैसे पानी मिलता होगा, ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है.

सतना। एक तो कोरोना महामारी और ऊपर से पानी की किल्लत, कुछ ऐसा ही हाल है मध्यप्रदेश के सतना जिले का. जहां इस महामारी और भीषण गर्मी के दौर में लोगों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. दरअसल सतना जिले में नगर निगम क्षेत्र के 45 वार्डों में पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. हालात ये है कि 45 वार्ड के अंदर करीब 3 लाख की आबादी के लिए महज चार टैंकर पानी पहुंचा रहे हैं. जिससे लोगों की सुविधाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है.

3 लाख की आबादी पर महज 4 टैंकर

पानी की किल्लत

प्रदेश में सरकार बीजेपी की है, और सतना में सांसद से लेकर विधायक सब बीजेपी के हैं, लेकिन फिर भी जिले में पानी की किल्लत है. सतना नगर निगम क्षेत्र में लोग कोरोना महामारी और लॉकडाउन के साथ पानी की किल्लत से भी जूझ रहे हैं. शहर में अंदर अमृत योजना समेत सभी पानी की योजना कागजों में लागू है. वास्तविकता में लोगों के घरों तक पानी पहुंच नहीं रहा है. इसके साथ ही अधिकांश वार्ड ऐसे हैं जहां ना तो पानी की सप्लाई पहुंच रही ना ही किसी के यहां टैंकर से पानी पहुंच रहा है.

पानी के लिए परेशान आम लोग

अब इन हालातों में वार्ड के अंदर रहने वाले लोगों में काफी नाराजगी है. नगर निगम क्षेत्र में 45 वार्ड आते हैं. इनमें से अधिकांश वार्डो में पानी की किल्लत गर्मी की शुरूआत होते ही शुरू हो जाती है. सतना नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 9, 10, 11, 12, 25 इन वार्डों में पानी की सबसे ज्यादा किल्लत होती है.

नगर निगम पर लापरवाही का आरोप

मई का महीना चल रहा है. ऐसे में अभी गर्मी का जून-जुलाई का पूरा महीना बांकी है, कहीं न कहीं लोगों के लिए एक बड़ी विडंबना है. वार्ड वासियों की माने तो इसकी शिकायत कई बार नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. बड़े बच्चे बूढ़े बुजुर्ग सभी पानी की किल्लत को लेकर परेशान हैं. टैंकर तो अभी तक वार्ड वासियों ने देखा भी नहीं है. नगर निगम के जल संसाधन विभाग में टैंकर पड़े - पड़े जंग खाकर खराब हो रहे हैं, लेकिन इन्हें देखने वाला भी कोई नहीं है, न ही इनकी मरम्मत कराई जा रही है.

पानी टैंकर बने कबाड़

लिहाजा सरकारी सिस्टम में किस प्रकार से टैंकर कबाड़ की जैसे पड़े हुए हैं, इस प्रकार से सरकारी पैसों का दुरुपयोग कबाड़ के तरीके से हो रहा है. कहीं ना कहीं यह तो बड़ा सवाल है, अभी भी अधिकांश वार्डों में जल आवर्धन और अमृत योजना का कनेक्शन नहीं पहुंचा है.

3 लाख जनता और 4 टैंकर

वहीं इस मामले में नगर निगम कमिश्नर अमन वीर सिंह बैस का कहना है कि अधिकांश वार्डो में अमृत योजना का काम किया जा चुका है. जिसके तहत लोगों के घर में पानी पहुंच रहा है. लेकिन वर्तमान में चार टैंकर नगर निगम से संचालित किए जा रहे हैं. जिस जिसके द्वारा जिन वार्डों में शिकायत प्राप्त होती है या पानी की कमी होती है. तो वहां पर टैंकरों को भेजा जाता है. अब इन चार टैंकरों से शहर के 3 लाख लोगों को कैसे पानी मिलता होगा, ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है.

Last Updated : May 14, 2020, 9:14 PM IST
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