सतना। विंध्य का चित्रकूट धाम भगवान राम की तपोभूमि मानी जाती है. यहां भगवान राम ने अपने वनवास के 14 में से 11 वर्ष से ज्यादा समय यहां बिताए थे. चित्रकूट 84 कोशीय तपोवन क्षेत्र माना जाता है. यहां चारों ओर से अद्भुत और अद्वितीय घने जंगलों से घिरे वातावरण हैं. चित्रकूट में भगवान राम के वनवास के दौरान रुकने के कई ऐसे स्थानों का उल्लेख, रामचरितमानस में मिलता है.
सभी स्थानों में चित्रकूट के हनुमान धारा जाने के लिए खड़ी चढ़ाई चढ़कर जाना पड़ता था. जिसमें लोगों को जान का खतरा बना रहता था. लेकिन आज मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट में हनुमान धारा जाने के लिए अब पैराग्लाइडिंग की शुरुआत होने जा रही है.
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की तर्ज पर पैराग्लाइडिंग का लुत्फ चित्रकूट में लिया जा सकेगा. इसके लिए ट्रायल पूरा कर लिया गया है. ये पैराग्लाइडिंग हनुमान धारा की पहाड़ी से की जाएगी. यहां पेड़ कम होने के कारण पैराग्लाइडिंग संभव हो सकी है. मध्यप्रदेश में अभी संभवतः पंचमढ़ी में ही पैराग्लाइडिंग की सुविधा उपलब्ध है. पैराग्लाइडिंग के लिए 2 हजार रुपए खर्च करने होंगे. पिछले एक साल से चल रहे इस प्रोजेक्ट को अब आखिरी मुकाम मिला है.
राज पैराग्लाइडिंग कंपनी, इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी. कंपनी की माने तो इससे यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. क्योंकि मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में चित्रकूट की हनुमान धारा पहली ऐसी जगह है जहां इसकी शुरुआत हो रही हैं.
बहरहाल, सतना जिले के चित्रकूट में हनुमान धारा की पहाड़ी पर जाने के लिए आप लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. पैराग्लाइडिंग की शुरुआत कहीं ना कहीं सतना जिले के लिए एक नई सौगात होगी.