सतना। विश्व आदिवासी दिवस पर सतना के टाउन हाल में आदिवासी जिला सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को मंच पर जगह न मिलने से विवाद की स्थिति बन गई. विधायक ने जिला प्रशासन पर आदिवासियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अफसरों को चेतावनी भी दी.
कार्यक्रम में उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा मंच की बैठक व्यवस्था से नाराज होकर दर्शकों के बीच जाकर बैठ गए. इस कार्यक्रम के में मंच पर कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा, भाजपा महापौर ममता पांडेय, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी सहित अन्य कांग्रेसी नेता और आदिवासी समाज के प्रमुख व्यक्ति मौजूद थे. कार्यक्रम में कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर दीप प्रज्वलित कर जा चुके थे इस पर भी विधायक ने नाराजगी व्यक्त की.
विधायक की नाराजगी थे अधिकारी उन्हें मनाते नजर आए लेकिन विधायक ने किसी की नहीं सुनीं, उन्होंने अपने भाषण में अधिकारियों को दोबारा ऐसी गलती न करने की हिदायत दी. कलेक्टर पर नाराजगी जाहिर करते हुए विधायक ने कहा कि मंच आदिवासियों का है लेकिन यहां पर उपस्थित होने की जिम्मेदारी सबकी है.
आदिवासी नेता राजकुमार रावत ने कहा कि इस बार प्रशासन के साथ में होने से वह सभी का ध्यान नहीं रख पाए. हमारा समाज अभी इतना जागरूक नहीं हुआ है और वह आदर सम्मान करना नहीं जानते हैं. उन्होंने कहा कि यदि हम सम्मान नहीं दे पाए तो हम समाज की तरफ से माफी मांगते हैं.