सतना। जिला अस्पताल में आज मिशन इंद्रधनुष के तहत मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास के अधिकारी मौजूद रहे.
जिला अस्पताल में टीकाकरण अभियान के तहत मिशन इंद्रधनुष की मीडिया कार्यशाला आयोजित
कुपोषण को खत्म करने के लिए मिशन इंद्रधनुष के तहत मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया.
मिशन इंद्रधनुष की मीडिया कार्यशाला आयोजित
सतना। जिला अस्पताल में आज मिशन इंद्रधनुष के तहत मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास के अधिकारी मौजूद रहे.
Intro:एंकर --
सतना जिला अस्पताल में आज मिशन इंद्रधनुष के तहत मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास के अधिकारी मौजूद रहे. मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य की 2 वर्ष से कम आयु तक के सभी बच्चों को टीकाकरण करना. इसके लिए मिशन इंद्रधनुष के तहत यह अभियान 10 दिन तक जिले भर में चलाया जाएगा और घर घर जाकर 2 वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं महिलाओं को आवश्यक टीकाकरण किया जाएगा ।
Body:Vo --
मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट के आदेश के अनुसार हर जिले में पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान प्रत्येक बच्चे को खोजने और पोलियो के खिलाफ दिलाने के लिए मिशन इंद्रधनुष चलाया जाएगा है. इसको लेकर आज स्वास्थ्य अधिकारी एवं महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा सतना जिला चिकित्सालय में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया इस कार्यशाला का नाम मिशन इंद्रधनुष रखा गया जिसका उद्देश्य है कि शून्य से 2 वर्ष के बच्चे का टीकाकरण करना और उन्हें होने वाली बीमारियों से बचाव करना. साथ ही 2 वर्ष तक के आयु के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं का पता लगाने के लिए जिले भर में मिशन इंद्रधनुष का 10 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा इसका आयोजन 2 दिसंबर से किया जाना है. इस कार्यक्रम के तहत जिलेभर में 0 से 2 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को पता लगाकर उन का टीकाकरण किया जाना है ताकि टीवी,कैंसर, जैसी बड़ी बीमारियों से बचा जा सके. सरकारी आंकड़े के अनुसार 4715 बच्चे सतना जिले में ऐसे हैं जो टीकाकरण से वंचित है वजह यही है कि कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास की लापरवाही इन आंकड़ों को दर्शा रही है कि इन बच्चों को अभी तक टीकाकरण क्यों नहीं लग पाया. और अब महिला बाल विकास अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग यह दावा कर रहा है कि हम जिलेभर से बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का सर्वे कराकर उनका टीकाकरण किया जाएगा. टीकाकरण ना होने की वजह से सतना जिले में बच्चे कुपोषण का भी शिकार हो रहे हैं और यही वजह है कि कुपोषण की स्थिति सतना जिले में 41 हजार से अधिक पहुंच चुके हैं और बच्चे कुपोषण का शिकार होते ही जा रहे हैं. महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाती है और उसका दंश मासूम झेल रहे हैं ।
Conclusion:byte --
डॉ सतेंद्र सिंह -- टीकाकरण अधिकारी जिला सतना ।
byte --
सौरभ सिंह -- महिला बाल विकास अधिकारी सतना ।
सतना जिला अस्पताल में आज मिशन इंद्रधनुष के तहत मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास के अधिकारी मौजूद रहे. मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य की 2 वर्ष से कम आयु तक के सभी बच्चों को टीकाकरण करना. इसके लिए मिशन इंद्रधनुष के तहत यह अभियान 10 दिन तक जिले भर में चलाया जाएगा और घर घर जाकर 2 वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं महिलाओं को आवश्यक टीकाकरण किया जाएगा ।
Body:Vo --
मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट के आदेश के अनुसार हर जिले में पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान प्रत्येक बच्चे को खोजने और पोलियो के खिलाफ दिलाने के लिए मिशन इंद्रधनुष चलाया जाएगा है. इसको लेकर आज स्वास्थ्य अधिकारी एवं महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा सतना जिला चिकित्सालय में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया इस कार्यशाला का नाम मिशन इंद्रधनुष रखा गया जिसका उद्देश्य है कि शून्य से 2 वर्ष के बच्चे का टीकाकरण करना और उन्हें होने वाली बीमारियों से बचाव करना. साथ ही 2 वर्ष तक के आयु के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं का पता लगाने के लिए जिले भर में मिशन इंद्रधनुष का 10 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा इसका आयोजन 2 दिसंबर से किया जाना है. इस कार्यक्रम के तहत जिलेभर में 0 से 2 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को पता लगाकर उन का टीकाकरण किया जाना है ताकि टीवी,कैंसर, जैसी बड़ी बीमारियों से बचा जा सके. सरकारी आंकड़े के अनुसार 4715 बच्चे सतना जिले में ऐसे हैं जो टीकाकरण से वंचित है वजह यही है कि कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास की लापरवाही इन आंकड़ों को दर्शा रही है कि इन बच्चों को अभी तक टीकाकरण क्यों नहीं लग पाया. और अब महिला बाल विकास अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग यह दावा कर रहा है कि हम जिलेभर से बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का सर्वे कराकर उनका टीकाकरण किया जाएगा. टीकाकरण ना होने की वजह से सतना जिले में बच्चे कुपोषण का भी शिकार हो रहे हैं और यही वजह है कि कुपोषण की स्थिति सतना जिले में 41 हजार से अधिक पहुंच चुके हैं और बच्चे कुपोषण का शिकार होते ही जा रहे हैं. महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाती है और उसका दंश मासूम झेल रहे हैं ।
Conclusion:byte --
डॉ सतेंद्र सिंह -- टीकाकरण अधिकारी जिला सतना ।
byte --
सौरभ सिंह -- महिला बाल विकास अधिकारी सतना ।
Last Updated : Nov 30, 2019, 11:35 PM IST