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मैहर विधायक का LETTER BOMB: CM को लिखा पत्र, रामायण के दोहे का दिया हवाला - सीएम शिवराज सिंह चौहान

सतना के मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को रामायण के दोहे से आगाह किया है. विधायक ने पत्र में लिखा है कि यदि मंत्री और राजा प्रजा की रक्षा नहीं करेगी तो राज्य का नाश हो जाएगा. इसलिए सरकार को लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए कड़े कदम उठाने की जरुरत है. लोग इलाज के आभाव में मर रहे हैं.

Maihar MLA wrote letter to CM, conscious of couplets of Ramayana period
मैहर विधायक ने सीएम को लिखा पत्र, रामायण काल के दोहे से किया सचेत
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Published : May 5, 2021, 7:03 AM IST

Updated : May 5, 2021, 7:22 AM IST

सतना। मीडिया की सुर्खियों में बने रहने वाले जिले के मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान निजी अस्पतालों की लूट का मामला उठाया है. विधायक के इस पत्र से बवाल मच सकता है.

रामचरित मानस के दोहे से कसा तंज

नारायण त्रिपाठी ने सीएम को लिखे पत्र में राम चरित मानस के सुन्दरकाण्ड अध्याय के 37 वें दोहे का जिक्र किया है. जिसमे लिखा है कि "सचिव बैद गुर तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस" "राज धर्म तन तीनि कर होइ बेगिहीं नास" दोहे के दोहे का अर्थ रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने बताया हैं कि मंत्री, वैद्य और गुरु ये तीन यदि भय या लाभ की आशा से (हित की बात न कहकर) प्रिय बोलते हैं तो क्रमशः राज्य, शरीर एवं धर्म इन तीन का शीघ्र ही नाश हो जाता है. यह दोहा रावण, विभीषण संवाद से जुड़ा है

Maihar MLA wrote letter to CM, conscious of couplets of Ramayana
मैहर विधायक ने लिखा सीएम को पत्र

मसलन अगर मंत्री और सरकार, राज्य की प्रजा को नहीं देखेगा तो राज्य का नाश हो जाएगा, वहीं वैद्य का काम शरीर को स्वस्थ्य रखना है और गुरु का काम धर्म की रक्षा करना है. अगर ये तीनों अपने कार्य से विमुख हुए तो सबका नाश होना तय है इस पत्र ने फिर से त्रिपाठी की नाराजगी को उजागर कर दिया है.

निजी अस्पताल कर रहे लूट, गरीब मरने को मजबूर

विधायक नारायण त्रिपाठी ने पत्र के माध्यम से कहा कि वे मेरी चिट्‌ठी, मांग या सुझाव को हमेशा बगावत ही क्यों समझ लिया जाता है मैं तो अपनी बात रखता हूं इसके बाद दोहे के रूप में एक संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी का ​इलाज निजी अस्पतालों में महंगा है. ऐसे में लोग मजबूरन घर में या आसपास के अस्पतालों में ही रहकर आत्महत्या करने को मजबूर है, वे जान रहे है कि महंगे इलाज के आभाव में हमारी मृत्यू हो जाएगी. सरकारी अस्पतालों में बेड खाली नहीं है रोज हम लोग अपनों को खो रहे है सक्षम लोग निजी अस्पतालों में भर्ती होकर इलाज करा रहे है क्योंकि उनका बिल लाखों रुपए में होता है, शासन द्वारा निर्धारित दरों का कोविड के इलाज में कहीं पालन नहीं हो रहा है. ऐसे में निजी अस्पताल निर्धारित राशि से पांच से छह गुना ज्यादा पैसे वसूल रहे है फिर भी कोई रोक टोक करने वाला नही है.

भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों पर कोरोना का ज्यादा असर, एक बार फिर लिखा सीएम को पत्र

आपदा के समय पर हर घर से कोई न कोई बीमार है कई घरों में तो पूरा परिवार बीमार है ऐसे में इलाज करा पाना सामान्य परिवार के लिए कतई लाभकारी नहीं हो सकता है जो असक्षम और गरीब है वह या तो घर में या फिर सरकारी अस्पताल में दम तोड़ने को मजबूर है आप अत्यंत संवेदनशील मुख्यमंत्री है प्रदेशवासियों के प्राण की रक्षा हेतु बेहतर प्रयास करना आपकी जिम्मेदारी है इसलिए निवेदन है कि कोविड मरीज अस्पतालों में भयंकर लूट का शिकार हो रहे है कई मरीजों से तो इलाज के नाम पर पांच लाख से 10 लाख तक वसूली हो चुकी है.

सरकारी नियंत्रण में हो निजी अस्पताल

इससे बचने का सही तरीका यह होगा कि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों का बिल भुगतान सरकारी दर से होना चाहिए, जिससे गरीब और कमजोर वर्ग को महामारी में राहत मिलेगी, साथ ही अस्पताल में मची लूट पर लगाम लग जाएगी, साथ ही आप कोरोना मरीजों के हित में यह निर्णय अवश्य लेंगे कि इस महामारी के दौर में सबका ​इलाज नि:शुल्क होगा वहीं निजी एंबुलेंस के मनमाने किराये पर रोक लगाई जाए, इसके पहले भी विधायक जी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कोरोना के बिगड़े हालातों की याद दिलाई थी. उन्होंने कहा ​था कि वर्चुअल मीटिंग के तमाशे से कुछ नहीं होने वाला है प्रदेश के अस्पतालों के हाल-बेहाल हैं.

कोरोना महामारी के पहले ​नारायण त्रिपाठी विंध्य प्रदेश की मांग करते हुए आंदोलन की मुहिम छेड़ रखी थी जिससे आए दिन वे सरकार के कटघरे में खड़ा करने का काम किया करते थे इस मामले में भी नारायण त्रिपाठी ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया.

सतना। मीडिया की सुर्खियों में बने रहने वाले जिले के मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान निजी अस्पतालों की लूट का मामला उठाया है. विधायक के इस पत्र से बवाल मच सकता है.

रामचरित मानस के दोहे से कसा तंज

नारायण त्रिपाठी ने सीएम को लिखे पत्र में राम चरित मानस के सुन्दरकाण्ड अध्याय के 37 वें दोहे का जिक्र किया है. जिसमे लिखा है कि "सचिव बैद गुर तीनि जौं प्रिय बोलहिं भय आस" "राज धर्म तन तीनि कर होइ बेगिहीं नास" दोहे के दोहे का अर्थ रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने बताया हैं कि मंत्री, वैद्य और गुरु ये तीन यदि भय या लाभ की आशा से (हित की बात न कहकर) प्रिय बोलते हैं तो क्रमशः राज्य, शरीर एवं धर्म इन तीन का शीघ्र ही नाश हो जाता है. यह दोहा रावण, विभीषण संवाद से जुड़ा है

Maihar MLA wrote letter to CM, conscious of couplets of Ramayana
मैहर विधायक ने लिखा सीएम को पत्र

मसलन अगर मंत्री और सरकार, राज्य की प्रजा को नहीं देखेगा तो राज्य का नाश हो जाएगा, वहीं वैद्य का काम शरीर को स्वस्थ्य रखना है और गुरु का काम धर्म की रक्षा करना है. अगर ये तीनों अपने कार्य से विमुख हुए तो सबका नाश होना तय है इस पत्र ने फिर से त्रिपाठी की नाराजगी को उजागर कर दिया है.

निजी अस्पताल कर रहे लूट, गरीब मरने को मजबूर

विधायक नारायण त्रिपाठी ने पत्र के माध्यम से कहा कि वे मेरी चिट्‌ठी, मांग या सुझाव को हमेशा बगावत ही क्यों समझ लिया जाता है मैं तो अपनी बात रखता हूं इसके बाद दोहे के रूप में एक संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी का ​इलाज निजी अस्पतालों में महंगा है. ऐसे में लोग मजबूरन घर में या आसपास के अस्पतालों में ही रहकर आत्महत्या करने को मजबूर है, वे जान रहे है कि महंगे इलाज के आभाव में हमारी मृत्यू हो जाएगी. सरकारी अस्पतालों में बेड खाली नहीं है रोज हम लोग अपनों को खो रहे है सक्षम लोग निजी अस्पतालों में भर्ती होकर इलाज करा रहे है क्योंकि उनका बिल लाखों रुपए में होता है, शासन द्वारा निर्धारित दरों का कोविड के इलाज में कहीं पालन नहीं हो रहा है. ऐसे में निजी अस्पताल निर्धारित राशि से पांच से छह गुना ज्यादा पैसे वसूल रहे है फिर भी कोई रोक टोक करने वाला नही है.

भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों पर कोरोना का ज्यादा असर, एक बार फिर लिखा सीएम को पत्र

आपदा के समय पर हर घर से कोई न कोई बीमार है कई घरों में तो पूरा परिवार बीमार है ऐसे में इलाज करा पाना सामान्य परिवार के लिए कतई लाभकारी नहीं हो सकता है जो असक्षम और गरीब है वह या तो घर में या फिर सरकारी अस्पताल में दम तोड़ने को मजबूर है आप अत्यंत संवेदनशील मुख्यमंत्री है प्रदेशवासियों के प्राण की रक्षा हेतु बेहतर प्रयास करना आपकी जिम्मेदारी है इसलिए निवेदन है कि कोविड मरीज अस्पतालों में भयंकर लूट का शिकार हो रहे है कई मरीजों से तो इलाज के नाम पर पांच लाख से 10 लाख तक वसूली हो चुकी है.

सरकारी नियंत्रण में हो निजी अस्पताल

इससे बचने का सही तरीका यह होगा कि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों का बिल भुगतान सरकारी दर से होना चाहिए, जिससे गरीब और कमजोर वर्ग को महामारी में राहत मिलेगी, साथ ही अस्पताल में मची लूट पर लगाम लग जाएगी, साथ ही आप कोरोना मरीजों के हित में यह निर्णय अवश्य लेंगे कि इस महामारी के दौर में सबका ​इलाज नि:शुल्क होगा वहीं निजी एंबुलेंस के मनमाने किराये पर रोक लगाई जाए, इसके पहले भी विधायक जी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कोरोना के बिगड़े हालातों की याद दिलाई थी. उन्होंने कहा ​था कि वर्चुअल मीटिंग के तमाशे से कुछ नहीं होने वाला है प्रदेश के अस्पतालों के हाल-बेहाल हैं.

कोरोना महामारी के पहले ​नारायण त्रिपाठी विंध्य प्रदेश की मांग करते हुए आंदोलन की मुहिम छेड़ रखी थी जिससे आए दिन वे सरकार के कटघरे में खड़ा करने का काम किया करते थे इस मामले में भी नारायण त्रिपाठी ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया.

Last Updated : May 5, 2021, 7:22 AM IST
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