सतना। जिला अस्पताल का हाल बेहाल है, सुरक्षाकर्मी, डॉक्टर-नर्स स्टाफ की कमी से जूझ रहे जिला अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही की वजह से आए दिन यहां मारपीट-चोरी जैसी घटनाएं भी आम हो गई हैं. इसके अलावा मातृत्व वार्ड में पुरुष प्रतिबंधित होने के बावजूद भी देर रात तक पुरुषों का तांता लगा रहता है, इतना ही नहीं यहां एक भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं रहता है.
परिसर में फैली गंदगी
अस्पताल परिसर के अंदर वार्ड एवं वार्ड के बाहर गंदगी का अंबार लगा रहता है, यहां पर सफाई की कोई विशेष व्यवस्था नहीं है, गंदगी से मरीजों को संक्रमण का भी खतरा बना रहता है, उसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन मूकदर्शक बना है, पूरे जिला अस्पताल परिसर में जगह-जगह कचरे के डस्टबिन लगा दिए गए हैं, लेकिन उन्हें देखने और साफ करने कोई भी नहीं आता.
अधिकारियों को नहीं दिखती लापरवाही
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अशोक अवधिया मातृत्व वार्ड की सुविधाओं पर कहा कि इसके लिए लगातार नित नए प्रयास किए जा रहे हैं और वार्ड में अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, सफाई के सवाल पर भी उन्होंने निरंतर प्रयास किए जाने की बात कही.
दौरे के वक्त चमक जाता है अस्पताल
यहां जब कोई जांच टीम या जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौका मुआयना करने आते हैं तो जिला अस्पताल में एक दिन पहले से ही पूरी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर दी जाती हैं, लेकिन उनके जाने के बाद से ही जिला अस्पताल के हालात बद से बदतर हो जाते हैं.
प्रबंधन नहीं लेता संज्ञान
सुरक्षाकर्मी की बात करें तो सुरक्षाकर्मी जिला अस्पताल के रजिस्टर में दर्ज हैं, जो समय पर वेतन भी उठा रहे हैं, लेकिन दिखाई कभी नहीं देते. महिला वार्ड में पुरुषों को रोकने की कोशिश पर मारपीट की धमकी मिलने लगती है. अस्पताल के स्टाफ ने इसकी शिकायत कई बार प्रबंधन से की, पर इसका कोई असर नहीं हुआ.