ETV Bharat / state

20 किलो राशन के लिए पूरी रात इंतजार, डीलर की तानाशाही के आगे बेबस कार्ड धारक - परेशान गरीब लोग

राशन डीलरों की मनमानी के चलते लोगों को रात से ही लाइन में लगना पड़ता है, ताकि उन्हें दोबारा चक्कर न काटना पड़े क्योंकि राशन डीलर एक दिन में सिर्फ 60 लोगों को ही राशन बांटता है

राशन डीलरों की मनमानी
author img

By

Published : Mar 11, 2019, 2:19 PM IST

सतना। कहते हैं भूख से बड़ा कोई धर्म नहीं और रोटी से बड़ा ईमान नहीं, यही वजह है कि सरकार गरीबों के पेट की आग बुझाने के लिए कम कीमत पर अनाज उपलब्ध कराती है, लेकिन राशन डीलरों की मनमानी के चलते लोगों को रात से ही लाइन में लगना पड़ता है, ताकि उन्हें दोबारा चक्कर न काटना पड़े क्योंकि राशन डीलर एक दिन में सिर्फ 60 लोगों को ही राशन बांटता है, वो भी सुबह 9 बजे के बाद.

dealer dictatorship
राशन डीलरों की मनमानी


दरअसल, जिले की नई बस्ती में राशन विक्रेता की मनमानी का आलम ये है कि लोग घंटों तक लाइन में खड़े रहते हैं, जबकि कुछ घंटे के इंतजार के बाद लाइन में ही बैठ जाते हैं, कई बार तो कार्ड धारक रात के वक्त ही लाइन में लग जाते हैं और सुबह 9 बजने के बाद अपनी बारी का इंतजार करते हैं, यही सिलसिला हर महीने चलता है. भले ही राशन बांटने को लेकर कोई सरकारी नियमावली नहीं है क्योंकि राशन डीलर अपनी सहूलियत के हिसाब से दो-चार दिन में पूरा राशन बांट देते हैं, लेकिन सतना में राशन डीलर शिवराज कुमारी सिंह का अपना ही कानून चलता है.
राशन डीलरों की मनमानी

लोग बताते हैं कि डीलर राशन की दुकान सुबह 9 बजे खोलता है. जिसके बाद राशन मिलना शुरू होता है, लेकिन शर्त ये रहती है कि एक दिन में सिर्फ 60 लोगों को ही राशन मिलता है. इसलिए लोग रात से ही दुकान के बाहर लाइन में लग जाते है क्योंकि दुकान खुलने के बाद पहुंचने पर कोई गांरटी नहीं है कि इन्हें राशन मिल ही जायेगा.

इतना ही नहीं कोटेदार ने लोगों के अंदर इतना खौफ भर दिया है कि लोग उसके खिलाफ कुछ भी बोलने से डरते है. उन्हें पता है कि मुंह खोलने का मतलब अगले महीने का राशन-पानी बंद. हैरानी की बात तो ये है कि खाद्य अधिकारी नागेन्द्र सिंह को राशन विक्रेता में कोई खामी नजर नहीं आई.अब सवाल है कि प्रशासन कार्ड धारकों की समस्या का कोई मुकम्मल इंतजाम करेगा या यूं ही राशन डीलर की तानाशाही चलती रहेगी.


Conclusion:

सतना। कहते हैं भूख से बड़ा कोई धर्म नहीं और रोटी से बड़ा ईमान नहीं, यही वजह है कि सरकार गरीबों के पेट की आग बुझाने के लिए कम कीमत पर अनाज उपलब्ध कराती है, लेकिन राशन डीलरों की मनमानी के चलते लोगों को रात से ही लाइन में लगना पड़ता है, ताकि उन्हें दोबारा चक्कर न काटना पड़े क्योंकि राशन डीलर एक दिन में सिर्फ 60 लोगों को ही राशन बांटता है, वो भी सुबह 9 बजे के बाद.

dealer dictatorship
राशन डीलरों की मनमानी


दरअसल, जिले की नई बस्ती में राशन विक्रेता की मनमानी का आलम ये है कि लोग घंटों तक लाइन में खड़े रहते हैं, जबकि कुछ घंटे के इंतजार के बाद लाइन में ही बैठ जाते हैं, कई बार तो कार्ड धारक रात के वक्त ही लाइन में लग जाते हैं और सुबह 9 बजने के बाद अपनी बारी का इंतजार करते हैं, यही सिलसिला हर महीने चलता है. भले ही राशन बांटने को लेकर कोई सरकारी नियमावली नहीं है क्योंकि राशन डीलर अपनी सहूलियत के हिसाब से दो-चार दिन में पूरा राशन बांट देते हैं, लेकिन सतना में राशन डीलर शिवराज कुमारी सिंह का अपना ही कानून चलता है.
राशन डीलरों की मनमानी

लोग बताते हैं कि डीलर राशन की दुकान सुबह 9 बजे खोलता है. जिसके बाद राशन मिलना शुरू होता है, लेकिन शर्त ये रहती है कि एक दिन में सिर्फ 60 लोगों को ही राशन मिलता है. इसलिए लोग रात से ही दुकान के बाहर लाइन में लग जाते है क्योंकि दुकान खुलने के बाद पहुंचने पर कोई गांरटी नहीं है कि इन्हें राशन मिल ही जायेगा.

इतना ही नहीं कोटेदार ने लोगों के अंदर इतना खौफ भर दिया है कि लोग उसके खिलाफ कुछ भी बोलने से डरते है. उन्हें पता है कि मुंह खोलने का मतलब अगले महीने का राशन-पानी बंद. हैरानी की बात तो ये है कि खाद्य अधिकारी नागेन्द्र सिंह को राशन विक्रेता में कोई खामी नजर नहीं आई.अब सवाल है कि प्रशासन कार्ड धारकों की समस्या का कोई मुकम्मल इंतजाम करेगा या यूं ही राशन डीलर की तानाशाही चलती रहेगी.


Conclusion:

Intro:Body:

सतना। कहते हैं भूख से बड़ा कोई धर्म नहीं और रोटी से बड़ा ईमान नहीं, यही वजह है कि सरकार गरीबों के पेट की आग बुझाने के लिए कम कीमत पर अनाज उपलब्ध कराती है, लेकिन राशन डीलरों की मनमानी के चलते लोगों को रात से ही लाइन में लगना पड़ता है, ताकि उन्हें दोबारा चक्कर न काटना पड़े क्योंकि राशन डीलर एक दिन में सिर्फ 60 लोगों को ही राशन बांटता है, वो भी सुबह 9 बजे के बाद.

दरअसल, जिले की नई बस्ती में राशन विक्रेता की मनमानी का आलम ये है कि लोग घंटों तक लाइन में खड़े रहते हैं, जबकि कुछ घंटे के इंतजार के बाद लाइन में ही बैठ जाते हैं, कई बार तो कार्ड धारक रात के वक्त ही लाइन में लग जाते हैं और सुबह 9 बजने के बाद अपनी बारी का इंतजार करते हैं, यही सिलसिला हर महीने चलता है. भले ही राशन बांटने को लेकर कोई सरकारी नियमावली नहीं है क्योंकि राशन डीलर अपनी सहूलियत के हिसाब से दो-चार दिन में पूरा राशन बांट देते हैं, लेकिन सतना में राशन डीलर शिवराज कुमारी सिंह का अपना ही कानून चलता है.



लोग बताते हैं कि डीलर राशन की दुकान सुबह 9 बजे खोलता है. जिसके बाद राशन मिलना शुरू होता है, लेकिन शर्त ये रहती है कि एक दिन में सिर्फ 60 लोगों को ही राशन मिलता है. इसलिए लोग रात से ही दुकान के बाहर लाइन में लग जाते है क्योंकि दुकान खुलने के बाद पहुंचने पर कोई गांरटी नहीं है कि इन्हें राशन मिल ही जायेगा.



इतना ही नहीं कोटेदार ने लोगों के अंदर इतना खौफ भर दिया है कि लोग उसके खिलाफ कुछ भी बोलने से डरते है. उन्हें पता है कि मुंह खोलने का मतलब अगले महीने का राशन-पानी बंद. हैरानी की बात तो ये है कि खाद्य अधिकारी नागेन्द्र सिंह को राशन विक्रेता में कोई खामी नजर नहीं आई.अब सवाल है कि प्रशासन कार्ड धारकों की समस्या का कोई मुकम्मल इंतजाम करेगा या यूं ही राशन डीलर की तानाशाही चलती रहेगी.


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.