सतना। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से फर्जीवाड़ा सामने आया है. मध्यप्रदेश के एक सरकारी शिक्षक ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन के लिए आवेदन कर दिया था. इसकी जब जांच की गई तो पता चला की ये अभी इस यात्रा के लिए अयोग्य हैं. खास बात ये थी की ये आईपीएस के पिता हैं. ये तीर्थ दर्शन योजना में फार्म भरकर उसका लाभ उठा रहे थे, लेकिन उसके पहले ही इसकी जानकारी जिला प्रशासन को हो गई. मुरैना आईपीएस के पिता जिले के रैगाव के मसनहा शासकीय विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ थे. जिन्हें जिला कलेक्टर ने तीर्थ दर्शन यात्रा में शामिल होने पर निलंबित कर दिया.
सीएम तीर्थ दर्शन योजना का उठाना चाहते थे लाभ: मुरैना एसपी आशुतोष बागरी के पिता लाल जी बागरी सतना जिले में 24 से 29 जनवरी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत उन्होंने आवेदन फार्म भरकर उसका लाभ लेने का प्रयास किया. इस आवेदन में अपनी पत्नी को भी साथ ले जाने का इसमें जिक्र किया था. जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि ये सरकारी शिक्षक हैं. वे फिलहाल रैगाव के मसनहा शासकीय विद्यालय में सहायक शिक्षक हैं. उनका वेतन 80 हजार रुपए है और वह करदाता भी हैं. ऐसे में उनका आवेदन जांच के बाद निरस्त कर दिया गया. जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा ने मुरैना आईपीएस के पिता लालजी बागरी को निलंबित कर दिया.
मुरैना एसपी के पिता हुए निलंबित: हाल में ही मुरैना आईपीएस आशुतोष बागरी के सतना के राजेंद्र नगर गली नंबर 3 में बने आलीशान बंगले में एक चोर ने पेट्रोल की चोरी की थी. इसमें यह सामने आया था कि मुरैना आईपीएस का आलीशान बंगला कान्हा कुंज के नाम से सतना शहर में बना हुआ है. अब दूसरी ओर उनके पिता सहायक शिक्षक होने के बावजूद भी तीर्थ दर्शन योजना का लाभ उठाने जा रहे थे. लाभ लेना तो दूर इस फर्जीवाड़े में उनकी नौकरी पर संकट आ गया है.बागरी 2015 बैच के आईपीएस अफसर हैं.