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सतना: फायर वाहनों का 37 सालों से नहीं हुआ करीब 42 लाख का भुगतान - Fire brigade satna

सतना जिले में प्रशासन की तनाशाही का बड़ा मामला सामने आया है. जहां नगर निगम को आपदा कोष से साल 1983 से अभी तक फायर वाहनों का भुगतान नहीं किया गया है. जो करीब अभी तक 42 लाख का बकाया है.

Fire vehicles
फायर वाहनों का भुगतान
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Published : Jun 26, 2020, 1:29 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 2:36 PM IST

सतना। जिले में फायर वाहनों का 37 सालों से करीब 42 लाख का भुगतान नहीं हुआ है. यह भुगतान आपदा प्रबंधन को करना था. लेकिन अभी तक ये भुगतान नहीं किया गया है. हैरत की बात ये है कि इसके लिए 16वीं बार फायर अधिकारी ने आपदा प्रबंधन को पत्र लिखा है, लेकिन आपदा प्रबंधन अभी तक ये भुगतान नहीं कर सका है.

फायर वाहनों का भुगतान

दरअसल, जिले में अग्नि दुर्घटना हो या अन्य व्यवस्थाओं के लिए उपयोग में आने वाले फायर वाहनों को नगरी सीमा से बाहर भेजा जाता है, और इन वाहनों को भुगतान आपदा प्रबंधन से किया जाता है. नगर निगम क्षेत्र में बने फायर कार्यालय में रखे गए वाहनों को नगरी सीमा से बाहर जिला प्रशासन द्वारा भेजा जाता है, जो कि व्यवस्थाओं के साथ अग्नि दुर्घटनाओं के लिए भी आवश्यक रूप से उपयोग में आता है. नगर निगम को आपदा कोष से साल 1983 से अभी तक फायर वाहनों का भुगतान नहीं किया गया है.

जिले में अग्नि दुर्घटनाओं से बचने के लिए कुल 21 फायर वाहन हैं. जिनमें से 6 खराब पड़े हुए हैं. इनकी मरम्मत कराने के लिए भी राशि की आवश्यकता होती है, लेकिन यह राशि अगर फायर ब्रिगेड को मिल जाती, तो कई सुधार कार्य हो सकते हैं. इस राशि के भुगतान के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन भुगतान सिर्फ कागज तक ही सीमित रह गया है.बता दें कि बकाया राशि सन 1983 से 31 मार्च 2018 तक 39 लाख 2 हजार 63 थी जो 2020 तक 42 लाख 33 लाख 774 पहुंच चुकी है.

सतना। जिले में फायर वाहनों का 37 सालों से करीब 42 लाख का भुगतान नहीं हुआ है. यह भुगतान आपदा प्रबंधन को करना था. लेकिन अभी तक ये भुगतान नहीं किया गया है. हैरत की बात ये है कि इसके लिए 16वीं बार फायर अधिकारी ने आपदा प्रबंधन को पत्र लिखा है, लेकिन आपदा प्रबंधन अभी तक ये भुगतान नहीं कर सका है.

फायर वाहनों का भुगतान

दरअसल, जिले में अग्नि दुर्घटना हो या अन्य व्यवस्थाओं के लिए उपयोग में आने वाले फायर वाहनों को नगरी सीमा से बाहर भेजा जाता है, और इन वाहनों को भुगतान आपदा प्रबंधन से किया जाता है. नगर निगम क्षेत्र में बने फायर कार्यालय में रखे गए वाहनों को नगरी सीमा से बाहर जिला प्रशासन द्वारा भेजा जाता है, जो कि व्यवस्थाओं के साथ अग्नि दुर्घटनाओं के लिए भी आवश्यक रूप से उपयोग में आता है. नगर निगम को आपदा कोष से साल 1983 से अभी तक फायर वाहनों का भुगतान नहीं किया गया है.

जिले में अग्नि दुर्घटनाओं से बचने के लिए कुल 21 फायर वाहन हैं. जिनमें से 6 खराब पड़े हुए हैं. इनकी मरम्मत कराने के लिए भी राशि की आवश्यकता होती है, लेकिन यह राशि अगर फायर ब्रिगेड को मिल जाती, तो कई सुधार कार्य हो सकते हैं. इस राशि के भुगतान के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन भुगतान सिर्फ कागज तक ही सीमित रह गया है.बता दें कि बकाया राशि सन 1983 से 31 मार्च 2018 तक 39 लाख 2 हजार 63 थी जो 2020 तक 42 लाख 33 लाख 774 पहुंच चुकी है.

Last Updated : Jun 26, 2020, 2:36 PM IST
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