सतना. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) बुधवार को रीवा-सतना के दौरे पर रहे. यहां वे सबसे पहले रीवा में आयोजित अनुसूचित जनजाति के संगोष्ठी कार्यक्रम में शामिल हुए, इसके बाद सतना में एक निजी आयोजन में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अयोध्या राम मंदिर पर टिप्पणी की और बीजेपी पर निशाना साधा. इस दौरान सतना में विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
सीएम माेहन यादव की बात का दिया जवाब
सतना दौरे पर आए दिग्विजय सिंह ने यहां पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए. उनसे जब पूछा गया कि बीते दिनों सीएम डॉ. मोहन यादव ने खुले मंच से चित्रकूट में कांग्रेस पर राम मंदिर को लेकर निशाना साधा था तो दिग्विजय सिंह ने कहा, 'पहली बात तो यह है कि मंदिर दर्शन करने के लिए हमें कोई निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है, और दूसरी बात यह कि धर्मशास्त्र के अनुसार निर्माणधीन मंदिर में कभी प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती है. उन्होंने आगे कहा, 'तीसरी बात यह है कि जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी ने, विश्व हिंदू परिषद ने, आरएसएस और नरेंद्र मोदी जी ने इसे आयोजन बनाया है, इसमें कौन सा राजनीतिक दल भाग ले रहा है? कोई नहीं जा रहा है.
जब मंदिर पूरा बन जाएगा तब जाएंगे
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, 'शंकराचार्य जी नहीं जा रहे हैं, राम निधि संप्रदाय का कोई व्यक्ति नहीं जा रहा है, कोई हमारे संत नहीं जा रहे हैं. निर्मोही अखाड़ा का हक छीन लिया इन लोगों ने, आखिरी बात यह है कि जिस स्थान को लेकर वर्षों तक विवाद चला, राम मंदिर के, बाबरी मस्जिद के विवाद में कई दशक लग गए, कम से कम डेढ़ सौ साल पुराना यह विवाद है और इसमें इसी बात का झगड़ा था कि मस्जिद जहां बनी है वहीं रामलाला का जन्म हुआ था इसलिए वहीं मंदिर बनना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया, विवादित भूमि पर आप मंदिर बना सकते हैं, वहां क्यों नही बनाया गया? उस भूमि पर बनाया गया है जो नरसिम्हा राव ने जिसका अधिग्रहण करके राम मंदिर के लिए आवंटित कर दिया. जब यह मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा, हम जाएंगे दर्शन करने.
राम पथ गमन पर ये बोले दिग्विजय
जब दिग्विजय सिंह से चित्रकूट राम वन पथ गमन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'जब चुनाव आता है तो ये लोग (बीजेपी) सक्रिय हो जाते हैं और उसके बारे में बातचीत करने लगते हैं, चुनाव समाप्त होने के बाद उसे भूल जाते हैं. कमलनाथ जी की 15 महीने की सरकार ने इतना काम किया था जितना भारतीय जनता पार्टी ने 15 साल में नहीं किया. सरकार इन्होंने गिरा दी, इनको भगवान राम से कोई लेना देना नहीं है. इनको केवल धर्म के नाम पर भगवान राम के नाम का उपयोग करना है, जो उचित नहीं हैं. भगवान राम हम सबके इष्टदेव हैं, ईश्वर का अवतार उन्हें मानते हैं इसलिए हम सबके हैं, कोई उनके नहीं.