सागर: बुंदेलखंड के सच्चे सपूत और सागर यूनिवर्सिटी के संस्थापक डाॅ हरीसिंह गौर की 155 वीं जयंती पर इस बार मेहमानों का स्वागत बुंदेली पान से किया जाएगा. बुंदेलखंड के मशहूर बंगला पान से मेहमाननवाजी होगी. इस बार खास बात ये भी है कि गौर जयंती के दिन से सेंट्रल जोन का यूथ फेस्टिवल शुरू हो रहा है,जो गौर गौरव उत्सव का हिस्सा होगा. इस उत्सव में सेंट्रल जोन की करीब 100 यूनिवर्सिटी के 1200 स्टूडेंट्स सागर में 5 दिनों तक अपनी कला और प्रतिभा का परिचय देंगे. सोमवार से गौर गौरव उत्सव का हिस्सा बनने वाले दूसरी यूनिवर्सटी के स्टूडेंट्स की आमद शुरू हो जाएगी और इनका स्वागत भी बुंदेली परम्परा से किया जाएगा. जिसमें विशेष रूप से बुंदेलखंड के मशहूर बंगला पान से स्वागत किया जाएगा.
गौर गौरव उत्सव और यूथ फेस्टिवल
सागर शहर ही नहीं बुंदेलखंडवासियों के लिए 26 नवंबर का दिन दीपावली से कम नहीं होता. जब पूरा इलाका अपने सच्चे सपूत की जयंती धूमधाम से मनाता है. इस बार गौर जयंती की खासियत ये है कि सागर यूनिवर्सिटी को सेंट्रल जोन के यूथ फेस्टिवल की मेजबानी मिली है, जिसे गौर गौरव उत्सव का हिस्सा बनाया गया है. यूनिवर्सिटी के साथ स्थानीय लोगों ने कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए हैं. इन कार्यक्रमों के तहत आने वाले मेहमानों का बुंदेलखंड के मशहूर बंगला पान से स्वागत किया जाना है. बंगला पान बुंदेलखंड का स्थानीय पान है.
क्या कहना है मेजबानों का
सागर यूनिवर्सिटी के कल्चरल कोआर्डीनेटर डॉ राकेश सोनी कहते हैं कि "जब कोई बाहर से मेहमान आता है तो बुंदेलखंड के स्वागत की परंपरा रही है. बुंदेलखंड में कई मशहूर चीजें हैं जो यहां की परंपरा से जुड़ी हुई हैं, जैसे यहां का बंगला पान मशहूर है. मैं चाहता हूं कि जो हमारे बाहर के अतिथि आ रहे हैं, वो बंगला पान का स्वाद चखें और उसका मजा लें. स्वागत के अन्य तरीके भी हैं, हमारे यहां का खान पान है, तो मेहमानों के स्वागत में इसका भी ध्यान रखा गया है. खानपान में भी बुंदेली परम्परा नजर आएगी."
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पान विक्रेता खुद उठाएंगे खर्चा
पान विक्रेता नरेश चौरसिया कहते हैं कि "बंगला पान गरम रहता है और इसमें तीखापन रहता है. बुजुर्ग लोग भी खाते हैं और दवाई के तौर पर भी काम आता है. ये बुंदेलखंड का लोकल पान है. ये बहुत पुराना पान है, सबसे पहले यही चलता था. गौर जयंती पर मेरी तरफ से 500 पानों से मेहमानों का स्वागत किया जाएगा."