सागर। मध्यप्रदेश के इकलौते केंद्रीय विश्वविद्यालय डॉ. सर हरि सिंह गौर में भारत सरकार और यूजीसी से मान्यता प्राप्त वैदिक अध्ययन विभाग की स्थापना की गई है. इस विभाग के तहत मौजूदा सत्र 2023-24 से वैदिक गणित के दो नए पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं. वैदिक अध्ययन विभाग के अंतर्गत शुरू किए गए इन पाठ्यक्रम में वैदिक गणित में डिग्री और डिप्लोमा कोर्स शामिल हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से सागर विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वीकृति दी है. इन दोनों नए पाठ्यक्रम में प्रवेश भी शुरू हो गया है.
वैदिक अध्ययन विभाग की स्थापना: सागर विश्वविद्यालय में पहले से ही स्थापित वैदिक अध्ययन केंद्र को वैदिक अध्ययन विभाग में परिवर्तित करने और वैदिक गणित के डिग्री और डिप्लोमा कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव डॉक्टर हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजा गया था. भारत सरकार और यूजीसी की स्वीकृति के बाद सागर विश्वविद्यालय में स्थापित वैदिक अध्ययन केंद्र को वैदिक अध्ययन विभाग में परिवर्तित किया गया है. मौजूदा सत्र से वैदिक गणित में डिग्री कोर्स बीए ऑनर्स और डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की गई है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विभाग के लिए पद भी स्वीकृत किए गए हैं. विभाग के लिए दो सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति भी हो गई है.
भारतीय ज्ञान परम्परा का प्रचार-प्रसार: सागर विश्वविद्यालय के मीडिया अधिकारी डॉ. विवेक जायसवाल का कहना है कि ''इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने का उद्देश्य है कि ''भारतीय ज्ञान परंपरा में जो हमारे गणित के विद्वान और मनीषी रहे हैं, उनके गणित की अध्ययन की एक परंपरा रही है. भारत में गणित का अध्ययन प्राचीन काल से होता रहा है. हमारे वेदों और दूसरे ग्रंथों में गणित के गई महत्वपूर्ण सूत्र हैं. त्रिकोणमिति, ज्यामिति और बीज गणित के अलावा कई सारे प्रयोग हमारे प्राचीन ऋषि मुनियों और मनुष्यों ने किए हैं. भारतीय ज्ञान परंपरा का प्रचार प्रसार हो सके और वैदिक गणित को लोग एक विषय के रूप में अपना सके और लोकप्रिय बना सकें, इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ये पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं. हमने इसी सत्र से पाठ्यक्रम शुरू कर दिए हैं और कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के मार्गदर्शन में व्यवस्थित तरीके से संचालन हो रहा है.''
क्या कहना है कुलपति का: कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता का कहना है कि ''भारत सरकार द्वारा डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में वैदिक अध्ययन विभाग की स्थापना की गई है और दो नियुक्तियां भी की गई हैं. ये प्रयोग विद्यार्थियों में भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए किया गया है. इसके माध्यम से विद्यार्थी चरित्र निर्माण और वैदिक गणित की संस्कृति से जुड़े हैं. उनको बताया जा सके और उसके प्रति आकर्षण बढ़े, यही हमारा उद्देश्य है.''