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झूठे साबित हुए सरकार के दावे, अब तक नहीं मिली मासूम को मदद - SDM Shashi Mishra

रहली विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों मंदिर से नाबालिग ने पैसे चुराए थे, जिसे जिसकी मजबूरी को मीडिया ने दिखाया था. वहीं मंत्री ने सहायता राशि देने का वादा किया था, लेकिन गरीब परिवार को अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है.

झूठे साबित हुए सरकार के दावे
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Published : Nov 22, 2019, 1:26 PM IST

सागर। जिले की रहली विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों मंदिर से पैसे चुराने वाली नाबालिग की चोरी की दास्तां मीडिया में प्रकाशित होने के बाद मंत्री उसकी झोपड़ी तक पहुंच गए, लेकिन दो माह बाद भी मासूम गरीब के परिवार को कोई भी लाभ नहीं मिला है. सभी लाभ कागजों में उलझी हुई है. वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ने फेसबुक पर नाबालिग के वर्तमान हालात पर प्रशासन पर तंज कसा है.

झूठे साबित हुए सरकार के दावे

तारीख बदली, लेकिन नहीं बदली गरीब परिवार की स्थिति
तारीख और अखबार की सुर्खियां दोनों ही बदल गए, पर नाबालिग मासूम की हालात नहीं बदली है. एसडीएम ने गैस चूल्हा और सिलेंडर तो दे दिया, लेकिन कनेक्शन नहीं मिला है. नगर पालिका द्वारा राशन कार्ड में नाम जोड़ने के बाद भी अभी तक राशन नहीं मिल रहा है. प्रदेश के मुखिया ने एक लाख रुपए सहायता राशि देने का वादा किया था, लेकिन अब तक सहायता राशि भी नहीं मिली है. तमाम वादे और दावे के बाद भी गरीब परिवार को अब तक लाभ नहीं मिल सका है.

नहीं मिला मासूम को उसका हक
मासूम की लाचारी सुर्खियों में तब्दील होते ही मानो सारे सिस्टम की संवेदना उसकी तरफ हो गई और योजनाओं के लिए उसे पात्र घोषित कर दिया गया, लेकिन दो महीने बाद जब नेता प्रतिपक्ष के बेटे अभिषेक भार्गव वहां अचानक पहुंचे तो उन्होंने फेसबुक पर नाबालिग के वर्तमान हालात को दर्शाते हुए प्रशासन और सरकार पर तंज कसा है. वहीं उन्होंने कहा कि वे राजनीति करने नहीं बल्कि मासूम को उसका हक दिलाने पहुंचे थे.

रहली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव लंबे समय से विधायक पद पर काबिज है, जबकि वर्तमान में सरकार कांग्रेस की है. इस मामले में लगातार दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, लेकिन अफसोस कि राजनीतिक मैदान में एक गरीब परिवार फुटबॉल की तरह यहां से वहां भटकने को मजबूर हो गया है.

सागर। जिले की रहली विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों मंदिर से पैसे चुराने वाली नाबालिग की चोरी की दास्तां मीडिया में प्रकाशित होने के बाद मंत्री उसकी झोपड़ी तक पहुंच गए, लेकिन दो माह बाद भी मासूम गरीब के परिवार को कोई भी लाभ नहीं मिला है. सभी लाभ कागजों में उलझी हुई है. वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ने फेसबुक पर नाबालिग के वर्तमान हालात पर प्रशासन पर तंज कसा है.

झूठे साबित हुए सरकार के दावे

तारीख बदली, लेकिन नहीं बदली गरीब परिवार की स्थिति
तारीख और अखबार की सुर्खियां दोनों ही बदल गए, पर नाबालिग मासूम की हालात नहीं बदली है. एसडीएम ने गैस चूल्हा और सिलेंडर तो दे दिया, लेकिन कनेक्शन नहीं मिला है. नगर पालिका द्वारा राशन कार्ड में नाम जोड़ने के बाद भी अभी तक राशन नहीं मिल रहा है. प्रदेश के मुखिया ने एक लाख रुपए सहायता राशि देने का वादा किया था, लेकिन अब तक सहायता राशि भी नहीं मिली है. तमाम वादे और दावे के बाद भी गरीब परिवार को अब तक लाभ नहीं मिल सका है.

नहीं मिला मासूम को उसका हक
मासूम की लाचारी सुर्खियों में तब्दील होते ही मानो सारे सिस्टम की संवेदना उसकी तरफ हो गई और योजनाओं के लिए उसे पात्र घोषित कर दिया गया, लेकिन दो महीने बाद जब नेता प्रतिपक्ष के बेटे अभिषेक भार्गव वहां अचानक पहुंचे तो उन्होंने फेसबुक पर नाबालिग के वर्तमान हालात को दर्शाते हुए प्रशासन और सरकार पर तंज कसा है. वहीं उन्होंने कहा कि वे राजनीति करने नहीं बल्कि मासूम को उसका हक दिलाने पहुंचे थे.

रहली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव लंबे समय से विधायक पद पर काबिज है, जबकि वर्तमान में सरकार कांग्रेस की है. इस मामले में लगातार दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, लेकिन अफसोस कि राजनीतिक मैदान में एक गरीब परिवार फुटबॉल की तरह यहां से वहां भटकने को मजबूर हो गया है.

Intro:सागर। जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों मंदिर से पैसे चुराने के बाद जेल जाने वाली नाबालिक पर मीडिया की नजरें पड़ने और उसके लाचारी और भूख की वजह से चोरी की दास्तां मीडिया में प्रकाशित होने के बाद, प्रशासन ने आनन-फानन में उसे तमाम तरह की योजनाओं के लिए पात्र घोषित कर दिया। उसकी जमानत भी करा दी गई, मंत्रालय से मंत्री उसकी झोपड़ी तक पहुंच गए। प्रदेश के मुखिया ने एक लाख रुपये सहायता देने का वादा किया । लेकिन अफसोस की तारीख और अखबार की सुर्खियां दोनों बदले, पर नहीं बदले तो उस नाबालिक मासूम के गरीबी के हालात।


Body:रहली के इस गरीब परिवार का 2 महीने से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी हाल पहले ही जैसा है । एसडीएम साहब ने गैस चूल्हा और सिलेंडर तो दिया, पर कनेक्शन नहीं मिला। नगर पालिका ने राशन कार्ड में नाम तो जोड़ दिया पर राशन पर्ची और राशन अब तक नहीं मिल सका। पड़ोसी ने हालात पर तरस खाकर जमीन का टुकड़ा दे दिया पर कुटीर की राशि अब तक नहीं मिली। प्रदेश के मुखिया कमलनाथ ने एक लाख नगद सहायता का वादा तो किया पर सहायता राशि अब तक नहीं मिल सकी। कुल मिलाकर वादे और दावे तो तमाम हुए लेकिन जमीनी तौर पर किसी भी तरह का लाभ इस परिवार को नहीं मिला। आज भी परिवार किसी तरह चूल्हे पर दो वक्त की रोटी सेक रहा है ।

बाइट। गोपी अहिरवार पीड़ित पिता।

मासूम की लाचारी सुर्खियों में क्या तब्दील हुई , मानो सारे सिस्टम की संवेदना ही उसके प्रति अनुकूल हो गई हो और योजनाओं के लिए उसे पात्र मानकर मानो एक दिन में योजनाओं का लाभ दे ही दिया गया हो। लेकिन दो महीने बाद जब नेता प्रतिपक्ष के बेटे अभिषेक भार्गव वहां अचानक पहुंचे तो उन्होंने फेसबुक पर नाबालिक के वर्तमान हालात को दर्शाते हुए प्रशासन और सरकार को आड़े हाथों लेते हुए तंज कसा । हालांकि उनके अनुसार वे वहां राजनीति करने नहीं बल्कि मासूम को उसका हक दिलाने के लिए कोशिश के तहत वहां पहुंचे थे।

बाइट अभिषेक भार्गव बीजेपी नेता


जहां एक और पीड़ित परिवार और बीजेपी नेता पीड़ित परिवार को अब तक सहायता से वंचित बता रहे हैं वहीं प्रशासन अपनी मजबूरियां गिना रहा है और जल्द लाभ दिलाने का दावा कर रहा है।

बाइट शशि मिश्रा एसडीएम रहली


रहली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव लंबे समय से विधायक पद पर काबिज है जबकि वर्तमान में सरकार कांग्रेस की है इस मामले में लगातार दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं लेकिन अफसोस कि राजनीतिक मैदान में एक गरीब परिवार फुटबॉल की तरह यहां से वहां भटकने को मजबूर हो गया है


p2c ग्राउंड जीरो से।


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