सागर। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार मप्र अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम (MP Scheduled Caste Finance Development Corporation) बंद करने की तैयारी कर रही है. इस तैयारी की सुगबुगाहट के साथ कांग्रेस ने निगम बंद करने के फैसले पर तीखा विरोध जताया है. मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने विरोध करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार के 'सबका साथ सबका विकास' के दावे खोखले साबित हो रहे है. उन्होंने निगम को चालू रखने की मांग उठाते हुए चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है.
- 1979 में अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान के लिए बना था निगम
दरअसल मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का गठन 1979 में हुआ था. इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान के लिए विशेष योजनाएं चलाकर वर्ग के लोगों को वित्तीय सहायता मुहैया कराना था. ये निगम राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम और राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए काम करता है.
- सुनियोजित रणनीति के तहत बंद हो रहा निगम
कांग्रेस का आरोप है कि अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान का एकमात्र उपक्रम को प्रदेश सरकार ने सुनियोजित रणनीति के तहत प्रशासन के माध्यम से निगम को बंद करने का प्रस्ताव बुलाया है. जिससे की निगम को आसानी से बंद किया जा सके. कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार पहले शासकीय पद समाप्त कर निजी क्षेत्रों में आरक्षण का लाभ न देकर बेरोजगारों को आरक्षण के लाभ से वंचित कर रही है. अब स्वरोजगार उपलब्ध कराने वाले एकमात्र उपक्रम को बंद किया जा रहा है.
MNREGA के तहत हुए विकास कार्यों की जांच करें लोकायुक्त- हाई कोर्ट
- चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी कांग्रेस
मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि एक तरफ यह देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के पैर धोकर उनके घर खाना खाने का पाखंड करते हैं. वहीं दूसरी ओर समाज की आर्थिक उन्नति को बंद करना चाहते हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री में अगर थोड़ी सी भी नैतिकता बची हो, तो प्रबंध संचालक अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के शासन को भेजे प्रस्ताव को तत्काल निरस्त करें. अन्यथा कांग्रेस पार्टी चरणबद्ध आंदोलन करेगी.