सागर। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए देश भर से भक्तगण अयोध्या के लिए निकले हैं. कोई पैदल, तो कोई साइकिल और दूसरे साधनों से अयोध्या की तरफ जा रहे हैं. इसी कड़ी में मुंबई की रहने वाली शबनम शेख मुंबई से अयोध्या के लिए पैदल निकलीं हैं. करीब साढ़े 700 किमी का सफर तय करने के बाद शबनम गुरुवार को बुंदेलखंड के सागर पहुंची.जहां उनका जमकर स्वागत किया गया.
पैरों में छाले और चोट
लंबे पैदल सफर के चलते शबनम खान के पैरों में छाले आ गए हैं. पैरों में छालों की वजह से अब शबनम कम पैदल चल पा रही हैं.इसलिए उन्हें 22 जनवरी के बाद ही भगवान राम के दर्शन हो पाएंगे. उनके साथ मुंबई से चल रहे उनके हिंदू दोस्त उनकी सेवा कर रहे हैं.
सागर जिले की सीमा में प्रवेश
मुंबई से अपने दोस्तों के साथ अयोध्या के लिए पैदल निकलीं शबनम शेख सागर जिले की सीमा में गुरूवार को प्रवेश कर चुकी हैं. विदिशा और सागर जिले की सीमा पर स्थानीय नेताओं और लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया और भगवान राम के दर्शन के लिए उनके संकल्प की सराहना की. स्थानीय लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और बुंदेलखंड में प्रवेश करते ही शानदार स्वागत से शबनम खान अभिभूत नजर आईं.
22 दिनों में करीब 750 किमी सफर
मुंबई की शबनम शेख ने 21 दिसंबर से अयोध्या के लिए पैदल यात्रा की शुरूआत की थी. पिछले 22 दिनों में शबनम खान करीब 750 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर चुकी हैं. शुरूआत से शबनम खान रोजाना करीब 40 किलोमीटर सफर तय कर रही थीं. हालांकि पिछले कुछ दिनों से पैरों में तकलीफ के कारण रोजाना चलने की दूरी थोड़े कम हुई है.हालांकि तय कार्यक्रम के तहत शबनम 22 जनवरी के बाद ही अयोध्या पहुंच पाएंगी.
हिंदू परिवारों में घर जैसा प्यार
शबनम शेख कहती हैं कि मैनें जब मुंबई से अयोध्या पैदल चलने का फैसला किया था तो मेरे मन में कई सवाल थे कि मेरे मुस्लिम होने के कारण सनातनी हिंदू भाई मेरे बारे में क्या सोचेंगे और उनका कैसा व्यवहार होगा. लेकिन जैसे ही मैंने चलना शुरू किया और आज 22 दिन पैदल चलते-चलते मुझे हर जगह भरपूर प्यार मिला. हिंदू भाईयों ने मेरा जगह-जगह स्वागत सत्कार किया. मुझे अपने घर ले जाकर बिना किसी भेदभाव के खाना खिलाया और भरपूर प्यार दिया.
माता पिता को लोगों ने सर आंखों पर बिठाया
शबनम शेख ने बताया कि जब उसने अपने घर वालों से पैदल अयोध्या जाने और भगवान राम के दर्शन के लिए अनुमति मांगी, तो मेरे पिता ने बिना किसी हिचक के मुझे अनुमति दे दी थी. घर पर बात करती हूं तो पिताजी बताते हैं कि मेरी वजह से उन्हें लोग सम्मानित कर रहे हैं और खूब प्यार दे रहे हैं और हर कोई उनसे मिलने आ रहा है.
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हिंदू दोस्त कर रहे हैं सेवा
शबनम शेख बताती हैं कि मुंबई से उनके दो सनातनी दोस्त रमन राज शर्मा और विनीत पांडे उनके साथ हैं, जो मेरा भरपूर सहयोग कर रहे हैं. जब से मेरे पैरों में छाले हुए हैं और चोट लगी है, तो मेरे दोनों सनातनी दोस्त मेरे पैरों की मसाज कर देते हैं क्योकिं रास्ते में एक्सीडेंट वगैरह होने कारण सड़क पर कांच बिखरा पड़ा हुआ रहता है. इस वजह से पैरों में चोट भी लग गयी है.