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एक ही चट्टान से बना है मराठा शैली का ये अतिप्राचीन मंदिर! मिलता है 108 शिवलिंग के दर्शन का लाभ - प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है राहतगढ़

प्राकृतिक सौंदर्य का पर्याय है राहतगढ़. सागर के इस खूबसूरत कस्बे में ही है भगवान भोलेनाथ का प्राचीन मंदिर. मान्यता है कि यहां स्थित एक शिवलिंग की पूजा मात्र से 108 शिवलिंग की पूजा का फल मिलता है. सावन मास के शुरू होते ही यहां की रौनक बढ़ जाती है.

Shivling ki puja
एक शिवलिंग की पूजा से मिलता है 108 शिवलिंग की पूजा का महत्व
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Published : Jul 25, 2021, 7:46 AM IST

Updated : Jul 25, 2021, 2:02 PM IST

सागर। भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महीना सावन का महीना 23 जुलाई से प्रारंभ हो गया है. इस महीने मेंं शिव भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करके पुण्य लाभ कमाते हैं. हमारे देश में भगवान शिव के कई प्राचीनतम और सिद्ध स्थान हैं. ऐसा ही बुंदेलखंड इलाके का भगवान शिव का प्राचीनतम मंदिर है. बाबा विश्ववनाथ का ये मंदिर बीना नदी के तट पर स्थापित है.

Sawan Somwar 2021: सावन के महीने में कैसे रखें व्रत और भगवान शिव की अराधना में किन-किन बातों का रखें ध्यान, जानें

इस मंदिर के विशेष शिवलिंग की पूजा अर्चना से 108 शिवलिंग की पूजा अर्चना का लाभ मिलता है. सावन के महीनों मेंं आसपास के इलाकोंं के शिव भक्तों की भीड़ मंदिर में लगी रहती है. सागर जिले के राहतगढ़ कस्बे में प्रकृति की गोद में बसा है प्राचीनतम शिव मंदिर. जिसकी महत्ता काशी विश्वनाथ के मंदिर से कम नहीं है.

Maratha architecture is evident
एक ही चट्टान से बना मराठा शैली का मंदिर
108 शिवलिंग की पूजा का पुण्यअपने विशेष स्वरूप के कारण ये मंदिर आसपास के इलाके के लोगों की भक्ति और आस्था का केंद्र है. कहते हैं कि इस मंदिर में एक शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से 108 शिवलिंग की पूजा अर्चना का पुण्य मिलता है. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की जलहरी में एक सौ आठ शिवलिंग स्थापित हैं. श्रावण महीने में यहां भारी संख्या में श्रृद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर में स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करने से मनोकामना पूर्ण होती है.
Rahatgarh ka prachin Shiv Mandir
राहतगढ़ में शिव मंदिर
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है राहतगढ़

राहतगढ़ कस्बा अपनी ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. राहतगढ़ कस्बे से लगे जंगलों के बीच बहने वाली जीवनदायनी बीना नदी के तट पर बसे इसे मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है. बाबा विश्वनाथ के इस अप्रतिम मंदिर के कारण यह आस्थावानों के लिए धार्मिक पर्यटन का केंद्र है.


एक चट्टान से बना है मंदिर

राहतगढ़ कस्बे में स्थित मंदिर को अति प्राचीन मंदिर कहा जाता है. 18 वीं शताब्दी में इसका पुननिर्माण किया गया था. मराठा शैली में निर्मित मंदिर को पत्थर की एक चट्टान को काटकर बनाया गया है. ईशान कोण में स्थित इस मंदिर को वास्तुशास्त्र के आधार पर निर्मित किया गया है. 108 शिवलिंग वाले इस मंदिर को अत्यंत दुर्लभ माना गया है. कहा जाता है कि दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

on the coast of Bina river
बीना नदी के तट पर बना है मंदिर


मंदिर की वास्तुकला भी है अद्वितीय

भगवान शिव का यह मंदिर ईशान कोण में बना हुआ है, जो पूर्णता एक पत्थर पर निर्मित है. यह मंदिर पूरी तरह से वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर बनाया गया है. मंदिर में भगवान महादेव के शिवलिंग के अतिरिक्त यहां भगवान भोलेनाथ और पार्वती की अति प्राचीन प्रतिमा भी विराजित है. इसके साथ ही अन्य पाषाण की मूर्तियां भी यहां विद्यमान है, जो अति दुर्लभ और अति प्राचीन है.

सागर। भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महीना सावन का महीना 23 जुलाई से प्रारंभ हो गया है. इस महीने मेंं शिव भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करके पुण्य लाभ कमाते हैं. हमारे देश में भगवान शिव के कई प्राचीनतम और सिद्ध स्थान हैं. ऐसा ही बुंदेलखंड इलाके का भगवान शिव का प्राचीनतम मंदिर है. बाबा विश्ववनाथ का ये मंदिर बीना नदी के तट पर स्थापित है.

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इस मंदिर के विशेष शिवलिंग की पूजा अर्चना से 108 शिवलिंग की पूजा अर्चना का लाभ मिलता है. सावन के महीनों मेंं आसपास के इलाकोंं के शिव भक्तों की भीड़ मंदिर में लगी रहती है. सागर जिले के राहतगढ़ कस्बे में प्रकृति की गोद में बसा है प्राचीनतम शिव मंदिर. जिसकी महत्ता काशी विश्वनाथ के मंदिर से कम नहीं है.

Maratha architecture is evident
एक ही चट्टान से बना मराठा शैली का मंदिर
108 शिवलिंग की पूजा का पुण्यअपने विशेष स्वरूप के कारण ये मंदिर आसपास के इलाके के लोगों की भक्ति और आस्था का केंद्र है. कहते हैं कि इस मंदिर में एक शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से 108 शिवलिंग की पूजा अर्चना का पुण्य मिलता है. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की जलहरी में एक सौ आठ शिवलिंग स्थापित हैं. श्रावण महीने में यहां भारी संख्या में श्रृद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर में स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करने से मनोकामना पूर्ण होती है.
Rahatgarh ka prachin Shiv Mandir
राहतगढ़ में शिव मंदिर
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है राहतगढ़

राहतगढ़ कस्बा अपनी ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. राहतगढ़ कस्बे से लगे जंगलों के बीच बहने वाली जीवनदायनी बीना नदी के तट पर बसे इसे मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है. बाबा विश्वनाथ के इस अप्रतिम मंदिर के कारण यह आस्थावानों के लिए धार्मिक पर्यटन का केंद्र है.


एक चट्टान से बना है मंदिर

राहतगढ़ कस्बे में स्थित मंदिर को अति प्राचीन मंदिर कहा जाता है. 18 वीं शताब्दी में इसका पुननिर्माण किया गया था. मराठा शैली में निर्मित मंदिर को पत्थर की एक चट्टान को काटकर बनाया गया है. ईशान कोण में स्थित इस मंदिर को वास्तुशास्त्र के आधार पर निर्मित किया गया है. 108 शिवलिंग वाले इस मंदिर को अत्यंत दुर्लभ माना गया है. कहा जाता है कि दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

on the coast of Bina river
बीना नदी के तट पर बना है मंदिर


मंदिर की वास्तुकला भी है अद्वितीय

भगवान शिव का यह मंदिर ईशान कोण में बना हुआ है, जो पूर्णता एक पत्थर पर निर्मित है. यह मंदिर पूरी तरह से वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर बनाया गया है. मंदिर में भगवान महादेव के शिवलिंग के अतिरिक्त यहां भगवान भोलेनाथ और पार्वती की अति प्राचीन प्रतिमा भी विराजित है. इसके साथ ही अन्य पाषाण की मूर्तियां भी यहां विद्यमान है, जो अति दुर्लभ और अति प्राचीन है.

Last Updated : Jul 25, 2021, 2:02 PM IST
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