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Sagar News: ये कैसा संबल! पति को गुजरे हो गया एक साल, सिर पर सात बेटियों की जिम्मेदारी, अब तक नहीं मिली योजना की राशि

मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज संबल योजना की तारीफ करते नहीं थकते. दूसरी तरफ हाल ये है कि योजना के हितग्राही अपनी राशि के लिए दर-दर ठोकरे खा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला राहतगढ जनपद में सामने आया है. जहां हादसे में एक व्यक्ति की मौत के एक साल बीत जाने के बाद उसका परिवार संबल योजना की राशि के लिए भटक रहा है. विधवा महिला के ऊपर सात बेटियों की जिम्मेदारी है.

Sambal scheme in Madhyapradesh
संबल योजना का लाभ एक साल बाद भी नहीं मिला
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 28, 2023, 11:50 AM IST

Updated : Sep 28, 2023, 12:48 PM IST

संबल योजना का लाभ एक साल बाद भी नहीं मिला

सागर। जिले के राहतगढ़ क्षेत्र में एक पीड़ित परिवार को अभी तक सरकारी योजना से मदद नहीं मिली है. परिवार का सहारा सिर्फ एक गाय है, जिसका दूध बेचकर महिला अपनी सात बेटियों को पालन पोषण कर रही है. वहीं दूसरी तरफ जनपद सीईओ का कहना है कि यहां के स्तर पर सभी काम कर दिए गए हैं. शासन स्तर से राशि महिला के खाते में डाली जाएगी. ये क्षेत्र मध्यप्रदेश के कद्दावर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का है. लेकिन परिवार की मदद किसी ने अभी तक नहीं की.

हादसे में मौत पर मिलती है मदद : प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी की राहतगढ जनपद पंचायत के एक गांव में सरकार की योजनाओं की हकीकत पोल खोल रही है. राहतगढ विकासखंड के चंद्रापुर ग्राम पंचायत के गढाघाट गांव के रहने वाले शालकराम यादव की एक साल पहले दुर्घटना में मौत हो गयी थी. शालकराम यादव अपने परिवार का पालन पोषण मजदूरी करके करते थे. उनके पास संबल कार्ड था. शालकराम यादव की मौत के बाद उनकी पत्नी सुधारानी पर सात बेटियों की जिम्मेदारी है. प्रदेश सरकार की संबल योजना के तहत कार्डधारक की दुर्घटना में मृत्यु पर शासन द्वारा 4 लाख रुपए की राशि दी जाती है.

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गाय का दूध बेचकर गुजारा : विधवा सुधारानी ने पति की मृत्यु की बाद योजना के तहत मिलने वाली राशि के लिए आवेदन किया और जनपद पंचायत स्तर पर आवेदन स्वीकार भी कर लिया गया है और जनवरी 2023 में ईपीओ जारी कर दिया गया. लेकिन करीब 9 महीने बीत जाने के बाद भी महिला को योजना के अंतर्गत राशि नहीं मिली है. सुधारानी एक गाय का दूध बेंचकर परिवार का पालन पोषण कर रही है, इस मामले में जनपद सीईओ सुरेश प्रजापति का कहना है कि हमारे स्तर पर पूरी कार्रवाई कर दी गयी है. शासन स्तर पर फंड जारी होने के बाद हितग्राही के खाते में राशि पहुंच जाएगी.

संबल योजना का लाभ एक साल बाद भी नहीं मिला

सागर। जिले के राहतगढ़ क्षेत्र में एक पीड़ित परिवार को अभी तक सरकारी योजना से मदद नहीं मिली है. परिवार का सहारा सिर्फ एक गाय है, जिसका दूध बेचकर महिला अपनी सात बेटियों को पालन पोषण कर रही है. वहीं दूसरी तरफ जनपद सीईओ का कहना है कि यहां के स्तर पर सभी काम कर दिए गए हैं. शासन स्तर से राशि महिला के खाते में डाली जाएगी. ये क्षेत्र मध्यप्रदेश के कद्दावर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का है. लेकिन परिवार की मदद किसी ने अभी तक नहीं की.

हादसे में मौत पर मिलती है मदद : प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी की राहतगढ जनपद पंचायत के एक गांव में सरकार की योजनाओं की हकीकत पोल खोल रही है. राहतगढ विकासखंड के चंद्रापुर ग्राम पंचायत के गढाघाट गांव के रहने वाले शालकराम यादव की एक साल पहले दुर्घटना में मौत हो गयी थी. शालकराम यादव अपने परिवार का पालन पोषण मजदूरी करके करते थे. उनके पास संबल कार्ड था. शालकराम यादव की मौत के बाद उनकी पत्नी सुधारानी पर सात बेटियों की जिम्मेदारी है. प्रदेश सरकार की संबल योजना के तहत कार्डधारक की दुर्घटना में मृत्यु पर शासन द्वारा 4 लाख रुपए की राशि दी जाती है.

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Last Updated : Sep 28, 2023, 12:48 PM IST
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