ETV Bharat / state

सावधान! स्पीड रडार गन की हैं आप पर नजर, तेज चलाए वाहन तो कटेगा चालान

मध्य प्रदेश की ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) के दस्ते में स्पीड रडार गन मशीन (Speed Radar Gun Machine) शामिल की जाएगी. सागर में पुलिस ने इस गन का ट्रायल किया. इस गन में सड़कों पर स्पीड क्रॉस करने वाले वाहन कैद होंगे. कैद हुए वाहनों की स्पीड और पूरा ब्योरा ट्रैफिक पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा. जिसके आधार पर नियम का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी. पिछले साल ओवर स्पीड के कारण 300 सड़क हादसे हुए थे.

Sagar traffic police got speed radar gun
सागर ट्रैफिक पुलिस को मिली स्पीड रडार गन
author img

By

Published : Oct 3, 2021, 4:38 PM IST

Updated : Oct 3, 2021, 5:45 PM IST

सागर। नेशनल हाईवे (National Highway) और स्पीड लिमिट वाली सड़कों पर वाहनों की बेलगाम होती रफ्तार को काबू करने के लिए ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) के दस्ते में स्पीड रडार गन मशीन (Speed Radar Gun Machine) शामिल की गई है. इस मशीन में स्पीड लिमिट (Speed Limit) क्रॉस करने वाले वाहन कैद हो जाएंगे. कैद हुए वाहनों की स्पीड और पूरा ब्योरा ट्रैफिक पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा.

दरअसल नेशनल हाईवे और अन्य सड़कों पर जहां स्पीड लिमिट तय होती है. स्पीड रडार गन का उपयोग कर वाहनों की रफ्तार पर काबू पाया जा सकेगा. फिलहाल प्रदेश के हर जिले में ट्रैफिक पुलिस के लिए स्पीड रडार गन उपलब्ध कराई गई है. सागर में इसका उपयोग नेशनल और स्टेट हाईवे पर किया जा रहा है.

सागर ट्रैफिक पुलिस को मिली स्पीड रडार गन

तेज रफ्तार वाहन बनते हैं हादसे का कारण

सड़क पर होने वाली ज्यादातर घटना है तेज रफ्तार के कारण होती हैं. ज्यादा तेज रफ्तार वाहन नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं और हादसों की वजह बनते हैं. खासकर नेशनल हाईवे पर एक तरह की दुर्घटनाएं ज्यादातर होती है. पिछले एक साल में सागर में 789 सड़क हादसे दर्ज किए गए हैं. जिनमें से करीब 300 सड़क हादसों की वजह तेज रफ्तार वाहन रहे हैं.

पुलिस आधुनिकीकरण के तहत स्पीड रडार गन

मध्य प्रदेश पुलिस को आधुनिक उपकरणों से लैस करने की कड़ी में हर जिले में स्पीड रडार गन भी उपलब्ध कराई गई है. यह स्पीड रडार गन ट्रैफिक पुलिस के दस्ते में शामिल होगी. इसके पहले स्पीड रडार गन ट्रैफिक पुलिस के एक वाहन में मौजूद होती थी और उसी के जरिए वाहनों की स्पीड को नापा जाता था. इस वाहन में स्पीड रडार गन के अलावा अल्कोहल जांचने के लिए मशीन और प्रदूषण जांच में के लिए मशीन भी लगी होती थी.

स्पीड रडार गन से होगी सहूलियत

पहले तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को पूरे वाहन को ले जाना होता था. अलग से स्पीड रडार गन मुहैया कराए जाने के कारण ट्रैफिक पुलिस के लिए काफी सहूलियत होगी. क्योंकि जो स्पीड रडार गन उपलब्ध कराई गई है, वह एक वीडियो कैमरे की टाइल्स की है. उसे लाने ले जाने में कोई परेशानी नहीं होती है. वहीं उसकी ऑपरेटिंग भी एक ट्रैफिक पुलिस का जवान कर सकता है.

एशिया के सबसे बड़े कार टेस्टिंग ट्रैक पर ETV Bharat, जहां हाई स्पीड कारों की होती है 'अग्निपरीक्षा'

कैसे काम करती है स्पीड रडार गन

  1. आधुनिक स्पीड रडार गन कई खूबियों से लैस है. इसके पहले जो स्पीड रडार गन होती थी. उसको लाने ले जाने में काफी कठिनाई होती थी. तेज रफ्तार वाले वाहनों की नंबर प्लेट को अलग से देखना होता था. लेकिन आधुनिक स्पीड रडार गन में कई सुविधाएं उपलब्ध हैं.
  2. स्पीड रडार गन को आमतौर पर नेशनल हाईवे पर इस तरह से तैनात किया जाता है कि सामने से आने वाले वाहनों की 500 मीटर दूरी से ही रिकॉर्डिंग शुरू कर उसकी रफ्तार की जानकारी मशीन दे देती है.
  3. आधुनिक स्पीड रडार गन में एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीकैनइजेशन) कैमरे लगाए गए हैं, जो रिकॉर्डिंग शुरू होते ही वाहन की स्पीड बताएंगे और साथ में नंबर प्लेट की फोटो ले सकेंगे. इस स्थिति में वाहन चालक तेज रफ्तार को लेकर बहानेबाजी नहीं कर सकेगा.
  4. स्पीड रडार गन का उपयोग उन सड़कों पर ज्यादा किया जाएगा, जिन सड़कों पर गति सीमा तय होती है. सड़क की गति सीमा और वाहन की गति की तुलना करने पर अगर वाहन की गति सड़क की गति सीमा से ज्यादा पाई जाएगी,तो संबंधित वाहन का चालान काटा जाएगा.
  5. तेज रफ्तार वाहन चलाते हुए अगर स्पीड रडार गन में दर्ज होंगे, तो रफ्तार के साथ वाहन की नंबर प्लेट भी दर्ज होगी. रजिस्ट्रेशन नंबर में वाहन मालिक का जो पता होगा, वहां जालान रजिस्टर्ड डाक से पहुंचाया जाएगा.

नितिन गडकरी के सामने टूटी Speed लिमिट, 170 की रफ्तार से दौड़ती कार में बैठकर एक्सप्रेस-वे का किया निरीक्षण

नेशनल हाईवे और व्यस्त सड़कों पर होगा स्तेमाल

सागर के ट्रैफिक डीएसपी संजय खरे बताते हैं कि स्पीड रडार गन का उपयोग ज्यादातर नेशनल हाईवे और व्यस्त सड़कों पर किया जाता है. सरकार के राजपत्र के अनुसार वाहनों की और सड़कों पर गति सीमा निर्धारित की गई है. सड़क और वाहनों की गति सीमा के अनुसार स्पीड रडार गन से वाहनों की रफ्तार दर्ज की जाती है. गति सीमा से अधिक पाए जाने पर चालान की प्रक्रिया की जाती है.

फिलहाल हम कई टोल नाकों पर इसका प्रयोग कर चुके है और वाहन चालकों पर चालानी कार्रवाई भी कर चुके हैं. अब हम नेशनल कॉरिडोर, कानपुर सागर हाईवे पर इसकी तैनाती करने जा रहे हैं.

सागर। नेशनल हाईवे (National Highway) और स्पीड लिमिट वाली सड़कों पर वाहनों की बेलगाम होती रफ्तार को काबू करने के लिए ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) के दस्ते में स्पीड रडार गन मशीन (Speed Radar Gun Machine) शामिल की गई है. इस मशीन में स्पीड लिमिट (Speed Limit) क्रॉस करने वाले वाहन कैद हो जाएंगे. कैद हुए वाहनों की स्पीड और पूरा ब्योरा ट्रैफिक पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा.

दरअसल नेशनल हाईवे और अन्य सड़कों पर जहां स्पीड लिमिट तय होती है. स्पीड रडार गन का उपयोग कर वाहनों की रफ्तार पर काबू पाया जा सकेगा. फिलहाल प्रदेश के हर जिले में ट्रैफिक पुलिस के लिए स्पीड रडार गन उपलब्ध कराई गई है. सागर में इसका उपयोग नेशनल और स्टेट हाईवे पर किया जा रहा है.

सागर ट्रैफिक पुलिस को मिली स्पीड रडार गन

तेज रफ्तार वाहन बनते हैं हादसे का कारण

सड़क पर होने वाली ज्यादातर घटना है तेज रफ्तार के कारण होती हैं. ज्यादा तेज रफ्तार वाहन नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं और हादसों की वजह बनते हैं. खासकर नेशनल हाईवे पर एक तरह की दुर्घटनाएं ज्यादातर होती है. पिछले एक साल में सागर में 789 सड़क हादसे दर्ज किए गए हैं. जिनमें से करीब 300 सड़क हादसों की वजह तेज रफ्तार वाहन रहे हैं.

पुलिस आधुनिकीकरण के तहत स्पीड रडार गन

मध्य प्रदेश पुलिस को आधुनिक उपकरणों से लैस करने की कड़ी में हर जिले में स्पीड रडार गन भी उपलब्ध कराई गई है. यह स्पीड रडार गन ट्रैफिक पुलिस के दस्ते में शामिल होगी. इसके पहले स्पीड रडार गन ट्रैफिक पुलिस के एक वाहन में मौजूद होती थी और उसी के जरिए वाहनों की स्पीड को नापा जाता था. इस वाहन में स्पीड रडार गन के अलावा अल्कोहल जांचने के लिए मशीन और प्रदूषण जांच में के लिए मशीन भी लगी होती थी.

स्पीड रडार गन से होगी सहूलियत

पहले तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को पूरे वाहन को ले जाना होता था. अलग से स्पीड रडार गन मुहैया कराए जाने के कारण ट्रैफिक पुलिस के लिए काफी सहूलियत होगी. क्योंकि जो स्पीड रडार गन उपलब्ध कराई गई है, वह एक वीडियो कैमरे की टाइल्स की है. उसे लाने ले जाने में कोई परेशानी नहीं होती है. वहीं उसकी ऑपरेटिंग भी एक ट्रैफिक पुलिस का जवान कर सकता है.

एशिया के सबसे बड़े कार टेस्टिंग ट्रैक पर ETV Bharat, जहां हाई स्पीड कारों की होती है 'अग्निपरीक्षा'

कैसे काम करती है स्पीड रडार गन

  1. आधुनिक स्पीड रडार गन कई खूबियों से लैस है. इसके पहले जो स्पीड रडार गन होती थी. उसको लाने ले जाने में काफी कठिनाई होती थी. तेज रफ्तार वाले वाहनों की नंबर प्लेट को अलग से देखना होता था. लेकिन आधुनिक स्पीड रडार गन में कई सुविधाएं उपलब्ध हैं.
  2. स्पीड रडार गन को आमतौर पर नेशनल हाईवे पर इस तरह से तैनात किया जाता है कि सामने से आने वाले वाहनों की 500 मीटर दूरी से ही रिकॉर्डिंग शुरू कर उसकी रफ्तार की जानकारी मशीन दे देती है.
  3. आधुनिक स्पीड रडार गन में एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीकैनइजेशन) कैमरे लगाए गए हैं, जो रिकॉर्डिंग शुरू होते ही वाहन की स्पीड बताएंगे और साथ में नंबर प्लेट की फोटो ले सकेंगे. इस स्थिति में वाहन चालक तेज रफ्तार को लेकर बहानेबाजी नहीं कर सकेगा.
  4. स्पीड रडार गन का उपयोग उन सड़कों पर ज्यादा किया जाएगा, जिन सड़कों पर गति सीमा तय होती है. सड़क की गति सीमा और वाहन की गति की तुलना करने पर अगर वाहन की गति सड़क की गति सीमा से ज्यादा पाई जाएगी,तो संबंधित वाहन का चालान काटा जाएगा.
  5. तेज रफ्तार वाहन चलाते हुए अगर स्पीड रडार गन में दर्ज होंगे, तो रफ्तार के साथ वाहन की नंबर प्लेट भी दर्ज होगी. रजिस्ट्रेशन नंबर में वाहन मालिक का जो पता होगा, वहां जालान रजिस्टर्ड डाक से पहुंचाया जाएगा.

नितिन गडकरी के सामने टूटी Speed लिमिट, 170 की रफ्तार से दौड़ती कार में बैठकर एक्सप्रेस-वे का किया निरीक्षण

नेशनल हाईवे और व्यस्त सड़कों पर होगा स्तेमाल

सागर के ट्रैफिक डीएसपी संजय खरे बताते हैं कि स्पीड रडार गन का उपयोग ज्यादातर नेशनल हाईवे और व्यस्त सड़कों पर किया जाता है. सरकार के राजपत्र के अनुसार वाहनों की और सड़कों पर गति सीमा निर्धारित की गई है. सड़क और वाहनों की गति सीमा के अनुसार स्पीड रडार गन से वाहनों की रफ्तार दर्ज की जाती है. गति सीमा से अधिक पाए जाने पर चालान की प्रक्रिया की जाती है.

फिलहाल हम कई टोल नाकों पर इसका प्रयोग कर चुके है और वाहन चालकों पर चालानी कार्रवाई भी कर चुके हैं. अब हम नेशनल कॉरिडोर, कानपुर सागर हाईवे पर इसकी तैनाती करने जा रहे हैं.

Last Updated : Oct 3, 2021, 5:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.