सागर। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र रेहली में नौरादेही अभ्यारण्य के विस्थापितों के लिए सर्वसुविधा युक्त कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है. यहां उन्हें एक शहरी कॉलोनी में रहने का एहसास होगा. खास बात ये है कि विस्थापितों को जमीन का पट्टा मिलेगा और मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी मिलेगा (Nauradehi Sanctuary displacement model). इसके साथ ही रोजगार के लिए आजीविका मिशन और मनरेगा जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा. यहां पर बेहतरीन सड़कों के साथ आकर्षक स्ट्रीट लाइट, बेहतरीन पार्क और पानी की व्यवस्था की जाएगी. पहले की तरह कॉलोनी बसाई जाएगी.
अफ्रीकन चीतों की नई पीढ़ी के लिए विस्थापित हो रहे गांव: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े वन्यजीव नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के साथ-साथ अफ्रीकन चीतों की अगली पीढ़ी बसाने के लिए तैयार किया जा रहा है. सबसे पहले अभ्यारण्य में बसे राजस्व ग्रामों को विस्थापित किया जा रहा है. नौरादेही अभ्यारण्य का जब 1975 में नोटिफिकेशन किया गया था, तबसे करीब 278 गांव यहां बसे थे. जब से यहां टाइगर रिजर्व बनाने और अफ्रीकन चीतों की अगली पीढ़ी को बसाने की तैयारी चल रही है, तब से इस गांव को पूरी तरह से विस्थापित किया जा रहा है. विस्थापितों को बचाने के लिए स्थानीय विधायक और पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने सर्वसुविधा युक्त कॉलोनी तैयार कराने का काम शुरू किया है(Sagar Nauradehi Sanctuary Families Displaced). इसके बारे में कहा जा रहा है कि, यह मध्यप्रदेश में विस्थापन का सर्वश्रेष्ठ मॉडल होगा. जिले की रेहली विकासखंड के समनापुर गांव में बन रही इस कॉलोनी की कई खूबियां हैं. यहां पर 340 परिवारों को बसाने की तैयारी की जा रही है.
विस्थापितों की कॉलोनी में होगी ये सुविधाएं: जिला कलेक्टर दीपक आर्य बताते हैं कि, नौरादेही अभ्यारण्य के ग्रामों के परिवारों की विस्थापन प्रक्रिया चल रही है. रेहली विकासखंड के समनापुर में लगभग 340 परिवारों को विस्थापित किया जा रहा है. इस कॉलोनी में शुद्ध पेयजल, सीमेंट रोड, ड्रेनेज सिस्टम, सीवर लाइन, स्ट्रीट लाइट, घरेलू लाइट, स्कूल भवन, आंगनवाड़ी भवन सहित अन्य सुविधाएं तैयार की जा रही है.
तीन योजनाओं को किया शामिल: कलेक्टर दीपक आर्य बताते हैं कि, विस्थापित हो रही कॉलोनी का काम 3 योजनाओं को मिलाकर किया जा रहा है. पहला कॉलोनी वासियों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाएगा. दूसरा मुख्यमंत्री भू अधिकार आवासीय योजना का भी लाभ मिलेगा. तीसरा जनपद पंचायत रेहली के पास जो अन्य निर्माण कार्यों के लिए राशि थी, उसको परिवर्तित कर वहां पर बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए कार्य किया जाएगा. पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के द्वारा तीनों योजनाओं को मिलाकर एक सर्व सुविधा युक्त कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है.
बुनियादी सुविधाओं के साथ रोजगार का भी इंतजाम: कलेक्टर ने बताया कि, विस्थापित लोगों में से महिलाओं को आजीविका भवन के निर्माण के जरिए रोजगार मिलेगा. यहां पर स्वरोजगार की व्यवस्था के साथ ही मनरेगा के माध्यम से भी रोजगार दिया जाएगा. समनापुर विस्थापन स्थल पर प्रशिक्षण केंद्र भी तैयार किया जा रहा है, जिससे स्व-सहायता समूह का निर्माण कर महिलाएं अपने कामकाज प्रारंभ करेंगी. साथ ही प्रशिक्षण स्थल पर सिलाई, कढ़ाई, बड़ी, पापड़, चटाई बनाना सहित अन्य शिक्षण प्रदान किए जाएंगे.
कॉलोनी में एक तरह के होंगे मकान: कलेक्टर दीपक आर्य बताते हैं कि, अभी यह कार्य शुरू हुआ है और संभावना है कि सभी तरह के निर्माण कार्य फरवरी तक पूरे हो जाएंगे. जिनमें सीसी रोड, पेयजल की व्यवस्था के साथ बिजली और स्ट्रीट लाइट का भी इंतजाम किया जा रहा है. यहां पर एक आकर्षक पार्क का भी निर्माण किया जा रहा है. जिन लोगों को आवास के लिए भूखंड के पट्टे दिए जा रहे हैं, उन से अनुरोध किया जा रहा है कि वह एक ही स्वरूप में मकान बनाएं. ताकि एक सुंदर और अच्छी कॉलोनी का निर्माण समनापुर में हो सके.
पहली बार सांस्कृतिक पुनर्वास पर जोर: जिला कलेक्टर कहते हैं कि, विस्थापन के साथ बेहतर पुनर्वास जरूरी है. सबसे बड़ी बात है कि लोगों को उनके ही परिवार में रखने का प्रयास किया जा रहा है, जो लोग उनके पड़ोसी थे, एक कुटुंब और एक परिवार वाले थे, वह उनके नजदीक ही रहेंगे. कई बार ऐसा होता है कि विस्थापन के बाद लोग अपने परिवार और मोहल्ले से अलग हो जाते हैं. सरकारी योजना में उनका विस्थापन तो कर दिया जाता है, लेकिन सांस्कृतिक रूप से वह दूर और अलग हो जाते हैं. यहां प्रयास ये है कि सांस्कृतिक रूप से लोग जुड़े रहे और उन्हीं लोगों और मोहल्लों के पड़ोसियों के साथ रहें. सभी आसपास रहे ताकि उन्हें अपनी मूल भूमि से अलग होने का एहसास ना हो.