सागर। मानव तस्करी से जुड़े मामले में मोतीनगर थाना क्षेत्र के निजी मीरा अस्पताल पर पुलिस की महिला अपराध सेल ने छापा मारकर कई रिकार्ड जब्त किए. सूत्रों के मुताबिक अस्पताल में मानव तस्करी मामले में नाबालिग पीड़िता की डिलेवरी कराई गई थी. मामले की जांच कर रही महिला अपराध सेल ने नाबालिग पीड़िता की डिलेवरी से संबंधित रिकार्ड नोटिस देकर मांगा था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन सहयोग नहीं कर रहा था. मीरा अस्पताल सर्जन डॉ. मोनिका जैन का है. पुलिस छापे के बाद अस्पताल की गतिविधियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. (sagar human trafficking case)
ये है पूरा मामला: महिला अपराध सेल की प्रभारी संगीता सिंह ने बताया कि जैसीनगर थाना क्षेत्र में पिछले दिनों मानव तस्करी से जुड़ा मामला दर्ज किया गया था. मामले की जांच कर रही महिला अपराध सेल को सौंपी गई. मानव तस्करी के मामले की मुख्य आरोपी बसंती अहिरवार के घर छापमार कार्रवाई में एक नाबालिग पीड़िता बरामद की थी. जिसके पास कुछ दस्तावेज बरामद हुए थे. बरामद दस्तावेजों में मीरा अस्पताल में सोनोग्राफी और डिलेवरी के कागजात मिले थे. कागजात में नाबालिग पीड़िता की जनवरी में सोनोग्राफी और अप्रैल में डिलेवरी से संबंधित जानकारी मिली. प्रभारी ने बताया कि नियम के मुताबिक सोनोग्राफी और डिलेवरी के दौरान महिला का आधार कार्ड या आयु संबंधित दस्तावेज जमा कराए जाते हैं. जांच के दौरान पीड़िता की आयु पुख्ता करने के लिए मीरा अस्पताल से रिकार्ड मांगा गया था. अस्पताल की प्रमुख डॉ. मोनिका जैन को 15 अक्टूबर और 21 अक्टूबर को नोटिस जारी किया गया, लेकिन अस्पताल द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. (police raided mira hospital in Sager)
अस्पताल पर हो सकती है पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत कार्रवाई: जांच प्रभारी संगीता सिंह ने बताया कि "पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत इस तरह का रिकार्ड रखना अनिवार्य है. सोनोग्राफी से लेकर डिलेवरी की जानकारी भी सीएमएचओ कार्यालय में जमा करानी होती है. इस मामले में अस्पताल की भूमिका की जांच की जा रही है. जांच के बाद पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है." (sagar women crime cell police raided) (sagar women crime cell) (sagar crime news)