सागर। पिछले दो दिनों से बुंदेलखंड शीतलहर और कोहरे के आगोश में सिमटा हुआ है. हालात ये है कि कपकंपाती सर्दी और घने कोहरे के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. पिछले दो दिनों में मध्य प्रदेश में सबसे कम तापमान खजुराहो में दर्ज किया गया है. एक तरफ शीतलहर के कारण लोग घर से निकलने से कतरा रहे हैं और जो लोग घर से निकल रहे हैं, उनको घने कोहरे का सामना करना पड़ रहा है.फसलों पर भी पाले का कहर दिखने लगा है.
![People suffer cold wave](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-01-2024/mp-sgr-01-bundelkhand-kohra-fasal-cut-bite-7208095_04012024193402_0401f_1704377042_343.jpg)
विजिबिलिटी हुई कम: कोहरे के कारण दिन में भी विजिबिलिटी घट गई है. सड़कों पर बड़े छोटे वाहन लाइट जलाकर चल रहे हैं. तापमान में गिरावट के साथ घने कोहरे के कारण दृश्यता घटकर 10 मी तक पहुंच गई थी. कोहरे के कारण सड़कों पर भी कम संख्या में वाहन नजर आए. दृश्यता कम होने के कारण वाहनों की रफ्तार मानो थम गयी. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले चार-पांच दिनों तक मौसम के ऐसे ही हाल रहेंगे. इसके चलते सड़कों पर वाहनों को धीरे ही चलाएं ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके. कोहरे के चलते ट्रेनों पर भी असर पड़ा है और कई ट्रेनें 2 से 4 घंटे देरी से चल रहीं हैं.
बुंदेलखंड में शीतलहर का प्रकोप: प्रदेश के दूसरे इलाकों की तरह बुंदेलखंड में भी कपकंपाने वाली सर्दी का दौर शुरू हो गया है. बुधवार की सुबह से ठंड ने घने कोहरे के साथ जोरदार दस्तक दी. अधिकतम तापमान में गिरावट की वजह से दिन भर शीतलहर का दौर जारी है.
खजुराहो में सबसे कम तापमान: मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 3 फरवरी बुधवार को मध्य प्रदेश में सबसे कम तापमान बुंदेलखंड के खजुराहो में दर्ज किया गया. खजुराहो का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक पहुंच गया था. बुधवार को सागर में न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस, नौगांव में 12.0 डिग्री सेल्सियस और टीकमगढ़ में 14.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. गुरुवार की सुबह और घने कोहरे के साथ शुरू हुई और दिनभर कोहरा छाया रहा. गुरुवार 4 फरवरी को सागर में 10.7 डिग्री, दमोह में 13.4 डिग्री, खजुराहो में 12 डिग्री और टीकमगढ़ में 14.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया.
![Frost on crops](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-01-2024/mp-sgr-01-bundelkhand-kohra-fasal-cut-bite-7208095_04012024193402_0401f_1704377042_226.jpg)
फसलों पर पाले का कहर: दूसरी तरफ मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण किसानों के माथे पर भी चिंता की लकीरें आ गई हैं. किसानों को रबी की फसलों पर पाले का डर सता रहा है. अपनी फसलों को बचाने के लिए लोग तरह-तरह का जतन कर रहे हैं.
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक: कृषि मौसम वैज्ञानिक राजेश बताते हैं कि फिलहाल उत्तरी भारत के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के चलते बर्फीली हवाएं मैदानी इलाकों में सर्दी बढ़ा रही हैं. अभी 4-5 दिन ऐसे ही मौसम के आसार हैं. ऐसे में जरूरी है कि किसान अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए जरूरी उपाय करें. अपने खेत की मेड के चारों तरफ धुआं कर दें और जब शीतलहर के साथ कोहरा छाया हुआ हो तो फसलों में सिंचाई जरूर करें, ताकि फसलों में तापमान बढ़ा रहे और फसलों को नुकसान ना हो. कृषि मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि सूरज की रोशनी ना मिल पाने के कारण कोहरे की स्थिति में फसलों की वृद्धि पर असर पड़ता है और फसलों में कीट व्याधियां लग जाती हैं. इसलिए किसानों को पाले से फसलों को बचाने के लिए सतर्कता बरतना होगी.
![Frost on crops](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-01-2024/mp-sgr-01-bundelkhand-kohra-fasal-cut-bite-7208095_04012024193402_0401f_1704377042_134.jpg)