ETV Bharat / state

रेमडेसिविर इंजेक्शन के लेखा-जोखा से कालाबाजारी पर लगेगा अंकुश

एमपी के सागर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर जिला कलेक्टर ने सभी दवा विक्रेताओं को निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी दवा विक्रेताओं को अब इंजेक्शन का लेखा-जोखा रखना होगा.

author img

By

Published : Apr 27, 2021, 5:15 PM IST

Collector Deepak Singh
कलेक्टर दीपक सिंह

सागर। प्रदेश के अन्य इलाकों की तरह सागर में भी कोरोना के इलाज में अहम रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जानकारी मिल रही है. कोरोना मरीजों के परिजन इंजेक्शन के लिए दर-दर भटक रहे हैं और मनमानी कीमत देने तैयार हैं, लेकिन इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो रही है. इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद जिला प्रशासन ने जिले के समस्त दवा विक्रेताओं को रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री का लेखा-जोखा रखने और उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

जिला कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
जिला कलेक्टर दीपक सिंह ने रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर जिले में संचालित समस्त थोक एवं फुटकर दवाई विक्रेताओं को खरीदी बिक्री का रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिये हैं. इसकी जानकारी ड्रग इंस्पेक्टर को रोजाना देने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर ने सभी मेडिकल संचालक, रिटेलर, होलसेल एवं सप्लायर को आदेश दिया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है. जिन दवा व्यापारियों द्वारा इंजेक्शन की खरीदी बिक्री की जाती है. वह सभी दवा व्यापारी का रिकॉर्ड अनिवार्य रूप से रखेंगे.

क्राइम ब्रांच को मिल रहीं ऑनलाइन रेमडेसिविर बेचने की शिकायत

रिकॉर्ड नहीं मिलने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई
दवा व्यापारियों को संक्रमित व्यक्ति का मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, डॉक्टर द्वारा लिखी गई पर्ची की छाया प्रति, इलाज करने वाले हॉस्पिटल वार्ड, बेड और पता के अलावा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के प्रावधानों के तहत रखना होगा. निरीक्षण करने वाले अधिकारियों के समक्ष पूरा रिकॉर्ड भी उपस्थित करना होगा. रिकॉर्ड प्रस्तुत न करने की स्थिति में नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

सागर। प्रदेश के अन्य इलाकों की तरह सागर में भी कोरोना के इलाज में अहम रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जानकारी मिल रही है. कोरोना मरीजों के परिजन इंजेक्शन के लिए दर-दर भटक रहे हैं और मनमानी कीमत देने तैयार हैं, लेकिन इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो रही है. इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद जिला प्रशासन ने जिले के समस्त दवा विक्रेताओं को रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री का लेखा-जोखा रखने और उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

जिला कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
जिला कलेक्टर दीपक सिंह ने रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर जिले में संचालित समस्त थोक एवं फुटकर दवाई विक्रेताओं को खरीदी बिक्री का रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिये हैं. इसकी जानकारी ड्रग इंस्पेक्टर को रोजाना देने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर ने सभी मेडिकल संचालक, रिटेलर, होलसेल एवं सप्लायर को आदेश दिया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है. जिन दवा व्यापारियों द्वारा इंजेक्शन की खरीदी बिक्री की जाती है. वह सभी दवा व्यापारी का रिकॉर्ड अनिवार्य रूप से रखेंगे.

क्राइम ब्रांच को मिल रहीं ऑनलाइन रेमडेसिविर बेचने की शिकायत

रिकॉर्ड नहीं मिलने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई
दवा व्यापारियों को संक्रमित व्यक्ति का मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, डॉक्टर द्वारा लिखी गई पर्ची की छाया प्रति, इलाज करने वाले हॉस्पिटल वार्ड, बेड और पता के अलावा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के प्रावधानों के तहत रखना होगा. निरीक्षण करने वाले अधिकारियों के समक्ष पूरा रिकॉर्ड भी उपस्थित करना होगा. रिकॉर्ड प्रस्तुत न करने की स्थिति में नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.