सागर। 22 साल पहले घर से लापता प्रहलाद सिंह भटकते-भटकते पाकिस्तान पहुंच गया, जहां उसे जेल में डाल दिया गया, तब से वह वहीं जेल में बंद है, लेकिन अब उसकी वतन वापसी जल्द होने वाली है, सागर जिले के गौरझामर तहसील के घोसी पट्टी गांव का प्रहलाद सिंह 1998 में घर से लापता हो गया था. प्रहलाद मानसिक रूप से विक्षिप्त है. 2014 में प्रहलाद के परिजनों को उसके पाकिस्तानी जेल में बंद होने की जानकारी मिली थी, तब से लगातार कोशिशों के बाद एक साल पहले सागर एसपी के विशेष प्रयासों के चलते प्रहलाद सिंह की पाकिस्तान से रिहाई संभव हो पाई है. 30 अगस्त को बाघा-अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान सरकार प्रहलाद सिंह को भारत सरकार को सौंपेगी.
सागर से कैसे पहुंच गया पाकिस्तान
सागर जिले की गौरझामर तहसील के घोसी पट्टी गांव का प्रहलाद सिंह पिता कुंदी लाल राजपूत 1998 में घर से लापता हो गया था, जिसके बाद घरवालों ने प्रहलाद की काफी खोजबीन की, पर कोई भी जानकारी नहीं मिली. एक टेलीविजन कार्यक्रम के जरिए प्रहलाद के पाकिस्तान की जेल में कैद होने की जानकारी उसके परिजनों को मिली थी, तब परिजन रिहाई के लिए प्रयास करने लगे.
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6 साल बाद जगी वापसी की उम्मीद
प्रहलाद सिंह के पाकिस्तान की जेल में कैद होने की जानकारी मिलने के बाद उसके परिजन उसकी रिहाई के लिए कोशिश करते रहे, लेकिन 6 साल तक उन्हें सफलता नहीं मिली. जुलाई 2020 में प्रहलाद के परिजनों ने सागर एसपी अतुल सिंह से मुलाकात की और उनको जानकारी दी. सागर एसपी अतुल सिंह के विशेष प्रयासों के चलते प्रह्लाद सिंह की रिहाई संभव हो सकी है.
30 अगस्त को प्रहलाद की वतन वापसी
प्रहलाद की रिहाई के मामले में सागर एसपी अतुल सिंह ने विदेश मंत्रालय से पत्राचार किया, प्रहलाद की पहचान की तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद 30 अगस्त को बाघा-अटारी बार्डर से प्रहलाद की वतन वापसी होगी, विदेश मंत्रालय ने बीएसएफ को जानकारी भेज दी है.
प्रहलाद के परिजन खुशी से गदगद
22 साल बाद प्रहलाद की पाकिस्तान से घर वापसी को लेकर प्रहलाद के परिजनों में खुशी की लहर है और बेसब्री से 30 अगस्त का इंतजार कर रहे हैं.