सागर। तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की समस्या जोर पकड़ती जा रही है. सोमवार को सागर के जिला चिकित्सालय में दिनभर ऑक्सीजन को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती रही. मंगलवार तड़के 4 बजे तो ऐसे हालात बने कि मौके पर तैनात पुलिस अगर तत्परता नहीं दिखाती, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था. जिला चिकित्सालय में कोरोना वार्ड में सिर्फ 15 मिनट की आक्सीजन बची थी. जिसकी खबर मिलते ही डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ में हड़कंप मच गया. इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को मिलते ही तत्काल बीएमसी से 20 सिलेंडर का इंतजाम किया गया, तब जाकर सबकी जान में जान आई.
![Bundelkhand Medical College](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sgr-05a-jila-hospital-oxygen-7208095_27042021174043_2704f_1619525443_811.jpg)
कोरोना वार्ड में बची थी 15 मिनिट की ऑक्सीजन
सागर के जिला चिकित्सालय में कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों की सांसें थमने ही वाली थी लेकिन देवदूत बने पुलिसकर्मियों की सूझबूझ और मशक्कत के चलते सांसों की डोर टूट नही सकी. मंगलवार तड़के 4 बजे जिला चिकित्सालय के कोरोना वार्ड में तैनात डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ में अफरा-तफरी का माहौल हो गया, जब उन्हें पता चला कि वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिर्फ 15 मिनट की रह गई है. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने इसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी. हालात की गंभीरता समझते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने जिला चिकित्सालय के नजदीक बने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से 20 सिलेंडर की व्यवस्था कराई. पुलिस कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए बीएमसी से सभी सिलेंडर जिला चिकित्सालय पहुंचाएं. तब जाकर जिला चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की जान में जान आई.
सुरक्षा के भरोसे के बाद काम पर लौटे चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ
हालात ना बिगड़ पाए इसलिए तैनात कर दी गई थी पुलिस
जैसे ही वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना मिली कि जिला चिकित्सालय में सिर्फ 15 मिनिट की ऑक्सीजन बची है. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन जहां ऑक्सीजन के इंतजाम में जुट गया, तो ऑक्सीजन खत्म होने की स्थिति में जिला चिकित्सालय में हंगामा ना हो और अफरातफरी ना मचे, इसके लिए शहर के 2 थानों से अतिरिक्त पुलिस बल भेज दिया गया. हालांकि बीएमसी से जिला चिकित्सालय तक सिलेंडर लाने की जिम्मेदारी निभा रहे पुलिस वालों ने सूझबूझ और तत्परता दिखाते हुए ऐसे हालात नहीं बनने दिए और ऑक्सीजन खत्म होने के पहले ही सुचारु रुप से सप्लाई शुरू हो गई.