सागर। मध्य प्रदेश के सागर में शुक्रवार देर रात से शुरू हुई भारी बारिश के चलते पूरा शहर एक तरह से जलमग्न हो गया है. देश की 100 स्मार्ट सिटी में शामिल सागर शहर की सड़कें जहां पानी में डूब गई हैं तो वहीं लोगों की दुकानों और घरों में पानी भर गया है. मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में सागर शहर में ही 142 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. जो मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बताई जा रही है. फिलहाल बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. जिला कलेक्टर ने शनिवार सुबह ही स्कूलों की छुट्टी कर दी. बारिश का सिलसिला रुकता हुआ नजर नहीं आ रहा है.
शुक्रवार देर रात शुरू हुआ बारिश का सिलसिला: शुक्रवार शाम तक मौसम एकदम साफ था आसमान में बादल जरूर छाए थे, लेकिन शुक्रवार देर शाम हल्की बूंदाबांदी के साथ बारिश का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर रात में भारी बारिश में तब्दील हो गया. शुक्रवार देर रात से शुरू हुई बारिश शनिवार सुबह लगातार जारी है. पूरे शहर से बारिश की तस्वीरें सामने आ रही हैं. शहर की सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं. लोगों के दुकानों और घरों में पानी भर गया है. निचली बस्तियों में कई घर डूब गए हैं. सड़कों पर रखी लोगों के वाहन डूब गए हैं और बारिश के चलते कई इलाकों में लोग सड़कों पर आ गए हैं और नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. सड़कें, घर, दुकान, मंदिर, अस्पताल और सरकारी दफ्तरों में पानी भर गया है. बारिश की लगातार जारी रहने से अभी और स्थिति खराब होने के आसार हैं.
12 घंटे में ही हो गई 142 मिमी बारिश: मौसम विभाग से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश पिछले 24 घंटे में सागर में दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटे में सागर में मौसम विभाग के अनुसार 142 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. हालांकि बारिश की शुरुआत के लिहाज से देखा जाए तो महज 12 घंटे में ही 142 मिलीमीटर बारिश शुरू हो चुकी है और फिलहाल यह बारिश रोकने के आसान नजर नहीं आ रहे हैं.
खुल गई स्मार्ट सिटी की पोल: सागर से देश की 100 स्मार्ट सिटी में शामिल है. महज 12 घंटे की बारिश में शहर की सड़कें जलमग्न हो जाने और कई इलाकों में पानी भर जाने के साथ कई बस्तियों में पानी भर जाने के बाद नगर निगम सागर और स्मार्ट सिटी के व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है. जिस तरह से शहर में जल भरा हुआ है, माना जा रहा है कि बारिश के पहले होने वाले इंतजामों में नगर निगम ने लापरवाही बरती है. कई इलाकों में जलभराव के कारण लोग सड़कों पर आ गए हैं और नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा भी राहत और बचाव का सिलसिला कहीं नजर नहीं आ रहा है.