सागर। पिछले हफ्ते हुई मॉनसून की जोरदार बारिश के कारण इलाके की सभी नदियां उफान पर है. ऐसे में सागर भोपाल मार्ग पर बीना नदी पर राहतगढ़ वाॅटरफाल का नजारा देखते ही बन रहा है. लगातर बाारिश के बाद राहतगढ़ वाटरफाॅल शबाब पर है और मौसम साफ होते ही वाटरफॉल पर सेलानियों का तांता लगा हुआ है. इन दिनों राहतगढ़ वाटरफॉल को पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां पर सैलानियों की सुविधा, मनोरंजन और सुरक्षा के लिहाज से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. दूर-दूर से राहतगढ़ वाटरफॉल का नजारा देखने पहुंचने वाले सैलानी यहां बढ़ाई जा रही सुविधाओं को लेकर काफी उत्साहित है.
बारिश के बाद राहतगढ़ वाटरफॉल पर लगा सैलानियों का तांता: सागर भोपाल मार्ग पर राहतगढ़ कस्बे से करीब पांच किलोमीटर दूर घने जंगलों से गुजर रही बीना नदी पर बरसात के दिनों में एक खूबसूरत जलप्रपात आकार ले लेता है. सागर, रायसेन, विदिशा और भोपाल के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहने वाले राहतगढ़ वाटरफॉल पर इन दिनों सैलानियों का तांता लगा हुआ है. लगातार बारिश के बाद मौसम साफ होते ही सागर जिले के राहतगढ़ वाटरफॉल को देखने हजारों सैलानी पहुंचने लगे हैं. बीते हफ्ते हुई लगातार बारिश के कारण लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हो रहे थे. लेकिन बारिश थमने के बाद लोग शानदार मौसम का मजा लेने के लिए पर्यटक प्राकृतिक स्थलों की तरफ रूख कर रहे हैं.
बारिश थमते ही राहतगढ़ वाटरफॉल पर बड़ी संख्या में सैलानियों का तांता लगा हुआ है. पर्यटन विभाग द्वारा वाटरफाॅल की साइट पर कराए जा रहे सौंदर्यीकरण और विकास कार्यों ने खूबसूरती में चार चांद लगा दिए हैं. वही सैलानियों के लिए कई सुविधाएं भी मुहैया करायी जा रही है. खासकर वाटरफाल में सैलानियों की सुरक्षा को लेकर बेहतर काम किया जा रहा है. सैलानियों का कहना है कि अब वॉटरफॉल की सूरत ही बदल गई है. पहले से अच्छी सुरक्षा व्यवस्थाएं हो गयी है और वाटरफॉल के आसपास सौंदर्यीकरण ने खूसूरती में चार चांद लगा दिए हैं.
खूबसूरती के साथ सुरक्षा पर भी फोकस: राहतगढ़ जल प्रपात पर कायाकल्प का काम बीते एक साल से लगा हुआ है. वाटरफॉल की साइट पर सुरक्षा व्यवस्था के अलावा पिकनिक स्पॉट और सेल्फी प्वाइंट भी बनाये गए. इसके अलावा हर साल हादसों के लिए मशहूर हो चुके राहतगढ़ वाटरफॉल में सैलानियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. स्थानीय विधायक और राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत वाटरफॉल की कायाकल्प को लेकर काफी संजीदा रहे है, उनकी सोच थी कि जल्द से जल्द वाटरफॉल की सूरत बदलनी चाहिए. पिछले एक साल से यहां निर्माण कार्य चल रहे है.