सागर। महत्वाकांक्षी परियोजना स्मार्ट सिटी परियोजना वैसे तो शहरों को आधुनिक बनाने के लिए है, लेकिन स्मार्ट सिटी में शामिल सागर शहर में सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड एक से बढ़कर एक कारनामे दिखा रही है. अगर सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की कारगुजारी देखें तो सागर में कार चालकों के लिए भी हेलमेट लगाना होगा, नहीं तो उनका चालान कट जाएगा. जी हां, हाल ही में सागर स्मार्ट सिटी द्वारा काटे गए चालान में एक कार चालक का ई-चालान काटकर घर भेजा है और चालान की वजह बिना हेलमैट के कार चलाना बताया गया है. इतना ही नहीं स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने एक मोटरसाइकिल सवार को ऐसा चालान भेजा है, जो मोटरसाइकिल उसके पास है ही नहीं. गौरतलब है कि सागर में e-challan की व्यवस्था स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा देखी जाती है. शहर में लगाए गए सर्विलेंस कैमरा का कंट्रोल रूम स्मार्ट सिटी लिमिटेड के दफ्तर में ही है.
तकनीकी कामों में भी खामियां : सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शहर में कराए जा रहे निर्माण कार्यों को लेकर आए दिन सवाल खड़े होते रहते हैं. अब स्मार्ट सिटी द्वारा कैमरों के जरिए मॉनीटरिंग कर काटे जा रहे चालानों को लेकर सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, शहर में लगे सभी सर्विलांस कैमरों की मॉनीटरिंग सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा की जाती है. ऐसे में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की मॉनीटरिंग करने वाले कर्मचारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, दो फरवरी को सुबह एक चार पहिया वाहन एमपी 20 बीए 5521 सागर के परेड मंदिर चौराहे के पास से गुजरा था. उसके खिलाफ यातायात के नियम का उल्लंघन करते हुए जुर्माना लगाया गया है. इसके तहत जबलपुर के कोतवाली मार्ग निवासी हीरेश सोनी पिता सतीष सोनी को चालान भेजा गया है. चालान में उल्लेख है कि कार चालक ने हैलमेट नहीं लगाया था. इस कारण उसका 250 रुपए का चालान किया जाता है, जिसे सागर के पुलिस चौकी में जमा कराना है.
दूसरे मॉडल की बाइक का भेजा चालान : इसके अलावा भी स्मार्ट सिटी सागर के और भी कारनामे चर्चा का विषय बने हुए हैं. स्मार्ट सिटी लिमिटेड सागर ने सागर के ही आदर्श रावत को उनकी बाइक का चालान भेजा है. इसमें फोटो में न उनकी गाड़ी है, न ही उनकी गाड़ी का मॉडल लिखा है, न नंबर सही है. उनके पास थाने से फोन भी पहुंचा, जब उन्होंने बताया कि चालान हीरो कंपनी की डीलक्स मॉडल गाड़ी का काटा गया है, जबकि उनके पास हीरो की पैसन गाड़ी है. नंबर की सीरीज में भी अंतर है, किसी दूसरे का चालन मेरे नाम से काट दिया गया, चालान पर जो फोटो लगी है, वह भी मेरी गाड़ी की नहीं है. लेकिन पुलिस का कहना है कि आपको चालान तो भरना ही पड़ेगा. आदर्श रावत ने बताया कि गाड़ी का नंबर मेरा MP-15-ND-4333 और मेरी गाड़ी हीरो पैशन है. जिस गाड़ी का मुझे चालान भेजा गया, वो गाड़ी डीलक्स दिख रही है,जिसका नंबर MP-15-NF-4333 है.
क्या कहना है जिम्मदारों का : इस मामले में जब पीड़ित पक्ष द्वारा यातायात पुलिस से बात की गयी तो यातायात पुलिस का कहना है कि ई चालान अगर आपको आया है, तो आपको भरना ही होगा. उसमें जो गड़बड़ियां होंगी, उसकी जांच कराई जाएगी. वहीं इस मामले में सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ चंद्रशेखर शुक्ला का कहना है कि ऐसी कुछ शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच कराई जा रही है. जांच पूरी होने पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, चालान काटने में हो रही गड़बड़ियों को लेकर वाहन चालकों में खासा रोष व्याप्त है. वाहनचालकों के साथ हो रही मनमानी के केस लगातार सामने आ रहे हैं.