सागर। मध्यप्रदेश की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी डाॅ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय और सागर स्थित महार रेजिमेंट सेंटर के बीच सेना के जवानों के विकास के लिए अकादमिक करार हुआ है. बताया जा रहा है कि किसी शैक्षणिक संस्थान और सेना के बीच देश में ऐसा पहला करार है.
अग्निवीर जवानों के लिए एग्रीमेंट: डाॅ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय और सागर स्थित महार रेजिमेंट सेंटर के बीच हुए इस एग्रीमेंट से अग्निवीर जवानों का प्रशिक्षण और पढ़ाई साथ-साथ चलेगी. सागर यूनिवर्सिटी अग्निवीरों और सेना के जवानों के लिए विशेष कोर्स तैयार करेगी. विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और शिक्षक रेजिमेंट सेंटर में जाकर पढ़ाई कराएंगे. इसके अलावा सेना के जवानों के लिए सागर यूनिवर्सिटी कई तरह की विशेष सुविधाएं प्रदान करेगी. जिनसे उनकी सेना की नौकरी में कोई परेशानी ना हो और डिग्री के साथ-साथ हुनर भी हासिल हो. इससे अग्निवीर जवानों की शैक्षणिक, व्यावसायिक और तकनीकी दक्षता बढ़ेगी.
एग्रीमेंट में क्या: सागर विश्वविद्यालय के मीडिया ऑफिसर डॉ विवेक जायसवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा केंद्र के माध्यम से शिक्षा सबके द्वार योजना के तहत सभी को शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है.भारतीय सेना के जवान बहुत कम उम्र में सेना में भर्ती होते हैं और ऐसे में उनकी उच्च शिक्षा नहीं हो पाती है. भारत सरकार अग्निवीर योजना के तहत नौजवानों को भर्ती कर देश की रक्षा के लिए जांबाज सैनिक तैयार कर रही है.उम्र की सीमा के कारण वे डिग्री हासिल नहीं कर पा रहे हैं. इस एग्रीमेंट के जरिए अग्निवीर जवानों के लिए यूजी और पीजी के परंपरागत कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और डिग्री कोर्स के अलावा वोकेशनल कोर्स करने का मौका मिलेगा. वहीं कुछ डिग्री कोर्स सेना की जरुरत के हिसाब से भी तैयार किए जाएंगे.
कुलपति और ब्रिगेडियर ने किए हस्ताक्षर: डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर और भारतीय सेना के महार रेजिमेंट सेंटर, सागर के बीच अकादमिक समझौता महार रेजिमेंट सेंटर सागर के सुरेश चंद्र सभागार में हुआ. डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता और महार रेजिमेंट के ब्रिगेडियर इन्द्रजीत सिंह भल्ला ने करार पर हस्ताक्षर किए. करार के तहत महार रेजिमेंट के अधिकारियों, सैनिकों, अग्निवीरों और उनके परिजनों के शैक्षणिक, व्यावसायिक एवं तकनीकी दक्षता बढ़ाने के सन्दर्भ में ये अकादमिक समझौता किया गया है.
सेना के साथ पहला अकादमिक समझौता: डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने करार को लेकर कहा कि अग्निवीरों के शैक्षणिक,व्यावसायिक एवं तकनीकी कौशल को विकसित करने किसी विश्वविद्यालय के साथ ये पहला समझौता है. बाबा साहब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर आकार लेने वाला ये ऐतिहासिक समझौता है.ये अकादमिक समझौता बाबा साहब अंबेडकर और डाॅ हरिसिंह गौर के महान संकल्पों की साझा परिणीति है.
ये भी पढ़ें: |
हुनर के जरिए रोजगार में मिलेगी मदद: महार रेजिमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर इंद्रजीत सिंह भल्ला ने कहा कि महार रेजीमेंट के परिवारों की महिलायें अपने बच्चों और परिवार को आगे ले जाने के लिए हर समय उत्साहवर्धन करती हैं. ये समझौता उनकी शिक्षा और कौशल विकास में अहम भूमिका निभाएगा. अग्निवीरों के लिए तैयार किए जा रहे पाठ्यक्रम की मदद से वे सेना में सेवा देने के बाद अपने जीवन को रोजगार और हुनर के जरिए मजबूत कर पायेंगे.