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MP BJP Crisis: एक तस्वीर ने बढ़ा दी बीजेपी के साथ ही मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की धड़कनें,जानिए क्या है पूरा मामला

मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में गुरुवार से वायरल हो रही एक तस्वीर ने धूम मचा रखी है. दरअसल, इस तस्वीर में मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम के राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के साथ नजर आ रहे हैं. कयास लगाया जा रहा है कि राजेंद्र सिंह मोकलपुर कांग्रेस में घरवापसी कर सकते हैं. कांग्रेस को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सुरखी सीट में उनकी टक्कर का नेता चाहिए. कांग्रेस की इस चाहत को मोकलपुर पूरी कर सकते हैं.

increased heartbeat of BJP
बीजेपी के साथ ही मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की धड़कनें बढ़ीं
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Published : Jun 2, 2023, 1:55 PM IST

सागर। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ राजेंद्र सिंह मोकलपुर को लड़ाने के लिए कांग्रेस ने घरवापसी के प्रयास किए थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें मंत्री पद का दर्जा देने की बात कहकर कांग्रेस में जाने से रोक लिया था. सरकार बनने के बाद राजेंद्र सिंह मोकलपुर को खनिज विकास निगम में उपाध्यक्ष भी बनाया गया. लेकिन बुंदेलखंड में उनके कद के लिहाज से यह पद छोटा माना जा रहा है. फिलहाल बुंदेलखंड में चर्चा जोर पकड़ रही है कि राजेंद्र सिंह मोकलपुर कांग्रेस में वापसी करके 2023 विधानसभा चुनाव में गोविंद सिंह के खिलाफ लड़ सकते हैं. ये मुकाबला गोविंद सिंह राजपूत के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के करीबी हैं : राजेंद्र सिंह मोकलपुर की सुरखी विधानसभा क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेस नेताओं में गिनती हुआ करती थी. वह कांग्रेस में अर्जुन सिंह गुट के नेता माने जाते थे और उनकी नजदीकी पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी है. राजेंद्र सिंह मोकलपुर का दबदबा इतना है कि लंबे समय तक उनके परिवार के सदस्य सागर कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा पैतृक गांव में लगातार उनके परिवार या उनके समर्थक निर्विरोध सरपंच चुने जाते रहे हैं. राजेंद्र सिंह मोकलपुर जब कांग्रेस में हुआ करते थे तो वहां गुटबाजी के चलते गोविंद सिंह राजपूत से उनकी अदावत जगजाहिर थी. इसी वजह के चलते उनका धीरे-धीरे कांग्रेस से मोहभंग हुआ और उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. मुख्यमंत्री के करीबी नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के प्रयासों से राजेंद्र सिंह मोकलपुर ने भाजपा का दामन थाम लिया और 2008 में गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सुरखी विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में राजेंद्र सिंह मोकलपुर हार गए.

गोविंद राजपूत के खिलाफ कांग्रेस की तलाश : ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव में उन्होंने भारी जीत हासिल की थी. अब धनबल, बाहुबल और हर तरीके से चुनाव लड़ने में सक्षम गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ कांग्रेस को एक दमदार प्रत्याशी की जरूरत है, जो राजपूत को उन्हीं के तरीके से जवाब देने और मुकाबला करने में सक्षम हो. इस मामले में राजेंद्र सिंह मोकलपुर सटीक हैं. बाहुबल और धनबल में वह गोविंद सिंह राजपूत से मुकाबला करने में सक्षम हैं. सुरखी विधानसभा सीट के बड़े इलाके में उनका अच्छा जनाधार है. अगर वह कांग्रेस का दामन थामते हैं और कांग्रेस के टिकट पर सुरखी से चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबला काफी रोचक होगा.

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क्या कहते हैं राजेंद्र सिंह मोकलपुर : कांग्रेस नेता अजय सिंह के साथ तस्वीर को लेकर राजेंद्र सिंह मोकलपुर का कहना है कि अजय सिंह राहुल भैया से आज से नहीं सालों पुराने संबंध हैं और समय-समय पर राजनीति से हटकर हम लोगों की मुलाकात होती रहती है. यह भी सामान्य मुलाकात है. इसके राजनीतिक कयास नहीं लगाए जाना चाहिए. हालांकि तस्वीर के साथ एक वीडियो भी चर्चा का विषय बना है, जो कुछ दिनों पहले राजेंद्र सिंह मोकलपुर और उनके समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था.

सागर। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ राजेंद्र सिंह मोकलपुर को लड़ाने के लिए कांग्रेस ने घरवापसी के प्रयास किए थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें मंत्री पद का दर्जा देने की बात कहकर कांग्रेस में जाने से रोक लिया था. सरकार बनने के बाद राजेंद्र सिंह मोकलपुर को खनिज विकास निगम में उपाध्यक्ष भी बनाया गया. लेकिन बुंदेलखंड में उनके कद के लिहाज से यह पद छोटा माना जा रहा है. फिलहाल बुंदेलखंड में चर्चा जोर पकड़ रही है कि राजेंद्र सिंह मोकलपुर कांग्रेस में वापसी करके 2023 विधानसभा चुनाव में गोविंद सिंह के खिलाफ लड़ सकते हैं. ये मुकाबला गोविंद सिंह राजपूत के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के करीबी हैं : राजेंद्र सिंह मोकलपुर की सुरखी विधानसभा क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेस नेताओं में गिनती हुआ करती थी. वह कांग्रेस में अर्जुन सिंह गुट के नेता माने जाते थे और उनकी नजदीकी पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी है. राजेंद्र सिंह मोकलपुर का दबदबा इतना है कि लंबे समय तक उनके परिवार के सदस्य सागर कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा पैतृक गांव में लगातार उनके परिवार या उनके समर्थक निर्विरोध सरपंच चुने जाते रहे हैं. राजेंद्र सिंह मोकलपुर जब कांग्रेस में हुआ करते थे तो वहां गुटबाजी के चलते गोविंद सिंह राजपूत से उनकी अदावत जगजाहिर थी. इसी वजह के चलते उनका धीरे-धीरे कांग्रेस से मोहभंग हुआ और उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. मुख्यमंत्री के करीबी नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के प्रयासों से राजेंद्र सिंह मोकलपुर ने भाजपा का दामन थाम लिया और 2008 में गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सुरखी विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में राजेंद्र सिंह मोकलपुर हार गए.

गोविंद राजपूत के खिलाफ कांग्रेस की तलाश : ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव में उन्होंने भारी जीत हासिल की थी. अब धनबल, बाहुबल और हर तरीके से चुनाव लड़ने में सक्षम गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ कांग्रेस को एक दमदार प्रत्याशी की जरूरत है, जो राजपूत को उन्हीं के तरीके से जवाब देने और मुकाबला करने में सक्षम हो. इस मामले में राजेंद्र सिंह मोकलपुर सटीक हैं. बाहुबल और धनबल में वह गोविंद सिंह राजपूत से मुकाबला करने में सक्षम हैं. सुरखी विधानसभा सीट के बड़े इलाके में उनका अच्छा जनाधार है. अगर वह कांग्रेस का दामन थामते हैं और कांग्रेस के टिकट पर सुरखी से चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबला काफी रोचक होगा.

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